बीकानेर. तेज गर्मी के चलते पहले ही आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है. वहीं पशुपालकों के लिए गर्मी कोढ़ में खाज का काम कर रही है. एक और चारे के आसमान छूते भाव और किल्लत से पशुपालक पहले से ही परेशान हैं. वहीं दूसरी और गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत पशुपालकों के लिए परेशानी (Animal husbandry is troubled by the lack of fodder) का सबब बन गई है.
गर्मी के मौसम में चारे की किल्लत और कालाबाजारी के विरोध में सोमवार को संयुक्त पशुपालन मोर्चा के नेतृत्व में पशुपालकों ने किया और गांधी पार्क से जिला कलेक्ट्रेट तक रैली निकाला और धरना दिया. गांधी पार्क से पशुपालक रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर चारे की कालाबाजारी पर रोक लगाने की मांग की. इसके साथ ही चारे की उपलब्धता करवाने और मिलावटी दूध पर रोक लगाने सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन दिया.
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किसान नेता रामगोपाल बिश्नोई ने कहा कि आज पशुपालक बहुत ही गम्भीर संकट से गुजर रहा है. चारे व पशु आहार के भाव आसमान छू रहे है. पशुओं को बचाना मुश्किल ही नहीं असम्भव है. शीघ्र ही सरकार ने पशुपालकों के लिए रियायती दर पर चारे व पशु आहार की व्यवस्था नहीं की तो पशुपालक बर्बाद हो जायेंगे. बुधराम गोदारा ने कहा कि मिलावटी दूध से पशुपालक व उपभोक्ता दोनों ही तबाह हो रहे हैं.
सरकार करें समुचित व्यवस्था: इस दौरान पशुपालकों ने कहा कि गर्मी के मौसम को देखते सरकार चारे, पानी की समुचित व्यवस्था के साथ ही पशुओं के लिए अस्पताल में समुचित व्यवस्था करवाएं. पशु पालकों ने कहा कि गर्मी के बढ़ते प्रकोप के साथ ही चारे की किल्लत ने पशुपालकों की हालत चिंताजनक कर दी है. क्योंकि पशुओं की दयनीय स्थिति है ऐसे में पशुपालकों के लिए रोजगार का भी संकट खड़ा हो गया है और महंगे भाव में मिल रहा चारा भी समय पर उपलब्ध नहीं हो रहा है.