बीकानेर. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दूध और नींबू के रस के मिलने के बयान को लेकर बीकानेर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दूध और नींबू में फर्क है.
दरअसल पांच दिन पहले बीकानेर संभाग के दौरे पर आई पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सचिन पायलट के वसुंधरा और गहलोत की मिलीभगत के आरोप पर बयान दिया था कि क्या कभी दूध और नींबू का रस मिल सकता है. इसके बाद बुधवार को बीकानेर के जसरासर गांव में आयोजित किसान सम्मेलन में आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि हमारी योजनाओं को बीजेपी की सरकार बंद कर देती है, लेकिन हम बीजेपी की योजनाओं को बंद नहीं करते हैं.
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उन्होंने रिफाइनरी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब हम सरकार में थे, तब 40 हजार करोड़ की लागत थी. लेकिन हमारी सरकार जाने के बाद बीजेपी सत्ता में आई और अब जब हम सरकार में आए तो इस योजना की लागत 70 हजार करोड़ हो गई है. गहलोत ने किसान सम्मेलन में अपने संबोधन में केंद्र की भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अपने भाजपा सरकार की किसी भी योजना को बंद नहीं किया.
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इससे पहले किसान सम्मेलन में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की ओर से नोखा विधानसभा क्षेत्र की लंबित मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को बताया गया. बाद में अपने संबोधन में गहलोत ने जसरासर गांव को तहसील बनाने, जसरासर में महाविद्यालय खोलने और गौण मंडी शुरू करने की घोषणा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मैंने पहले भी अपने विधायकों से कहा है कि वे मांगते-मांगते थक जाएंगे और मैं देते-देते नहीं थकूंगा और आज भी इस बात पर कायम हूं.
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पांच मंत्री, विधायक, बोर्ड अध्यक्ष भी पहुंचेः सम्मेलन में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह, मोदी सरकार के पांच मंत्री, विभिन्न बोर्डों के चेयरमैन और कई विधायक भी पहुंचे. इस दौरान सम्मलेन के आयोजक किसान बोर्ड अध्यक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि देश और प्रदेश किसान पर आधारित है. किसान जब तक सशक्त और मजबूत नहीं होगा, तब तक प्रदेश आगे नहीं बढ़ पाएगा. मुख्यमंत्री ने जो काम किया है, ऐसा देश में कही नहीं है. राजस्थान ने इतिहास रचने का काम किया है. मोदी ने अच्छे दिन लाने की बात कही, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकता और संगठन से अपने दिन की बात करनी है.