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Protest of RTH: धरने पर बैठे डॉक्टर्स को मनाने के लिए कांग्रेस ने निकाली पदयात्रा, चिकित्सकों ने नहीं की बात - सविनय निवेदन पदयात्रा

राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में धरने पर बैठे चिकित्सकों से वार्ता के लिए बीकानेर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पदयात्रा निकाली. इस दौरान चिकित्सकों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन डॉक्टर्स ने मौन व्रत जारी रखा.

Congress workers appeal doctors to back to work in Bikaner
Protest of RTH: धरने पर बैठे डॉक्टर्स को मनाने के लिए कांग्रेस ने निकाली पदयात्रा, चिकित्सकों ने नहीं की बात
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Published : Apr 3, 2023, 5:21 PM IST

Updated : Apr 3, 2023, 7:41 PM IST

डॉक्टर्स की हड़ताल पर कांग्रेस ने निकाली सविनय निवेदन पदयात्रा

बीकानेर. राइट टू हेल्थ बिल (RTH) के समर्थन में सोमवार को बीकानेर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने गांधी पार्क से मेडिकल कॉलेज सर्किल तक सविनय निवेदन पदयात्रा निकाली. आरटीआई बिल के विरोध में मेडिकल कॉलेज के सामने धरने पर बैठे निजी चिकित्सकों के पास पदयात्रा के रूप में पहुंचे कांग्रेसी नेताओं ने इस दौरान निजी चिकित्सकों से बिल के विरोध को स्थगित करने और इसका समर्थन करने का निवेदन किया. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने चिकित्सकों से वार्ता करने का प्रयास किया, लेकिन चिकित्सक मुंह पर पट्टी लगाए हुए मौन व्रत पर रहे.

पदयात्रा से दिया संदेशः 2 दिन पहले जहां एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने पदयात्रा निकालकर चिकित्सकों को गुलाब भेंट किए थे, तो वहीं सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार का समर्थन करते हुए इस बिल को आम जनता का हितैषी बताया. साथ ही कहा कि निजी चिकित्सकों के लिए भी यह एक अवसर है. कांग्रेसी नेता बिश्ना राम सियाग ने कहा कि सरकार इतनी बड़ी योजना लेकर आई है और इससे निजी अस्पताल भी लाभान्वित होंगे. साथ ही छोटे अस्पतालों को भी इससे फायदा होगा क्योंकि इलाज के खर्च का पुनर्भरण सरकार करेगी.

पढ़ेंः RTH के विरोध में 23 निजी अस्पतालों ने किया चिरंजीवी और RGHS योजनाओं का बहिष्कार

हठधर्मिता छोड़ करें सरकार से बातः इस दौरान कांग्रेसी नेता शशिकांत शर्मा ने कहा कि जब भी निजी अस्पतालों में किसी भी तरह से मरीज के इलाज में लापरवाही या अन्य कोई कारण से घटना होती है, तो हम लोग सबसे पहले डॉक्टर के पक्ष में लामबंद होकर उस मामले में समर्थन करते हैं. लेकिन आज जब सरकार इतना अच्छा बिल आम जनता के लिए लेकर आई है, तो डॉक्टर को भी अपना हठधर्मिता छोड़ते हुए सरकार से वार्ता करनी चाहिए और इसका हल निकालना चाहिए. लेकिन किसी भी तरह से अस्पतालों को बंद करना ठीक नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान अगर किसी मरीज को इलाज नहीं मिलने से कोई अनहोनी हो गई, तो जनता उग्र हो जाएगी.

