बीकानेर. खाजूवाला मामले में बर्खास्त सिपाही मनोज और कार के चालक राकेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, निलंबित कांस्टेबल भागीरथ के साथ ही तीन अन्य लोगों को भी पुलिस ने डिटेन किया हुआ है और इनकी भूमिका की जांच की जा रही है. बताया जा रहा है कांस्टेबल भागीरथ के अलावा तीन अन्य लोग भी मुख्य आरोपी दिनेश के ही मित्र हैं और इनमें से एक आरोपी ने वह कमरा किराए पर ले रखा था, जहां पर यह घटना हुई थी. वहीं, घायल अवस्था में युवती को अस्पताल ले जाने वाले कांस्टेबल मनोज और कार चालक राकेश को पुलिस ने अब गिरफ्तार कर लिया है.
एसआईटी दे रही दबिश : इस पूरे मामले में गंगानगर की प्रशिक्षु आईपीएस के साथ ही बीकानेर के ग्रामीण एसपी दीपक शर्मा, पूर्व में ग्रामीण एसपी रहे सुनील कुमार, आईजी ऑफिस के सीआई मनोज शर्मा के साथ ही कई अन्य अधिकारियों की एसआईटी टीम बनाई गई है जो लगातार मुख्य आरोपी दिनेश की तलाश में दबिश दे रही है. हालांकि, पुलिस अभी तक भी मुख्य आरोपी तक नहीं पहुंच पाई है और उसकी लोकेशन का भी कुछ पता नहीं चल पाया है.
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मुख्य आरोपी से नजदीकी रहा निलंबन का कारण : वहीं, इस मामले में खाजूवाला के पूर्व थानाधिकारी, पुलिस निरीक्षक अरविन्द सिंह को शुक्रवार देर रात निलंबित कर दिया गया. दरअसल, मुख्य आरोपी दिनेश के साथ थानाधिकारी की नजदीकी को निलंबन का कारण माना जा रहा है, क्योंकि अरविन्द सिंह के खाजूवाला से ट्रांसफर के बाद विदाई पार्टी में दिनेश नजर आया था तो वहीं अन्य पुलिसकर्मियों के साथ डांस करते हुए भी उसका वीडियो वायरल हुआ. उसके अलावा पुलिस की जिप्सी में बैठकर फोटो खिंचवाते हुए भी उसके फोटो सामने आए. इन सब बातों से यह साफ था कि उसकी खाजूवाला थाना में अच्छी पकड़ है. इस दौरान अरविन्द सिंह ही खाजूवाला के थानाधिकारी रहे. इसके अलावा लावा मृतका के पिता ने भी अरविन्द सिंह पर आरोप लगाए थे.
सरकार को घेरने की तैयारी में भाजपा : इस मामले में पहले दिन से ही भाजपा हमलावर है और कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. शुक्रवार को जहां प्रदेश भाजपा की जांच कमेटी ने खाजूवाला का दौरा किया तो वहीं आज शनिवार को पूर्व मंत्री मदन दिलावर और विधायक धर्मेन्द्र मोची भी बीकानेर पहुंचे हैं. इस मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे और दोपहर बाद पत्रकारों से मुखातिब होंगे. हालांकि, शुरुआती दौर में भाजपा भी यहां दो गुटों की नजर आई. यहां भाजपा के नेता अलग-अलग धड़े में नजर आए थे.
पुलिस के लिए चुनौती : वहीं, इस पूरे मामले में पुलिस के लिए अब खाकी पर लगे दाग को धोना एक चुनौती है, क्योंकि दो पुलिसकर्मियों की भूमिका होने को लेकर मृतका के पिता ने नामजद एफआईआर करवाई. इसके पूर्व सीआई पर भी सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया. ऐसे में पुलिस की छवि सुधारने लिए 2 कांस्टेबल को पहले निलंबित किया गया और बाद में बर्खास्त कर दिया गया. वहीं, अब सीआई को भी निलंबित किया गया है. इसके अलावा लंबे समय से खाजूवाला में जमे हुए 18 पुलिसकर्मियों को ट्रांसफर किया गया है.