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मंदिर की जमीन से संबंधित अध्यादेश वापस लेने की मांग, पुजारी बोले- मांगें पूरी हुईं तो सीएम को रक्त से तौलेंगे - Temple land

भीलवाड़ा में अखिल राजस्थान पुजारी महासंघ ने सीएम अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने मांग की है कि साल 1991 में राज्य सरकार की ओर से मंदिर की जमीन को सरकारी जमीन में बदलने के अध्यादेश को वापस लिया जाए.

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बैष्णव समाज का प्रदर्शन...
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Published : Oct 20, 2020, 6:13 PM IST

भीलवाड़ा. अखिल राजस्थान पुजारी महासंघ ने मंगलवार को साल 1991 में राज्य सरकार की ओर से मंदिर की जमीन को सरकारी जमीन में बदलने का अध्यादेश लाया गया था. इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर शिवप्रसाद नकाते को ज्ञापन भी सौंपा.

बैष्णव समाज का प्रदर्शन...

ज्ञापन के जरिए उन लोगों ने पुजारियों की जमीन नहीं देने के साथ ही उन्हें खातेदारी अधिकार प्रदान करने की मांग की है. इस दौरान मांगें पूरी करने पर पुजारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रक्त से तौलने का संकल्प भी लिया है. महासंघ के जिलाध्यक्ष शंभू दास वैष्णव ने कहा कि 13 सितंबर 1991 को मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने एक आदेश पारित किया था कि मंदिर की कृषि भूमि को राजस्व विभाग में ले लिया जाए. जबकि इस जमीन पर हमारे दादा परदादा खेती करते आ रहे थे. इसके कारण हमने उसे काला दिवस घोषित किया था.

यह भी पढ़ें: भीलवाड़ा: संत के साथ मारपीट को लेकर संत समाज में गुस्सा व्याप्त

इसके कारण वैष्णव समाज सड़कों पर आ गया है. वहीं दूसरी ओर प्रदेश सचिव अटल बिहारी वैष्णव ने कहा कि हमारे कई किसान पूजारियों के पास आजीविका का साधन नहीं है. ऐसे में हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस अध्यादेश को वापस लें या फिर निरस्त करें. यदि मुख्यमंत्री ऐसा करते हैं तो वैष्णव समाज उन्हें अपने रक्त से तौलेगा.

भीलवाड़ा. अखिल राजस्थान पुजारी महासंघ ने मंगलवार को साल 1991 में राज्य सरकार की ओर से मंदिर की जमीन को सरकारी जमीन में बदलने का अध्यादेश लाया गया था. इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर शिवप्रसाद नकाते को ज्ञापन भी सौंपा.

बैष्णव समाज का प्रदर्शन...

ज्ञापन के जरिए उन लोगों ने पुजारियों की जमीन नहीं देने के साथ ही उन्हें खातेदारी अधिकार प्रदान करने की मांग की है. इस दौरान मांगें पूरी करने पर पुजारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रक्त से तौलने का संकल्प भी लिया है. महासंघ के जिलाध्यक्ष शंभू दास वैष्णव ने कहा कि 13 सितंबर 1991 को मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने एक आदेश पारित किया था कि मंदिर की कृषि भूमि को राजस्व विभाग में ले लिया जाए. जबकि इस जमीन पर हमारे दादा परदादा खेती करते आ रहे थे. इसके कारण हमने उसे काला दिवस घोषित किया था.

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इसके कारण वैष्णव समाज सड़कों पर आ गया है. वहीं दूसरी ओर प्रदेश सचिव अटल बिहारी वैष्णव ने कहा कि हमारे कई किसान पूजारियों के पास आजीविका का साधन नहीं है. ऐसे में हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस अध्यादेश को वापस लें या फिर निरस्त करें. यदि मुख्यमंत्री ऐसा करते हैं तो वैष्णव समाज उन्हें अपने रक्त से तौलेगा.

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