पढ़ेंः RTH Bill Protest: बच्चों ने दिया संदेश, हमारे माता-पिता डॉक्टर हैं कसाई या लुटेरे नहीं...डॉ. नीलम का अनशन तुड़वाया

जनता से मांग रहे समर्थनः निजी चिकित्सक आरटीएस बिल के विरोध में अब सोशल मीडिया पर इमोशनल मैसेज के जरिए आम जनता से समर्थन जुटाने की कवायद कर रहे हैं. दरअसल 4 अप्रैल को डॉक्टर्स की ओर से विरोध प्रदर्शन आयोजित होगा. इसमें समर्थन के लिए चिकित्सक सोशल मीडिया पर आम जनता से मदद मांग रहे हैं. उनका कहना है कि कुछ लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. आंदोलन को पैसे के लिए करने का आरोप लगा रहे हैं.

डॉक्टर्स की हड़ताल पर कांग्रेस ने निकाली सविनय निवेदन पदयात्रा

बीकानेर. राइट टू हेल्थ बिल (RTH) के समर्थन में सोमवार को बीकानेर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने गांधी पार्क से मेडिकल कॉलेज सर्किल तक सविनय निवेदन पदयात्रा निकाली. आरटीआई बिल के विरोध में मेडिकल कॉलेज के सामने धरने पर बैठे निजी चिकित्सकों के पास पदयात्रा के रूप में पहुंचे कांग्रेसी नेताओं ने इस दौरान निजी चिकित्सकों से बिल के विरोध को स्थगित करने और इसका समर्थन करने का निवेदन किया. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने चिकित्सकों से वार्ता करने का प्रयास किया, लेकिन चिकित्सक मुंह पर पट्टी लगाए हुए मौन व्रत पर रहे.

पदयात्रा से दिया संदेशः 2 दिन पहले जहां एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने पदयात्रा निकालकर चिकित्सकों को गुलाब भेंट किए थे, तो वहीं सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार का समर्थन करते हुए इस बिल को आम जनता का हितैषी बताया. साथ ही कहा कि निजी चिकित्सकों के लिए भी यह एक अवसर है. कांग्रेसी नेता बिश्ना राम सियाग ने कहा कि सरकार इतनी बड़ी योजना लेकर आई है और इससे निजी अस्पताल भी लाभान्वित होंगे. साथ ही छोटे अस्पतालों को भी इससे फायदा होगा क्योंकि इलाज के खर्च का पुनर्भरण सरकार करेगी.

पढ़ेंः RTH के विरोध में 23 निजी अस्पतालों ने किया चिरंजीवी और RGHS योजनाओं का बहिष्कार

हठधर्मिता छोड़ करें सरकार से बातः इस दौरान कांग्रेसी नेता शशिकांत शर्मा ने कहा कि जब भी निजी अस्पतालों में किसी भी तरह से मरीज के इलाज में लापरवाही या अन्य कोई कारण से घटना होती है, तो हम लोग सबसे पहले डॉक्टर के पक्ष में लामबंद होकर उस मामले में समर्थन करते हैं. लेकिन आज जब सरकार इतना अच्छा बिल आम जनता के लिए लेकर आई है, तो डॉक्टर को भी अपना हठधर्मिता छोड़ते हुए सरकार से वार्ता करनी चाहिए और इसका हल निकालना चाहिए. लेकिन किसी भी तरह से अस्पतालों को बंद करना ठीक नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान अगर किसी मरीज को इलाज नहीं मिलने से कोई अनहोनी हो गई, तो जनता उग्र हो जाएगी.

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जनता से मांग रहे समर्थनः निजी चिकित्सक आरटीएस बिल के विरोध में अब सोशल मीडिया पर इमोशनल मैसेज के जरिए आम जनता से समर्थन जुटाने की कवायद कर रहे हैं. दरअसल 4 अप्रैल को डॉक्टर्स की ओर से विरोध प्रदर्शन आयोजित होगा. इसमें समर्थन के लिए चिकित्सक सोशल मीडिया पर आम जनता से मदद मांग रहे हैं. उनका कहना है कि कुछ लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. आंदोलन को पैसे के लिए करने का आरोप लगा रहे हैं.

Last Updated : Apr 3, 2023, 7:41 PM IST
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