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Jain Politics in Rajasthan : जैन समाज भी दिखाएगा राजनीति में ताकत, भाजपा-कांग्रेस से करेंगे टिकट की मांग - Ticket from BJP and Congress

राजस्थान में जाट समाज के बाद अब जैन समाज भी (Jain Politics in Rajasthan) राजनीति में ताकत दिखाएगा. रविवार को भीलवाड़ा में समाज के सम्मेलन में राजनीति के विषय पर चिंतन हुआ.

Jain Politics in Rajasthan
जैन समाज भी दिखाएगा राजनीति में ताकत
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Published : Mar 12, 2023, 5:46 PM IST

Updated : Mar 12, 2023, 6:08 PM IST

जैन समाज भी दिखाएगा राजनीति में ताकत

भीलवाड़ा. जाट समाज के बाद अब प्रदेश की राजनीति में जैन समाज भी अपनी ताकत दिखाएगा, जिसको लेकर भीलवाड़ा में अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन की बैठक में चिंतन हुआ. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यूपी में भी हमने चुनाव से पहले टिकट मांगे थे और राजस्थान में भी हम अच्छे दावेदारों की तलाश कर रहे हैं. भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टियों से डेटाबेस के आधार पर दावेदारी पेश करेंगे. वहीं, कांग्रेस नेत्री ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि वीरांगनाओं के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए.

दरअसल, भीलवाड़ा शहर के अग्रवाल उत्सव भवन में आज अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन की संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ. जिसमें समाज सुधार सहित राजनीतिक और अन्य विषयों पर चर्चा की गई. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल सहित प्रदेश अध्यक्ष व महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति खंडेलवाल ने शिरकत की. सम्मेलन में जैन समाज के लोगों ने इस बार राजनीतिक में भी भागीदारी को लेकर कहा कि हमने यूपी में भी टिकट की मांग की थी. राजस्थान में भी हम जैन समाज के उम्मीदवार को अधिक से अधिक टिकट मिले, जिनके लिए भाजपा व कांग्रेश के आला राजनेताओं से मुलाकात कर मांग करेंगे.

पढ़ें : जाट महाकुंभ : राजनीति में एक नंबर की कुर्सी और ओबीसी आरक्षण को 27% तक बढ़ाने की उठी मांग

बैठक के बाद अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि आज के सम्मेलन में राजनीति के विषय पर भी चिंतन हुआ. राजनीति में जैन समाज की भागीदारी कम हो रही है, उसको किस तरह बढ़ाई जाए उस पर भी विचार किया गया. इसके लिए हम सामूहिक रूप से काम करेंगे. जैन समाज के तमाम संगठन के घटक एक साथ हैं. यूपी चुनाव के समय भी वैश्य समाज के नाम से टिकट की मांग की थी, जिसमें तमाम समाज के संगठन एकजुट होकर राजनेताओं से मुलाकात करने के बाद जैन समाज से काफी उम्मीदवार चुनाव मैदान में प्रत्याशी बनाए गए और हमने काफी हद तक सफलता मिली. राजस्थान चुनाव के लिए हम अनुभवी राजनेता को ढूंढ रहे हैं, उनकी दावेदारी बनाकर हम बीजेपी व कांग्रेस तमाम राजनेताओं के सामने दावेदारी प्रस्तुत करेंगे. हमारी दावेदारी कोई खोखली नहीं है, हम दोनों पार्टियों के पास डाटा के साथ उपस्थित होकर दावेदारी पेश करेंगे.

वहीं, अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन की महिला संगठन की प्रदेश अध्यक्ष व कांग्रेस की राजनेता ज्योति खंडेलवाल ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी होनी चाहिए. उसमें किसी जाति विशेष की महिलाओं की बात नहीं करेंगे तमाम समाज व धर्म की महिलाओं की बात करेंगे. हम यह मानते हैं कि लोकसभा में 33% महिलाओं के रिजर्वेशन का बिल है, वह पास होना चाहिए जिससे हर समाज व धर्म की महिलाओं को राजनीति में भागीदारी बढ़ेगी. अगर राजनीति में 33% आरक्षण मिलता है तो भविष्य में इसका बहुत अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा.

वहीं, वीरांगनाओं के मामले को लेकर ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि मैं साफ बात कहना चाहती हूं कि वीरांगना व शहीद जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण व सब कुछ न्योछावर कर दिया था. उस मामले में सियासत नहीं होनी चाहिए. उस मामले का समझदारी से आपसी बातचीत से हल निकाला जा सकता है. इसके लिए धरने प्रदर्शन की जरूरत नही है. किसकी गलती रही जिसको लेकर खंडेलवाल ने कहा कि जब कोई ऐसा प्रकरण इतना बढ़ जाता है तो मैं नहीं मानती हूं कोई एक पक्ष की गलती हो. केवल सियासत करने के लिए धरना, प्रदर्शन किया जाता है, वह गलत है. मैं मानती हूं कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर तो सियासत बहुत ही गलत है. कार्यक्रम में दामोदर अग्रवाल सहित अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन से जुड़े संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे.

