भीलवाड़ा. जिला कलेक्ट्रेट के बाहर शुक्रवार को नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के पदाधिकारियों ने 4 सूत्री मांगों को लेकर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया और अपने खून से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन लिखा. एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने खून से खिला ज्ञापन जिला कलेक्टर शिव प्रकाश को सौंपा.
एनएसयूआई की 4 सूत्री मांगों में सबसे प्रमुख मांग विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की परीक्षाओं को रद्द करने की है. एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो आने वाले समय में एनएसयूआई सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी.
एनएसयूआई जिला अध्यक्ष रितेश गुर्जर ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण के चलते छात्रों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए परीक्षाएं रद्द कर उन्हें प्रमोट कर दिया था. लेकिन यूजीसी ने परीक्षाएं जारी रखने का आदेश दिया है. इस वहज से हमने अपने खून से प्रधानमंत्री के नाम लिखा ज्ञापन सौंपा है.
एनएसयूआई जिला अध्यक्ष ने कहा कि हमारी मांग है कि इस साल विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की फीस माफ की जाए और नर्सिंग स्टूडेंट्स को भी एक साल वर्ष के लिए क्रमोन्नत किया जाए. यूजीसी की गाइडलाइंस में सुधार करते हुए सत्र 2019 के अंतिम वर्ष के सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा आयोजित किए पास कराया जाए.
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एनएसयूआई का कहना है कि देश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की इस वर्ष की फीस माफ होनी चाहिए. एनएसयूआई जिला अध्यक्ष रितेश गुर्जर ने कहा कि अभी तो हम खून से ज्ञापन ही लिख रहे हैं. मांग पूरी नहीं की जाती है तो एनएसयूआई सड़कों पर अपना खून भी बहाएगी.