भीलवाड़ा. वस्त्र नगरी में सर्दी की दस्तक के बाद भी रैन बसेरे खस्ताहाल हैं. साथ ही इन रैन बसेरों में अव्यवस्थाओं के कारण लोगों को काफी समस्याएं हो रही हैं. सर्दी के बढ़ जाने के बाद भी अब तक नगर विकास न्यास ने अपना अस्थाई रैन बसेरा शुरू नहीं किया है. जिसके चलते लोगों को रैन बसेरे के बाहर ही इंतजार करना पड़ रहा है. जबकि नगर परिषद के चार रैन बसेरों में भी सुविधा नहीं होने से उनमें रहने वालों लोगों को कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है. इसके साथ ही इन रैन बसेरों में कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना तक नहीं करवाई जा रही है. इन रैन बसेरों का जायजा लेने जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो लोगों का दर्द छलक पड़ा.
यूआईटी की ओर से अस्थाई रैन बसेरों को अभी शुरू नहीं किया गया है. जो रैन बसेरे शहर में हैं उनमें पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हैं. न्यास के गायत्री आश्रम के निकट अस्थाई बने रैन बसेरे के बाहर इंतजार कर रही वृद्ध महिला काफी दिनों से रैन बसेरे के खुलने का इंतजार कर रही है. महिला दुकान के बरामदे में सोने को मजबूर है.
वहीं, प्राइवेट बस स्टैंड के पास बने नगर परिषद के रैन बसेरे की दीवार टूटी हुई है. यहीं पर कचरा स्टैंड भी बना हुआ है. बदबू और गंदगी के कारण यहां लोग रैन बसेरे में रहना पसंद नहीं करते. जबकि सांगानेरी गेट के पास बने रैन बसेरे में शौचालय में पानी की व्यवस्था ना होने से लोगों को रात में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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नगर परिषद द्वारा संचालित रैन बसेरे के ठेकेदार महावीर का कहना है कि प्रशासन की ओर से सभी जगहों पर अच्छी व्यवस्था की गई है. प्राइवेट बस स्टैंड के पास बने रैन बसेरे के पास से कचरा स्टैंड को हटाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है. इसके साथ नदी गेट के पास बने रैन बसेरे में पानी की व्यवस्था की जांच करवाने की बात उन्होंने कही. नगर विकास न्यास द्वारा संचालित अस्थाई रैन बसेरा के प्रभारी सतीश शारदा ने कहा कि अभी ज्यादा सर्दी नहीं है इसलिए रैन बसेरा 10 दिसंबर के बाद शुरू किया जाएगा.
भीलवाड़ा शहर में स्थाई और अस्थाई कुल 5 रैन बसेरे हैं. जिसमें शहर में नगर परिषद के प्राइवेट बस स्टैंड के पास, तेजाजी चौक, अरिहंत हॉस्पिटल के पास और सांगानेरी गेट के पास रैन बसेरे हैं जबकि नगर विकास न्यास का अस्थाई रैन बसेरा सत्यम कंपलेक्स के पास है.
रैन बसेरों की व्यवस्थाएं
इन रैन बसेरों में 15 से 20 लोग एक बार में ठहर सकते हैं. महिलाओं के लिए रैन बसेरों में अलग से व्यवस्था की गई है. अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था भी की गई है. इन रैन बसेरों में एक चौकीदार भी बैठाया जाता है. रैन बसेरों में प्राथमिक उपचार किट भी मुहैया है.
रैन बसेरों की अवस्थाएं
रैन बसेरों में रहने वाले लोगों का कहना है कि यहां कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं होती. कोई व्यक्ति बिना मास्क के अगर यहां आता है तो उन्हें मास्क भी उपलब्ध नहीं होता. सैनिटाइजर की भी यहां व्यवस्था नहीं है. शौचालय में पानी की व्यवस्था पूरी नहीं है, नगर परिषद द्वारा संचालित प्राइवेट बस स्टैंड के निकट स्थित रैन बसेरे की दीवार टूटी हुई है जिसके चलते पास ही में बने कचरा पात्र की वजह से बदबू रहती है.