जैन समाज भी दिखाएगा राजनीति में ताकत

भीलवाड़ा. जाट समाज के बाद अब प्रदेश की राजनीति में जैन समाज भी अपनी ताकत दिखाएगा, जिसको लेकर भीलवाड़ा में अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन की बैठक में चिंतन हुआ. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यूपी में भी हमने चुनाव से पहले टिकट मांगे थे और राजस्थान में भी हम अच्छे दावेदारों की तलाश कर रहे हैं. भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टियों से डेटाबेस के आधार पर दावेदारी पेश करेंगे. वहीं, कांग्रेस नेत्री ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि वीरांगनाओं के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए.

दरअसल, भीलवाड़ा शहर के अग्रवाल उत्सव भवन में आज अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन की संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ. जिसमें समाज सुधार सहित राजनीतिक और अन्य विषयों पर चर्चा की गई. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल सहित प्रदेश अध्यक्ष व महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति खंडेलवाल ने शिरकत की. सम्मेलन में जैन समाज के लोगों ने इस बार राजनीतिक में भी भागीदारी को लेकर कहा कि हमने यूपी में भी टिकट की मांग की थी. राजस्थान में भी हम जैन समाज के उम्मीदवार को अधिक से अधिक टिकट मिले, जिनके लिए भाजपा व कांग्रेश के आला राजनेताओं से मुलाकात कर मांग करेंगे.

पढ़ें : जाट महाकुंभ : राजनीति में एक नंबर की कुर्सी और ओबीसी आरक्षण को 27% तक बढ़ाने की उठी मांग

बैठक के बाद अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि आज के सम्मेलन में राजनीति के विषय पर भी चिंतन हुआ. राजनीति में जैन समाज की भागीदारी कम हो रही है, उसको किस तरह बढ़ाई जाए उस पर भी विचार किया गया. इसके लिए हम सामूहिक रूप से काम करेंगे. जैन समाज के तमाम संगठन के घटक एक साथ हैं. यूपी चुनाव के समय भी वैश्य समाज के नाम से टिकट की मांग की थी, जिसमें तमाम समाज के संगठन एकजुट होकर राजनेताओं से मुलाकात करने के बाद जैन समाज से काफी उम्मीदवार चुनाव मैदान में प्रत्याशी बनाए गए और हमने काफी हद तक सफलता मिली. राजस्थान चुनाव के लिए हम अनुभवी राजनेता को ढूंढ रहे हैं, उनकी दावेदारी बनाकर हम बीजेपी व कांग्रेस तमाम राजनेताओं के सामने दावेदारी प्रस्तुत करेंगे. हमारी दावेदारी कोई खोखली नहीं है, हम दोनों पार्टियों के पास डाटा के साथ उपस्थित होकर दावेदारी पेश करेंगे.

वहीं, अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन की महिला संगठन की प्रदेश अध्यक्ष व कांग्रेस की राजनेता ज्योति खंडेलवाल ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी होनी चाहिए. उसमें किसी जाति विशेष की महिलाओं की बात नहीं करेंगे तमाम समाज व धर्म की महिलाओं की बात करेंगे. हम यह मानते हैं कि लोकसभा में 33% महिलाओं के रिजर्वेशन का बिल है, वह पास होना चाहिए जिससे हर समाज व धर्म की महिलाओं को राजनीति में भागीदारी बढ़ेगी. अगर राजनीति में 33% आरक्षण मिलता है तो भविष्य में इसका बहुत अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा.

वहीं, वीरांगनाओं के मामले को लेकर ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि मैं साफ बात कहना चाहती हूं कि वीरांगना व शहीद जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण व सब कुछ न्योछावर कर दिया था. उस मामले में सियासत नहीं होनी चाहिए. उस मामले का समझदारी से आपसी बातचीत से हल निकाला जा सकता है. इसके लिए धरने प्रदर्शन की जरूरत नही है. किसकी गलती रही जिसको लेकर खंडेलवाल ने कहा कि जब कोई ऐसा प्रकरण इतना बढ़ जाता है तो मैं नहीं मानती हूं कोई एक पक्ष की गलती हो. केवल सियासत करने के लिए धरना, प्रदर्शन किया जाता है, वह गलत है. मैं मानती हूं कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर तो सियासत बहुत ही गलत है. कार्यक्रम में दामोदर अग्रवाल सहित अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन से जुड़े संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे.

Last Updated : Mar 12, 2023, 6:08 PM IST
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