भीलवाड़ा. कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को जिला प्रमुख बरजी बाई भील की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड बैठक हंगामेदार रही. इस बीच सदस्य प्रशासन से नाराजगी जताते हुए वॉक आउट करने लगे. चर्चा के दौरान जिला परिषद सदस्य अशोक तलाईच ने जिला कलेक्टर पर राजनीति करने का आरोप (Asind MLA allegation on Bhilwara collector ) लगाया और कहा किकलेक्टर अपने अधिकारियों का बचाव कर रहे हैं, जिनके कारण धरातल पर काम नहीं हो रहा है.
सदन की बैठक में मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल ने कहा कि आपके सामने ही आपका मातहत अधिकारी एसबीएम के मुद्दे को लेकर झूठ बोल रहा है और आप सुन रहे हो. मैं क्षेत्र का जनप्रतिनिधि हूं. मुझे एसबीएम के अधिकारियों ने विकास को लेकर पूछा तक नहीं है. जहां आसीन्द विधायक जब्बर सिंह सांखला ने भी मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल का समर्थन करते हुए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ शिल्पा सिंह से कहा कि जब से सीओ के पद पर आपने यहां ज्वाइन किया. उसके बाद क्षेत्र के वीडियो (विकास अधिकारी) तो क्षेत्र के एमएलए को मानते भी नहीं है.
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वहीं जिला परिषद सदस्य अशोक तलाई में कोटडी विकास अधिकारी द्वारा क्षेत्र में सेंक्शन जारी नहीं करने के मुद्दे को लेकर जब विकास अधिकारी ने सदन में कहा कि मैं चीफ सेक्रेटरी मैडम से भी मिलकर आया. इस मुद्दे पर जिला कलेक्टर ने कहा कि मैं आपसे बैठक खत्म होने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा करूंगा. जिस पर तलाईच ने कहा कि यह सदन राजनीति करने के लिए नहीं है. आपकी राजनीति करने की मजबूरी नहीं है.
इस मुदे पर जिला कलेक्टर से कहा कि यह सदन की गरिमा के खिलाफ है. यह पंचायती राज एक्ट के खिलाफ है. अगर आप इस तरह के स्टेटमेंट दे रहे हैं, तो आप सदन छोड़कर जायेंगे. उससे पहले मैं सदन छोड़ने के लिए तैयार हूं. जिस पर जिला परिषद सदस्य अशोक तलाईच के समर्थन में कोटडी प्रधान करण सिंह, जब्बर सिंह सांखला सहित तमाम जनप्रतिनिधि उनकी पैरवी करने लगे. मामला बढ़ता देख कर जिला कलेक्टर सीट पर बैठ गए और सांखला ने जमकर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की और कहा कि क्षेत्र में काम नहीं हो रहा है. तमाम सदस्य वॉक आउट करने लगे. इस पर मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल ने समझाइश कर उन्हें बैठाया और सदन की कार्यवाही शुरू करवाई.
बैठक खत्म होने के बाद जब्बर सिंह सांखला ने कहा की बैठक के दौरान हमने महसूस किया कि प्रत्येक डिपार्टमेंट के अधिकारियों को जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने बचाने का प्रयास किया है. हमने जिला कलेक्टर को भी कहा कि आप अधिकारियों की पैरवी कर रहे हैं. मुझे ऐसा लगा कि कलेक्टर ही ऐसा करेंगे तो जनता के कौन हितेषी होंगे क्योंकि सरकार तो सुन भी नहीं रही है. मैं यही कहना चाहता हूं कि सभी अधिकारी किसी भी मुगालते में नहीं रहें. सरकार परमानेंट नहीं रहेगी. सरकार आती-जाती रहेगी. जनता सर्वोपरि है और जनता की सेवा करना प्रशासन और हमारा परम कर्तव्य है.