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स्पेशल रिपोर्ट: भीलवाड़ा में मिट्टी से बनी 600 प्रतिमाएं की जा रहीं वितरित

देशभर में गणेश उत्सव को लेकर खासा तैयारियां देखने को मिल रही है. लोग खास तरीके से गणेश उत्सव मनाना चाहते है. इसी ही कड़ी में भीलवाड़ा की गणेश उत्सव एवं प्रबंधन समिति की ओर से अनूठी पहल की जा रही है, जिसके तहत पर्यावरण को बचाने के लिए के 5 जिलों में 600 मूर्ति वितरण करने का लक्ष्य रखा है.

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Published : Aug 30, 2019, 12:53 PM IST

भीलवाड़ा. क्षेत्र में इस बार गणेश उत्सव को खास तरीके से मनाने की तैयारी की जा रही हैं. इसके लिए गणेश उत्सव एवं प्रबंधन समिति की ओर से एक पहल की गई है, जिसके तहत पर्यावरण को बचाने के लिए भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, बूंदी और अजमेर जिले में मिट्टी से बनी 6 सौ गणेश प्रतिमा को वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है.

मिट्टी से बनी 600 प्रतिमाएं की जाएंगी वितरित

इन प्रतिमाओं की दर 350 से लेकर 1 हजार रुपए रखी गई है. वहीं समिति के अध्यक्ष उदयलाल समदानी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत ने बताया कि उन्होंने पर्यावरण बचाने और समाज को संगठित रखने का संकल्प लिया है. इसके तहत इस बार गणेश चतुर्थी पर लगभग 600 गणेश प्रतिमा मिट्टी की बनाई गई है, जिनका वितरण भीलवाड़ा सहित कई जिलों में किया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः भीलवाड़ा में बारिश के बाद उमस भरी गर्मी से मिली राहत

उन्होंने बताया कि गणेश प्रतिमा वितरण कार्यक्रम की साल 1993 में शुरुआत की गई थी. सबसे पहले तीन मूर्तियों से वितरण शुरू हुई. फिर 3 से 30 मूर्तियां वितरित की गई थी. जो आज 600 के करीब पहुंच चुका है. 3.30 फीट की मूर्ति के 350 रुपये और 5 फीट की मूर्ति के एक हजार लागत मूल्य है. वहीं मूर्ति ले जाने वाले भक्तों को भी पर्यावरण बचाने का संकल्प दिलाया जा रहा है. गणेश मूर्ति वितरण करने वाले लादू लाल माली ने कहा कि भक्तों को मूर्ति लेने के लिए समिति की ओर से टोकन दिया जाता है. उस टोकन को देने के बाद भक्तों को गणेश प्रतिमा दी जाती है.

भीलवाड़ा. क्षेत्र में इस बार गणेश उत्सव को खास तरीके से मनाने की तैयारी की जा रही हैं. इसके लिए गणेश उत्सव एवं प्रबंधन समिति की ओर से एक पहल की गई है, जिसके तहत पर्यावरण को बचाने के लिए भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, बूंदी और अजमेर जिले में मिट्टी से बनी 6 सौ गणेश प्रतिमा को वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है.

मिट्टी से बनी 600 प्रतिमाएं की जाएंगी वितरित

इन प्रतिमाओं की दर 350 से लेकर 1 हजार रुपए रखी गई है. वहीं समिति के अध्यक्ष उदयलाल समदानी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत ने बताया कि उन्होंने पर्यावरण बचाने और समाज को संगठित रखने का संकल्प लिया है. इसके तहत इस बार गणेश चतुर्थी पर लगभग 600 गणेश प्रतिमा मिट्टी की बनाई गई है, जिनका वितरण भीलवाड़ा सहित कई जिलों में किया जाएगा.

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उन्होंने बताया कि गणेश प्रतिमा वितरण कार्यक्रम की साल 1993 में शुरुआत की गई थी. सबसे पहले तीन मूर्तियों से वितरण शुरू हुई. फिर 3 से 30 मूर्तियां वितरित की गई थी. जो आज 600 के करीब पहुंच चुका है. 3.30 फीट की मूर्ति के 350 रुपये और 5 फीट की मूर्ति के एक हजार लागत मूल्य है. वहीं मूर्ति ले जाने वाले भक्तों को भी पर्यावरण बचाने का संकल्प दिलाया जा रहा है. गणेश मूर्ति वितरण करने वाले लादू लाल माली ने कहा कि भक्तों को मूर्ति लेने के लिए समिति की ओर से टोकन दिया जाता है. उस टोकन को देने के बाद भक्तों को गणेश प्रतिमा दी जाती है.

