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Mask Man of Bhilwara: अब तक बांट चुके हैं 16 हजार निशुल्क मास्क, अभी नहीं थमेगा कारवां

कोरोना के कठिन दौर में लोगों की मदद के लिए आगे हाथ बढ़ाया है भीलवाड़ा के भवानी शंकर (Mask Man of Bhilwara) ने. वरिष्ठ नागरिक मास्क बनाकर निशुल्क, जरूरतमंदों में वितरित करते हैं. अब तक 16 हजार मास्क दे चुके हैं. इनसे बात की ईटीवी भारत ने.

Bhavani Shankar of bhilwara
Bhavani Shankar of bhilwara
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Published : Jan 20, 2022, 10:08 AM IST

भीलवाड़ा. कोरोना की पहली लहर में भीलवाड़ा (Corona In Bhilwara) चर्चा में बना रहा. पहले कोविड हॉटस्पॉट को लेकर फिर इस संक्रामक बीमारी को मात देने के लिए अपनाए गए तरीकों को लेकर जो भीलवाड़ा मॉडल के तौर पर विख्यात हुआ. अब भीलवाड़ा के भवानी शंकर (Mask Man of Bhilwara) भी सुर्खियों में हैं. मास्क बना कर जरूरतमंदों को मुफ्त में बांटते हैं. इन मास्क को बनाते भी खुद हैं. अब तक 16 हजार मास्क (Bhavani Shankar Distributed 16 thousand Mask in bhilwara) बांट चुके हैं.

भवानी शंकर जी 75 साल के हैं. सेवानिवृत्त हैं पहले सरकारी मुलाजिम थे. कलेक्टरेट में क्लर्क थे. लोगों से सामना होता ही रहता था. उनके दुख दर्द को भी करीब से देखा इसलिए लोगों की जरूरतों का भी ख्याल रहता है. भीलवाड़ा के गांधीनगर में रहते हैं. अब सामाजिक सरोकार निभाते हुए प्रतिदिन कपड़े के मास्क वितरित कर रहे हैं. पहली, दूसरी और अब इस तीसरी लहर में भी सामाजिक दायित्व निभा रहे हैं.

अब तक बांट चुके हैं 16 हजार निशुल्क मास्क

पढ़ें- Gehlot Cabinet Corona Review Meet : कोविड प्रोटोकॉल की पालना और वैक्सीनेशन पर जोर, 12+ के सभी बच्चों के टीकाकरण की सिफारिश

मददगारों की कमी नहीं: आखिर कैसे संभव है अपनी पेंशन से गुजारा करना और फिर लोगों को मास्क बांटना? इस सवाल पर कहते हैं कि कुछ अपनी पेंशन तो कुछ लोगों की मदद से कारवां आगे बढ़ता है. लोगों के सौजन्य से कपड़ा आ जाता है. रोज 25 से 30 मास्क बनाकर घर का बाकी काम निपटाते हैं. ख्याति के साथ डिमांड भी बढ़ रही है. बताते हैं कि कॉलेज, स्कूल, बाजार, कच्ची बस्ती और कथा स्थल में निशुल्क वितरण कर रहे हैं.

कितना सुरक्षित और क्या अंतर: सवाल सुरक्षा है? आखिर बात सेहत और प्रोटोकॉल की है तो कितना और क्या अंतर है? शर्मा कहते हैं कि मेडिकल मास्क की जिंदगी 8 घंटे की होती है जबकि मै सूती कपड़े व Linen कपड़े के मास्क बनाता हूं जो 4 से 6 माह तक पहन सकते हैं .यह मास्क दोनों तरफ से पहना जाता है. इस मास्क को लगाने से सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं होती है.

मास्क बांटने का ख्याल कैसे?: मास्क बनाने का ख्याल मन में कैसे आया? इस सवाल पर भवानी शंकर शर्मा (Bhavani Shankar of bhilwara) कहते हैं कि जब कोरोना की शुरुआत हुई थी तब वो घर के बाहर बैठे थे. उस दौरान लोगों को अनमास्क होकर घूमते देखा. तभी फैसला लिया कि मैं सामाजिक दायित्व निभाऊंगा और मशीन उठा अपनी सोच को नया आयाम दे दिया.

भीलवाड़ा. कोरोना की पहली लहर में भीलवाड़ा (Corona In Bhilwara) चर्चा में बना रहा. पहले कोविड हॉटस्पॉट को लेकर फिर इस संक्रामक बीमारी को मात देने के लिए अपनाए गए तरीकों को लेकर जो भीलवाड़ा मॉडल के तौर पर विख्यात हुआ. अब भीलवाड़ा के भवानी शंकर (Mask Man of Bhilwara) भी सुर्खियों में हैं. मास्क बना कर जरूरतमंदों को मुफ्त में बांटते हैं. इन मास्क को बनाते भी खुद हैं. अब तक 16 हजार मास्क (Bhavani Shankar Distributed 16 thousand Mask in bhilwara) बांट चुके हैं.

भवानी शंकर जी 75 साल के हैं. सेवानिवृत्त हैं पहले सरकारी मुलाजिम थे. कलेक्टरेट में क्लर्क थे. लोगों से सामना होता ही रहता था. उनके दुख दर्द को भी करीब से देखा इसलिए लोगों की जरूरतों का भी ख्याल रहता है. भीलवाड़ा के गांधीनगर में रहते हैं. अब सामाजिक सरोकार निभाते हुए प्रतिदिन कपड़े के मास्क वितरित कर रहे हैं. पहली, दूसरी और अब इस तीसरी लहर में भी सामाजिक दायित्व निभा रहे हैं.

अब तक बांट चुके हैं 16 हजार निशुल्क मास्क

पढ़ें- Gehlot Cabinet Corona Review Meet : कोविड प्रोटोकॉल की पालना और वैक्सीनेशन पर जोर, 12+ के सभी बच्चों के टीकाकरण की सिफारिश

मददगारों की कमी नहीं: आखिर कैसे संभव है अपनी पेंशन से गुजारा करना और फिर लोगों को मास्क बांटना? इस सवाल पर कहते हैं कि कुछ अपनी पेंशन तो कुछ लोगों की मदद से कारवां आगे बढ़ता है. लोगों के सौजन्य से कपड़ा आ जाता है. रोज 25 से 30 मास्क बनाकर घर का बाकी काम निपटाते हैं. ख्याति के साथ डिमांड भी बढ़ रही है. बताते हैं कि कॉलेज, स्कूल, बाजार, कच्ची बस्ती और कथा स्थल में निशुल्क वितरण कर रहे हैं.

कितना सुरक्षित और क्या अंतर: सवाल सुरक्षा है? आखिर बात सेहत और प्रोटोकॉल की है तो कितना और क्या अंतर है? शर्मा कहते हैं कि मेडिकल मास्क की जिंदगी 8 घंटे की होती है जबकि मै सूती कपड़े व Linen कपड़े के मास्क बनाता हूं जो 4 से 6 माह तक पहन सकते हैं .यह मास्क दोनों तरफ से पहना जाता है. इस मास्क को लगाने से सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं होती है.

मास्क बांटने का ख्याल कैसे?: मास्क बनाने का ख्याल मन में कैसे आया? इस सवाल पर भवानी शंकर शर्मा (Bhavani Shankar of bhilwara) कहते हैं कि जब कोरोना की शुरुआत हुई थी तब वो घर के बाहर बैठे थे. उस दौरान लोगों को अनमास्क होकर घूमते देखा. तभी फैसला लिया कि मैं सामाजिक दायित्व निभाऊंगा और मशीन उठा अपनी सोच को नया आयाम दे दिया.

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