भीलवाड़ा. पूरे प्रदेश में ईसा मसीह की याद में शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है. इस अवसर पर भीलवाड़ा शहर के सभी चर्चों में सादगी के साथ गुड फ्राइडे मनाया गया. इस दौरान ईसाई समाज के लोग कृषि उपज मंडी स्थित सेंट्रल मैथोडिस्ट चर्च में जाकर कैंडल जलाकर प्रार्थना की. साथ ही उन्होंने कोरोना वायरस से फौरन विश्व को राहत प्रदान करने की दुआ भी मांगी. फादर परमजीत माइकल ने ईसा मसीह को क्रॉस पर चढ़ाए जाने पर दिए गए 7 वचनों का भी पाठ किया.
किशन समाज के अध्यक्ष गुडविन मसीह ने कहा कि शुक्रवार के दिन प्रभु यीशु मसीह को क्रॉस पर चढ़ाया गया था. जिसके कारण इस दिन को गुड फ्राइडे के रूप में मनाते हैं. आज के दिन समाज के लोग उपवास रखते हैं और प्रार्थना सभा में भाग लेते हैं. साथ ही कहा कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाते हुए ही लोगों को चर्च में प्रवेश दिया गया और प्रभु यीशु का पाठ किया गया.
वहीं, कोरोना संक्रमण को देखते हुए चर्च में बुजुर्गों और छोटे बच्चों का आना निषेध रखा गया. इसको लेकर हमने एक विशेष इंतजाम किए हैं जिससे घर बैठे-बैठे लोग वर्चुअल बाइबिल का पाठ और सभा का ऑनलाइन लुफ्त उठा सके.
क्यों कहते हैं गुड फ्राइडे?
दरअसल, शुक्रवार के दिन ही कट्टरपंथियों ने ईसा मसीह को सूली पर चढ़ा दिया था. लेकिन प्रभु यीशु ने सूली पर लटकते हुए भी दुनिया को मानवता की पाठ पढ़ा गए थे. जिनकी याद में ईसाई समाज के लोग इस दिन को गुड फ्राइडे के रूप में याद करते हैं. वे सूली पर चढ़ने के दौरान भी 7 वचनों का पाठ किया था.
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बाइबिल की मानें तो ईसा मसीह को 6 घंटों तक सूली पर लटकाकर छोड़ दिया गया था और इसके 3 दिन बाद वे जीवित हो गए थे. इसलिए गुड फ्राइडे के 3 दिन बाद ईसाई समाज के लोग ईस्टर-डे मनाते हैं. बता दें, ईसा मसीह लोगों को सच्चाई की राह पर चलने का संदेश देते थे.