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भीलवाड़ा: गरीबों के मकान गिरवाने के मामले में कलेक्टर, यूआईटी सचिव और तहसीलदार को नोटिस जारी

भीलवाड़ा में कोटा बाइपास पर कुवाड़ा खान के पास यूआईटी में तहसीलदार ने कई मकानों को गिरवा दिया था. इसको लेकर स्थाई लोक अदालत ने कलेक्टर, नगर विकास न्यास सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी किया है.

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यूआईटी सचिव और तहसीलदार को नोटिस जारी
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Published : Apr 3, 2021, 12:37 AM IST

भीलवाड़ा. शहर में से होकर गुजरने वाले कोटा बाइपास पर कुवाड़ा खान के पास यूआईटी में तहसीलदार ने कई मकानों को गिरवा दिया था. मकान गिराने के मामले में स्थाई लोक अदालत ने जिला कलेक्टर, नगर विकास न्यास सचिव सहित तहसीलदार को नोटिस जारी किया है. इसमें उन्हें 20 अप्रैल को न्यायालय में तलब किया गया है.

यूआईटी सचिव और तहसीलदार को नोटिस जारी

पीड़ित गोपाल माली ने बताया, वह करीब 20 साल से कुवाड़ा खान के समीप स्थित बस्ती में रह रहा था. 31 दिसंबर 2020 को अतिक्रमण के नाम पर उसका मकान तोड़ दिया गया. जबकि प्रबुद्ध लोगों के मकान को हटाया नहीं गया है. इसके कारण हम न्यायालय की शरण में आए हैं और हमने स्थाई लोक अदालत में अपना परिवार दर्ज करवाया है.

यह भी पढ़ें: भीलवाड़ा: सादगी के साथ मनाया गया गुड फ्राइडे, कोरोना वायरस से राहत प्रदान करने की मांगी दुआ

वहीं दूसरी तरफ अधिवक्ता आजादी शर्मा ने कहा, परिवाद में गरीब तबके के लोगों को बिना किसी पूर्व सूचना के मकानों के निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया, जिससे उन्हें लाखों रुपए का नुकसान हुआ. वहीं शहर में अनेक प्रकार के अवैध निर्माण कई जगह चल रहे हैं. लेकिन उन्हें लेकर किसी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस के पक्ष में शानदार माहौल, तीनों सीटों पर कांग्रेस की विजयः डॉ. रघु शर्मा

अधिवक्ता ने कहा, गरीब जनता जो कई साल से कुवाड़ा खान रोड पर रह रही थी. उनके मकानों को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ध्वस्त कर उन्हें बेघर कर दिया गया. मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थाई लोक अदालत द्वारा परिवार दर्जकर जिला कलेक्टर, नगर विकास न्यास के सचिव सहित और तहसीलदार को नोटिस जारी कर आगामी 20 अप्रैल को न्यायालय में तलब किया है.

भीलवाड़ा. शहर में से होकर गुजरने वाले कोटा बाइपास पर कुवाड़ा खान के पास यूआईटी में तहसीलदार ने कई मकानों को गिरवा दिया था. मकान गिराने के मामले में स्थाई लोक अदालत ने जिला कलेक्टर, नगर विकास न्यास सचिव सहित तहसीलदार को नोटिस जारी किया है. इसमें उन्हें 20 अप्रैल को न्यायालय में तलब किया गया है.

यूआईटी सचिव और तहसीलदार को नोटिस जारी

पीड़ित गोपाल माली ने बताया, वह करीब 20 साल से कुवाड़ा खान के समीप स्थित बस्ती में रह रहा था. 31 दिसंबर 2020 को अतिक्रमण के नाम पर उसका मकान तोड़ दिया गया. जबकि प्रबुद्ध लोगों के मकान को हटाया नहीं गया है. इसके कारण हम न्यायालय की शरण में आए हैं और हमने स्थाई लोक अदालत में अपना परिवार दर्ज करवाया है.

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वहीं दूसरी तरफ अधिवक्ता आजादी शर्मा ने कहा, परिवाद में गरीब तबके के लोगों को बिना किसी पूर्व सूचना के मकानों के निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया, जिससे उन्हें लाखों रुपए का नुकसान हुआ. वहीं शहर में अनेक प्रकार के अवैध निर्माण कई जगह चल रहे हैं. लेकिन उन्हें लेकर किसी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है.

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अधिवक्ता ने कहा, गरीब जनता जो कई साल से कुवाड़ा खान रोड पर रह रही थी. उनके मकानों को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ध्वस्त कर उन्हें बेघर कर दिया गया. मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थाई लोक अदालत द्वारा परिवार दर्जकर जिला कलेक्टर, नगर विकास न्यास के सचिव सहित और तहसीलदार को नोटिस जारी कर आगामी 20 अप्रैल को न्यायालय में तलब किया है.

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