Intro:भीलवाड़ा- भीलवाड़ा की गणेश उत्सव एवं प्रबंधन समिति की द्वारा अनूठी पहल करते हुए समाज को संगठित करने व पर्यावरण बचाने के लिए इस बार मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा वितरित की जा रही है। भीलवाड़ा सहित प्रदेश के 5 जिलों में इस बार 600 मूर्ति वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है।


Body:पर्यावरण बचाने व समाज को संगठित करने के लिए भीलवाड़ा शहर की गणेश उत्सव एवं प्रबंधन सेवा समिति की ओर से गणेश चतुर्थी के पूर्व भीलवाड़ा ,चित्तौड़ ,राजसमंद, बूंदी व अजमेर जिले में मिट्टी से बनी 600 गणेश प्रतिमा वितरित की जा रही है । इन प्रतिमाओं की दर 350 रूपये से लेकर 1000 रूपये रखी गई है। जहां गणेश उत्सव एवं प्रबंधन समिति का कहना है कि न्यूनतम लागत मूल्य पर ही यह गणेश प्रतिमा पर्यावरण बचाने के लिए वितरण कि जा रहा है ।

गणेश उत्सव एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष उदयलाल समदानी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हमने पर्यावरण बचाने और समाज को संगठित रखने का संकल्प ले रखा है। जिसके तहत इस बार गणेश चतुर्थी के पूर्व भीलवाड़ा ,चित्तौड़, राजसमंद, बूंदी व अजमेर जिले में लगभग 600 गणेश प्रतिमा जो मिट्टी की बनी है उनका वितरण किया जा रहा है। वर्ष 1993 में से हमने गणेश प्रतिमा का वितरण का कार्यक्रम की शुरुआत की थी । सबसे पहले तीन मूर्तियों से वितरण शुरू हुआ 3 से 30 500 और इस बार 600 के करीब आंकड़ा पहुंच गया है ।जहां 3:30 फीट की मूर्ति के 350 रूपये व 5 फीट की मूर्ति के एक हजार लागत मूल्य है वहीं लोगों से लेकर उनको प्रतिमा दे रहे है। इस मौके पर मूर्ति ले जाने वाले भक्तों को भी पर्यावरण बचाने ने का संकल्प दिलाया जा रहा है। जब महाराष्ट्र में बाल गंगाधर तिलक ने सबको एक करने की पहल की उसी प्रकार हम भी सबको संगठित करने की पहल कर रहे हैं। गणेश प्रतिमा ले जाने के बाद अनंत चतुर्थी तक हर गली मोहल्ले में भगवान गणेश की पूजा करते हैं । जिसमें सभी समाज के लोग संगठित होकर एक जाजम पर बैठते हैं । और संगठित करने के लिए हमारी यह समिति प्रयास कर रही है।
वही गणेश मूर्ति वितरण करने वाले लादू लाल माली ने कहा कि मैं प्रतिदिन या मूर्ति वितरण करता हूं जो हमारे को समिति के द्वारा टोकन प्राप्त होता है उनको वितरण किया जाता है।

अब देखना यह होगा कि जिस तरह भीलवाड़ा का गणेश उत्सव एवं प्रबंधन समिति पर्यावरण बचाने और समाज को संगठित करने की अनूठी पहल की उसी प्रकार अन्य सामाजिक संस्थान एनजीओ भी इस तरह की पहल करते हैं जिससे देश प्रदेश जिले में पर्यावरण प्रदूषित नहीं हो ।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाईट- उदयलाल समदानी, अध्यक्ष ,गणेश उत्सव एवं प्रबंधन सेवा समिति

लादू लाल माली ,मूर्ति वितरक ,

पीटीसी -सोमदत्त त्रिपाठी, रिपोर्टर, ईटीवी भारत भीलवाड़ा


Conclusion:
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