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भीलवाड़ा: सुहागिन महिलाओं ने की दशा माता की पूजा, पीपल पूजकर की सुख-शांति की कामना - भीलवाड़ा न्यूज

भीलवाड़ा में बुधवार को महिलाओं ने श्रद्धा के साथ दशा माता की पूजा की. महिलाओं ने व्रत रखकर पीपल के पेड़ की पूजा की. साथ ही व्रतधारियों ने दशामाता से अपने परिवार की सुख-शांति की कामना की.

Bhilwara news, दशा माता की पूजा
महिलाओं ने की दशा माता की पूजा
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Published : Mar 18, 2020, 11:17 AM IST

भीलवाड़ा. जिले में बड़े हर्ष और उल्लास से बुधवार को दशा माता की पूजा-अर्चना की गई. जहां सुहागिन महिलाओं ने व्रत रखकर पीपल की पूजा की. साथ ही महिलाओं ने दशामाता से परिवार में सुख-शांति समृद्धि की कामना की.

महिलाओं ने की दशा माता की पूजा

जिले में दशा माता का पावन त्योहार बड़े हर्ष और उल्लास मनाया गया. जहां महिलाओं ने नए परिधान पहनकर मंगल गीत गाते हुए पीपल पूजा की. महिलाओं ने पूजा के दौरान पीपल के पेड़ पर कुमकुम से स्वास्तिक और तिलक लगाकर पूजा प्रारंभ की. जिसके बाद उन्होंने पीपल को मौली बांधा. बता दें कि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में दशमी तिथि को दशा माता का पर्व मनाया जाता है. इस त्योहार का सभी त्योहारों में से विशेष महत्व होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं. साथ ही व्रतधारी महिलाएं पूजन कर अपने परिवार में सुख-शांति समृद्धि के लिए पीपल की पूजा करती है.

यह भी पढ़ें. भीलवाड़ाः चोरों ने मंदिर को बनाया निशाना, लाखों के आभूषणों पर किया हाथ साफ

पूजन के बाद सभी व्रतधारी महिलाओं को पौराणिक दशा माता की कथा, राजा नल और रानी दमयंती की कथा सुनाई जाती है. मान्यता है कि जिस तरह राजा नल और दमयंती रानी के साथ विपदा पड़ी थी. उस तरह की विपदा से बचने के लिए महिलाओं को व्रत रखकर पीपल की पूजा करनी चाहिए.

भीलवाड़ा. जिले में बड़े हर्ष और उल्लास से बुधवार को दशा माता की पूजा-अर्चना की गई. जहां सुहागिन महिलाओं ने व्रत रखकर पीपल की पूजा की. साथ ही महिलाओं ने दशामाता से परिवार में सुख-शांति समृद्धि की कामना की.

महिलाओं ने की दशा माता की पूजा

जिले में दशा माता का पावन त्योहार बड़े हर्ष और उल्लास मनाया गया. जहां महिलाओं ने नए परिधान पहनकर मंगल गीत गाते हुए पीपल पूजा की. महिलाओं ने पूजा के दौरान पीपल के पेड़ पर कुमकुम से स्वास्तिक और तिलक लगाकर पूजा प्रारंभ की. जिसके बाद उन्होंने पीपल को मौली बांधा. बता दें कि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में दशमी तिथि को दशा माता का पर्व मनाया जाता है. इस त्योहार का सभी त्योहारों में से विशेष महत्व होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं. साथ ही व्रतधारी महिलाएं पूजन कर अपने परिवार में सुख-शांति समृद्धि के लिए पीपल की पूजा करती है.

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पूजन के बाद सभी व्रतधारी महिलाओं को पौराणिक दशा माता की कथा, राजा नल और रानी दमयंती की कथा सुनाई जाती है. मान्यता है कि जिस तरह राजा नल और दमयंती रानी के साथ विपदा पड़ी थी. उस तरह की विपदा से बचने के लिए महिलाओं को व्रत रखकर पीपल की पूजा करनी चाहिए.

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