भीलवाड़ा. प्रदेश में कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा के एक निजी चिकित्सालय से 20 मार्च से हुई थी. उसके बाद भीलवाड़ा शहर में कर्फ्यू और ग्रामीण क्षेत्र में लॉकडाउन लगा दिया गया. कोरोना की जांच समय पर उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आह्वान पर भीलवाड़ा कांग्रेस जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा ने भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज को नि:शुल्क जांच मशीन उपलब्ध करवाई है. साथ ही जिस निजी चिकित्सालय से कोरोना की शुरुआत हुई उस अस्पताल प्रबंधक ने अस्पताल वापिस शुरुआत करने की मांग की. कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री और भीलवाड़ा कलेक्टर को लेटर भेजकर इनके विरुद्ध कार्रवाई के साथ ही भीलवाड़ा में पहला कोराना मरीज लाने वाले की सच्चाई का पता लगाने की बात कही है.
रामपाल शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि, भीलवाड़ा में राजस्थान में सबसे पहले कर्फ्यू लगा था. उस समय सरकार की ओर से जो भी जरूरतमंद लोगों को सहायता देनी थी उस पर कोई निर्णय नहीं होने हो पाया. उस समय जिला कांग्रेस का अध्यक्ष होने के नाते मुख्यमंत्री के निर्देश पर हमने तय किया कि मुख्यमंत्री की भावना थी कि कोई भूखा नहीं सोए तो उसके लिए हमने हमारी सक्षमता के अनुसार राहत सामग्री उपलब्ध करवाई थी.
उन्होंने कहा कि, साथ ही जब भी प्रशासन ने जो आवश्यकता बताई उसकी पूर्ति की गई. कोरोना जांच मशीन उपलब्ध कराने के सवाल पर कहा कि हमारे को 13 अप्रैल को जानकारी मिली कि बाकी जिलों में कोरोना के सैंपल ज्यादा होने से भीलवाड़ा के सैंपल काफी पेंडिंग होने लग गए हैं. हमने विचार किया क्यों न भीलवाड़ा में ऐसी लैब स्थापित हो जिससे भीलवाड़ा में ही जांच हो सके. इसके लिए मैंने स्वयं की जेब से 19 लाख की लागत की कोरोना जांच मशीन उपलब्ध करवाई है.
यह मुख्यमंत्री की प्रेरणा से ही उपलब्ध करवाई गई है. वहीं लोगों को खाद्य सामग्री, कंबल, सेनेटराइज जिस की भी आवश्यकता होती है वह हमने उपलब्ध करवाई.
ये भी पढ़ें: राजस्थान में चार दिन में बढ़े दस गुना मनरेगा श्रमिक, जायजा लेने पहुंचे सचिन पायलट
जिलाध्यक्ष ने कहा कि, कोरोना एक ऐसी बीमारी है जिसमें ऐसे-ऐसे मरीज देखने को मिले जो ठीक थे. मैं लोगों से अपील करना चाहता हूं कि सरकार के पास जो कुछ है पूरा प्रयास कर रही है लेकिन खुद को सुरक्षित रहना पड़ेगा. इस बीमारी को यह नहीं मानकर चलें कि खत्म हो गई है, इसलिए खुद को सुरक्षित करना ही सबसे बेहतर है.
मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है:
शर्मा ने कहा, मैंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को पत्र लिखा. जब किसी धार्मिक स्थल पर लोग इकट्ठे होते हैं तो वहां धर्म गुरु के खिलाफ कार्रवाई होती है. उसी प्रकार इन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. सभी जगह कानून समान रूप से काम करना चाहिए. भीलवाड़ा में कुछ भी हो लेकिन अस्पताल प्रबंधक को लॉकडाउन खत्म होने से पहले चालू करने की तत्परता नहीं दिखानी चाहिए.
दुर्भाग्यपूर्ण है:
उन्होंने कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है, अगर कोई हादसा होता है तो उसमें संबंधित व्यक्ति माफी मांगता है. लेकिन अस्पताल प्रबधक ने माफी नही मांगी. आज तक कोई बता सकता है कि भीलवाड़ा में पहला मरीज किस वजह से हुआ और आज तक इसका पता क्या प्रशासन ने लगाया. शर्मा ने कहा कि, भीलवाड़ा में कोरोना की शुरुआत कहा से हुई इसकी सच्चाई पर प्रशासन को जाना पड़ेगा, साथ ही जिस दिन कोरोना खत्म हो जाये इसकी जांच होनी चाहिए.