भीलवाड़ा. जिले में कोरोना संक्रमण की चेन को कम करने को लेकर 'भीलवाड़ा मॉडल' की भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी चर्चा हो रही है. 'भीलवाड़ा मॉडल' को लेकर देश भक्ति के कवि योगेंद्र शर्मा ने एक कविता लिखी है. कवि योगेंद्र शर्मा ने ईटीवी भारत पर कविता गाते हुए कहा कि आखिर यह कौन कलेक्टर है जो कोरोना से जीत गया और इसी कारण यह भीलवाड़ा मॉडल बना.
बता दें कि राजस्थान में सबसे पहले कोरोना पॉजिटिव की शुरुआत भीलवाड़ा से हुई थी. जिले में धीरे-धीरे कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा कम होता गया. वर्तमान में 28 में से सिर्फ एक कोरोना पॉजिटिव मरीज महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती है. जिले में 3 मई तक महा कर्फ्यू है. भीलवाड़ा जिला प्रशासन की ओर से कर्फ्यू लगाने के कारण कोरोना संक्रमण का चेन आगे नहीं बढ़ा.
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भीलवाड़ा मॉडल को लेकर देश भक्ति के कवि योगेंद्र शर्मा ने एक कविता लिखी है. कवि योगेंद्र शर्मा ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि शुरुआती दौर में भीलवाड़ा की तुलना अमेरिका और इटली से की जा रही थी. उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा की जनता पुलिस प्रशासन, चिकित्सा व्यवस्था, सफाई कर्मी के नेतृत्व में कोरोना पर विजय प्राप्त किए.
बता दें कि कवि योगेंद्र शर्मा ने जिला कलेक्टर को धन्यवाद देते हुए यह कविता लिखी है. आखिर यह कौन कलेक्टर है जो कोरोना से जीत गया और इसी मॉडल की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है.
ये है कविता...
यह कौन युद्ध का अधिनायक, मूठिया बांधकर कौन खड़ा।
यह कौन ध्वंस की आंधी में, निज वक्ष तानकर कौन खड़ा। ।
रण जीतेंगे हर हालत में, विश्वास जुटाकर कौन खड़ा।
यह कोरोना का कुरुक्षेत्र, गांडीव उठाकर कौन खड़ा। ।
उछेलित भावों के पथ पर, विरल व्यथाएं किसकी बोलो।
नील गगन तक सरस हवाएं, नवल कथाएं किनकी बोलो। ।
कौन बहाता स्वेद तपस्वी, प्रतिबद्ध प्रतिज्ञा किसकी है।
पार नहीं कर पाया रावण, यह लक्ष्मण रेखा किसकी है। ।
यह नई ईबारत किसकी है, किसने लिख डाला गीत नया।
आखिर यह कौन कलेक्टर है जो कोरोना से जीत गया। ।
रिसीवर दधीचि का अस्थी वज्र, देवेन्द्र थाम जब लेता है।
राजेंद्र भट्ट भीलवाड़ा का, इतिहास अमर कर देता है। ।
जब कोरोना की पीड़ा ने, आंसू से झरते छंद लिखे।
सड़कों पर सन्नाटा पसरा, कर्फ्यू के अंतर्द्वंद लिखे। ।
हर क्षेत्र प्रेरणा से प्रेरित, अद्भुत चहु और समर्पण है।
पुलिस चिकित्सा सेवाएं, कर्तव्य बद्धता है। ।
बड़े-बड़े उद्योग घराने, अपने कद से बड़े हो गए।
गांव गली तक बच्चे-बूढ़े, दीप जलाकर खड़े हो गए। ।
लेकिन उस कठिन परीक्षा के, परिणाम या परिलक्षित है।
इसी भीलवाड़ा मॉडल से, दुनिया के देश अचंभित हैं। ।
चाहे क्षण भर विश्राम नहीं, सुख चैन सभी रीत गया।
आखिर यह कौन कलेक्टर है जो कोरोना से जीत गया। ।
दुर्धर्ष विज्ञ यह विजय वीर, कोरोना समर विजेता है।
राजेंद्र भट्ट भीलवाड़ा का, इतिहास अमर कर देता है।।