भीलवाड़ा. एनजीटी के आदेश पर (Action on order of NGT) सोमवार को नगर विकास न्यास व नगर परिषद के अधिकारियों ने शहर के पास से गुजरने वाली कोठारी नदी की सीमाओं पर (bulldozers run to mythological temple) अस्थायी अतिक्रमण हटाया. इस दौरान वहां स्थित पौराणिक मंदिर पर भी बुलडोजर चला दिया गया. जिससे गुर्जर समाज में खासा आक्रोश देखने को मिला और न्यास के अधिकारियों के खिलाफ अन्य स्थानीयों के साथ समाज के लोग धरने पर बैठ गए. वहीं, गुर्जर समाज के धरने के बाद मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों व समाज के गणमान्य नागरिकों के बीच वार्ता हुई. जिसके बाद मंदिर का पुनः निर्माण शुरू हुआ. इस दौरान नगर विकास न्यास की कार्यवाहक सचिव रंजनी माधीवाल, पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर और आंदोलन की अगुवाई कर रहे भाजपा नेता उदय लाल भडाणा मौजूद रहे हैं.
नगर विकास न्यास की ओएसडी रंजनी माधीवाल ने कहा कि एनजीटी कोर्ट व जिला कलेक्टर के आदेश से कोठारी नदी के किनारे व्याप्त अतिक्रमण को सोमवार को हटाया गया था. इसके पूर्व (reconstruction starts after protests ) न्यास ने यहां दो बार सर्वे कर अतिक्रमण को चिह्नित किया था. वहीं, एक पुराने चबूतरे को हटाने को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई. जिसे स्थानीयों ने आस्था का केंद्र बताया. इसके बाद उक्त विषय पर संज्ञान लिया गया. पुन: वहां चबूतरे के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया.
बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर नगर विकास न्यास व नगर परिषद ने सीमा ज्ञान करवाने के बाद सोमवार को उक्त कार्रवाई की. हालांकि, अतिक्रमण हटाने के क्रम में एक पौराणिक आस्था स्थल को तोड़ने को लेकर विवाद शुरू हो गया. जिसके खिलाफ क्षेत्रवासी धरने पर बैठे, लेकिन आखिरकार उक्त मसले को वार्ता के जरिए सुलझा लिया गया.