भीलवाड़ा. मूक बधिर युवती से दुष्कर्म के मामले (Rape With Deaf Girl in Bhilwara) में प्रदेश में राजनीतिक बयानबाजी जोरो पर है. BJP और RLP लगातार प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साध रही है. प्रदेश के राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि इस मामले में राजनेता राजनीति चमकाने के लिए ऐसे मामले में बयान दे रहे हैं. जबकि इस मामले में पुलिस अपना काम कर रही है और यह जांच का विषय है. इसमें कानून अपना काम करेगा. मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग है. इसलिए वर्तमान समय में प्रदेश में बदमाशों में डर है और शरीफ लोगों में विश्वास है ( Ramlal Jat on Bhilwara rape case).
इस मामले में राजनेताओं पर भी चुटकी लेते हुए रामलाल जाट ने कहा कि प्रत्येक राजनेता चाहता है कि अच्छे अखबार में मेरी खबर छपे. टीवी में दिखे. जिसके लिए राजनेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए ऐसे मामले में बयान देते हैं. हमे इस मामले मे यह जानना चाहिए की आखिर हकीकत क्या है. मामला कैसे सामने आया है, उस पर हमें जानना चाहिए. भीलवाड़ा मूक बधिर दुष्कर्म प्रकरण में युवती के गर्भवती होने पर परिजन हॉस्पिटल लाने के बजाए दाई माई से गर्भपात करवाना चाह रहे थे. ये मामला जब सामने आया तो पुलिस ने जांच शुरू कर दी. घटना कुछ समय पहले की है. यह अभी की घटना नहीं है. उस समय उनके घर वालों को पता है या नहीं है यह जांच का विषय है. ऐसी बात सामने आई तो कानून अपना काम करता है.
राजस्व मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिना क्राइम के आंकड़ों की चिंता किए तमाम अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी फरियादी थाने पहुंचे उन की तुरंत रिपोर्ट दर्ज हो. क्या ऐसा कभी आज तक किसी मुख्यमंत्री ने किया है. ऐसा सिर्फ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है. जिसके कारण कोई भी व्यक्ति किसी भी थाने में मुकदमा दर्ज करवा सकता है. यहां तक कि एसपी ऑफिस में भी मामला दर्ज किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग है. इसलिए प्रदेश के बदमाशों में डर है और शरीफ लोगों में विश्वास है. पहले के समय कोर्ट से इस्तगासे दर्ज होते थे, उस में समय लगता है. मैं ऐसे मामले में ओछी राजनीति करने के लिए नहीं हूं. मेरी फितरत में ऐसी चीज नहीं है. इस मामले में पुलिस जांच कर रही है. क्या आपने कभी देखा है कि जो जांच में दोषी पाया जाता है, उसको पुलिस ने कभी बख्शा है चाहे राजनेता हो या अधिकारी.