बीकानेर. भारतीय सेना के रणनीतिक कौशल और हौसलों का फायर पावर युद्धाभ्यास (Fire power exercise of Indian Army and Air Force) के दौरान सोमवार को प्रदर्शन किया गया. एशिया की सबसे बड़ी महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ भारतीय वायु सेना और थल सेना की ओर से संयुक्त फायर पावर युद्धाभ्यास तीन दिन तक चला. इस अभियान को ऑपरेशन शत्रुनाथ नाम दिया गया है. इस दौरान वायुसेना ने जहां अपने अत्याधुनिक टैंक अजेय, भीष्मा वज्र श्रंग के सहारे अपने रणनीतिक कौशल का परिचय दिया तो वहीं वायुसेना ने युद्धाभ्यास के दौरान दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने के लिए फाइटर प्लेन ने ताबड़तोड़ हमला किया.
दुश्मन के ठिकाने नष्ट
अभ्यास के दौरान के दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त कर अपनी ताकत को कई बार साबित कर चुकी भारतीय सेना ने वायुसेना के साथ संयुक्त रूप से युद्धाभ्यास में भी काल्पनिक युद्ध की तरह शौर्य और दमखम का प्रदर्शन किया. इस दौरान सेना की ओर से काम में लिए जा रहे आधुनिक हथियारों को परखा गया. सप्तशक्ति कमान के साथ हुए इस युद्धाभ्यास में सेना की इंजीनियरिंग कोर मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री की यूनिट्स भी शामिल हुई.
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संयुक्त युद्धाभ्यास : इस दौरान वायु सेना के लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर भी शामिल हुए. थल और वायु सेना ने इस दौरान साथ मिलकर दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के अपने रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया.
बढ़ाएं आत्मतनिर्भरता
युद्धाभ्यास में सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एस भिंडर, दक्षिणी पश्चिमी कमान के कमांडर इन चीफ शामिल हुए. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान और स्वदेशी तकनीक से बने हथियारों के सहारे सेना अपनी क्षमता को बढ़ा रही है. युद्धाभ्यास में भारतीय सेना की ओर से काम में लिए जा रहे आधुनिक हथियारों को भी प्रदर्शित किया गया.