भीलवाड़ा. अक्सर थाना और जेल से आरोपियों की फरार होने की खबरें आपने तो काफी बार सुनी होगी, लेकिन भीलवाड़ा जिले में एक ऐसा अजीबोगरीब वाकया देखने को मिला, जहां प्रताप नगर थाने से ही एक नाबालिक बच्चा पानी पुरी खाने के बहाने फरार हो गया. गुमशुदा बालक को पुलिस पकड़ कर थाने ले आई, लेकिन थाने से बालक का ऐसे भाग जाना कहीं ना कहीं पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान है.
इस मामले को लेकर बालक के परिजनों ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर (Case of Missing Child from Police Station) प्रदर्शन करते हुए पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई. इस दौरान प्रतापनगर थाना पुलिस पर कई आरोप गए. वहीं, पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं.
पीड़िता तारा देवी ने कहा कि मेरा 17 वर्षीय बेटा सुबह घर से निकला जो घर नहीं लौटा. जिसके बाद मैंने उके दोस्तों को फोन लगाया. जिसके बाद उसके एक दोस्त ने कहा कि आपका बेटा मेरे साथ है और फिर उसने फोन बंद कर दिया. इस पर हमने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई और पुलिस ने लोकेशन ट्रैक कर उसे डिटेन कर लिया. पुलिस ने हमें फोन करके बुलाया. जब हम थाने पहुंचे तब हमें वहां पर हमारा बेटा नहीं मिला और हमने जब इस बारे में प्रताप नगर थाने में तैनात नारायण सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा कि वह पानी पूरी खाने के बहाने यहां से फरार हो गया.
पढ़ें : भीलवाड़ा थाने में एसीबी की कार्रवाई, ट्रैप की भनक लगते ही रिश्वत राशि लेकर एएसआई फरार
उन्होंने हमें यह कहकर थाने से भगा दिया कि यूपी-बिहार के लोग यहां माहौल खराब करने के लिए आते हैं. पुलिस ने हमें अंदर कर देने की धमकी दे कर वहां से भगा दिया. इसके बाद नारायण सिंह ने मेरे साथ मारपीट भी की. यही नहीं, उन्होंने मेरे बेटे का एक वीडियो भी बनवाया था. मैं एसपी से गुजारिश करता हूं कि मुझे सिर्फ मेरा बेटा चाहिए और कुछ नहीं.
वहीं, दूसरी तरफ पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू ने कहा कि प्रताप नगर थाने में (Ruckus on Bhilwara Child Missing Case) गुमशुदा बालक के गायब होने का मामला संज्ञान में आया है. इस मामले को लेकर हमने उच्च स्तरीय जांच बैठा दी है. यदि इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, बालक के तलाश करने की भी कार्रवाई की जा रही है.