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भीलवाड़ा: झुग्गी उजाड़े जाने से 'घुमंतु समुदाय' के लोगों में आक्रोश, कलेक्टर से आश्रय की उम्मीद - nomad community

भीलवाड़ा में घुमंतु समुदाय के लोगों की झुग्गी-झोपड़ियों को उजाड़ दी गई है. जिसे लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया. झोपड़ियों को JCB से तोड़ा गया है. आलम ये है कि लोगों के सामान बिखरे पड़े हैं. हर दिन गुजारे के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

भीलवाड़ा, demolition of  slum
कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्श करते लोग
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Published : Mar 13, 2020, 5:49 PM IST

भीलवाड़ा. शहर के पंचवटी क्षेत्र में 2 दिन पहले घुमंतु समुदाय के लोगों के झुग्गी-झोपड़ियों को उजाड़ दिया गया. जिसे लेकर शुक्रवार को 'मिडास हेल्पिंग फाउंडेशन' के बैनर तले समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया. लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन के बाद लोगों ने जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट को ज्ञापन सौंपकर आवास की मांग की.

घुमंतु समुदाय के लोगों की उजाड़ी गई झुग्गी-झोपड़ियां

पीड़ित महिला नारायणी देवी ने कहा कि वो पिछले 20 वर्षों से पंचवटी के पास खाली पड़ी जमीन पर झोपड़ी बनाकर रह रही थी. 11 मार्च को कुछ अधिकारी आए और वहां से हटने के आदेश दिए. ऐसा नहीं करने पर, उसी दिन जेसीबी से झोपड़ियों के तोड़ दिया गया.

पढ़ें: भीलवाड़ा में लगातार हो रहा बजरी का दोहन, खनन विभाग की कार्रवाई से अब तक 13 करोड़ का राजस्व प्राप्त

झुग्गी-झोपड़ी के अचानक तोड़े जाने से उन्हें कोई दूसरा ठिकाना भी नहीं मिल रहा. जिससे सारा सामान सड़कों पर पड़ा हैं. कई सामान टूट गए हैं. हमारे बच्चे साक्षरता अभियान के तहत शिक्षा ग्रहण कर रहे थे. लेकिन, अब वो पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं. इसी वजह से हम लोगों ने परेशान होकर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट को ज्ञापन देकर उनसे आश्रय की मांग की है.

भीलवाड़ा. शहर के पंचवटी क्षेत्र में 2 दिन पहले घुमंतु समुदाय के लोगों के झुग्गी-झोपड़ियों को उजाड़ दिया गया. जिसे लेकर शुक्रवार को 'मिडास हेल्पिंग फाउंडेशन' के बैनर तले समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया. लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन के बाद लोगों ने जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट को ज्ञापन सौंपकर आवास की मांग की.

घुमंतु समुदाय के लोगों की उजाड़ी गई झुग्गी-झोपड़ियां

पीड़ित महिला नारायणी देवी ने कहा कि वो पिछले 20 वर्षों से पंचवटी के पास खाली पड़ी जमीन पर झोपड़ी बनाकर रह रही थी. 11 मार्च को कुछ अधिकारी आए और वहां से हटने के आदेश दिए. ऐसा नहीं करने पर, उसी दिन जेसीबी से झोपड़ियों के तोड़ दिया गया.

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झुग्गी-झोपड़ी के अचानक तोड़े जाने से उन्हें कोई दूसरा ठिकाना भी नहीं मिल रहा. जिससे सारा सामान सड़कों पर पड़ा हैं. कई सामान टूट गए हैं. हमारे बच्चे साक्षरता अभियान के तहत शिक्षा ग्रहण कर रहे थे. लेकिन, अब वो पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं. इसी वजह से हम लोगों ने परेशान होकर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट को ज्ञापन देकर उनसे आश्रय की मांग की है.

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