भीलवाड़ा. हजारों लोगों की छोटी बचत और निवेशकों के खून पसीने की करोड़ों रुपए की राशि हड़प कर ऐशो आराम की जिंदगी जीने वाले आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष और प्रबंध निर्देशक सहित 11 लोगों पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट के जरिए जयपुर और जालोर जिले से गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों में एक महिला भी शामिल है, जिसे आईपीसी की धारा- 420, 406, 409 और 120बी में गिरफ्तार किया है.
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बता दें, गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में मुंबई के पॉश इलाके बांद्रा में रहने वाली प्रियंका मोदी और उनके पति वैभव लोढा, सिरोही के समीर मोदी, भरत मोदी, भरत दास, राहुल मोदी और मुकेश मोदी शामिल हैं. वहीं रोहित मोदी जयपुर, राजेश्वर सिंह गुड़गांव और विवेक पुरोहित अहमदाबाद शामिल हैं. फिलहाल, पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है. इनका रिमांड लेकर इनके मुख्यालय सिरोही में दस्तावेजों को भी खंगाला जाएगा.
सुभाष नगर थाना प्रभारी पुष्पा कासोटिया ने बताया, साल 2019 में मुकेश मोदी, भरत मोदी और राहुल मोदी ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी बनाई थी. इसमें उन्होंने भोली-भाली जनता को अच्छा ब्याज देने का वादा करते हुए उनसे करोड़ों रुपए ठग लिए. राजस्थान के अलावा पूरे देश में इनके ऑफिस मौजूद हैं. जहां जनता का पैसा जमा होता था और उस पैसे से यह अपने कुटुंब के नाम से कंपनियां खोल लेते हैं. जनता ने जब अपने पैसे वापस मांगे, जिसमें भीलवाड़ा के 30 लोग भी शामिल हैं. इसमें से 26 की रिपोर्ट सुभाष नगर थाना में दर्ज हुई है. इनमें इन लोगों ने छोटे जमा कर्ताओं के 1 करोड़ रुपए से अधिक हजम कर लिए हैं. साल 2020 में आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष मुकेश मोदी, भरत मोदी और राहुल मोदी ने जनता की जो खरी कमाई थी, उसमें उन्होंने घोटाले करके पैसे नहीं लौटाए.
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सदर बाजार रूपाहेली कला के रामप्रसाद अजमेरा ने थाने में एफआईआर दर्ज करवाई कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी का टीम मैनेजर बताते हुए लोक-लुभाने वाले आश्वासन देकर सोसाइटी में राशि निवेश जमा करने के आशा से विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया. साथ ही अच्छे रिटर्न देने के प्रति आश्वस्त किया, जिसके बाद आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी में अच्छे ब्याज पाने के लालच में पांच लाख रुपए जमा करवाए थे, जिसका ब्याज सहित 7 लाख 86 हजार रुपए का भुगतान आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष प्रबंध निदेशक और निवेशकों ने नहीं किया.
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इसके बाद पारिवारिक कलह के चलते रुपए की आवश्यकता होने पर 31 अगस्त 2018 को अपने बचत खाते में जमा राशि में से 5 लाख रुपए आहरित करना चाहा तो स्थानीय ब्रांच में भुगतान के लिए पर्याप्त राशि से नहीं होना बताते हुए परिवादी को हेड ऑफिस से ग्राहकों को भुगतान के लिए पर्याप्त फंड रिलीज नहीं होना बताया. ऐसे में एक साथ पांच लाख रुपए का भुगतान नहीं किया जा सकता है. इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों से बातचीत करने पर अलग-अलग बात करते हैं. परिवादी अजमेरा ने यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ ही लाखों निवेशकों की करोड़ों रुपए की जमा राशि हड़प कर बैठे हुए हैं. इस पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्जकर मामले में 8 को जयपुर और तीन को जालोर की भीनमाल जेल से प्रोडक्शन वारंट के तहत गिरफ्तार किया है.