भीलवाड़ा. प्रदेश में भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हो गया. वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा जिले की सात सीटों में से 6 पर भाजपा और एक पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए थे. निर्दलीय ने भी भाजपा को समर्थन दे दिया था. इसके बावजूद मंत्रिमंडल में भीलवाड़ा जिले से एक भी विधायक को जगह नहीं मिली. इससे जिला वासियों में निराशा है.
जब जिले के नागरिकों से ईटीवी भारत ने बात की तो जिलावासियों ने अपने निराशा भरे विचार सामने रखे. उन्होंने कहा कि हमने इस बार भरपूर मात्रा में भाजपा को मत और समर्थन दिया, लेकिन मंत्रिमंडल में एक भी विधायक को शामिल नहीं करने से हमारी आशा व उम्मीद धरी रह गई. अगर मंत्रिमंडल में जिले के किसी भी एक विधायक को शामिल कर लेते तो भविष्य में प्रशासन हावी होने की संभावना नहीं रहती और आम जनता के काम तुरंत निस्तारित होते. भीलवाड़ा को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया जिसके कारण जिले की जनता की उम्मीद व आशा निराशा में परिवर्तित हो गई.
प्रदेश की भजनलाल सरकार में 12 कैबिनेट मंत्री, पांच स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री और पांच राज्य मंत्री को राज्यपाल कलराज मिश्र ने शपथ दिलाई, लेकिन भीलवाड़ा के 20 साल के इतिहास में पहली बार एक भी जनप्रतिनिधि को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली.
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भीलवाड़ा ने बनाए दो बार मुख्यमंत्री : जिले से पूर्व में शिवचरण माथुर दो बार प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. शिवचरण माथुर सुबे के दो बार मुख्यमंत्री सहित असम के राज्यपाल भी रहे थे. वहीं वीपी सिंह बदनोर भी पंजाब के राज्यपाल के साथ ही प्रदेश में मंत्री रहे थे. गहलोत सरकार के समय भीलवाड़ा जिले की 7 सीटों में से कांग्रेस के पास सिर्फ दो सीटें थी, लेकिन कांग्रेस सरकार में पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट व पूर्व बीज निगम के अध्यक्ष धीरज गुर्जर को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था लेकिन इस बार भाजपा के शासन में जिले में किसी भी विधायक को मंत्री पद नहीं मिला जिसके कारण भीलवाड़ा की जनता में मायूसी है.
जिले के वरिष्ठ नागरिक निरंजन राजस्थला ने कहा कि भीलवाड़ा में 7 सीटें है. इस बार भाजपा के पक्ष में जनता ने प्रचंड समर्थन दिया. इसके कारण उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल में जिले को स्थान मिलेगा, लेकिन मंत्रिमंडल के गठन में भीलवाड़ा को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया. हम सरकार से मांग करते कि आने वाले समय में भीलवाड़ा से एक मंत्री कम से कम शामिल करें.
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आगे करते हैं मंत्री की उम्मीद : वहीं, दुकानदार विनोद जागेटिया ने कहा कि भीलवाड़ा को मंत्रिमंडल से काफी उम्मीद थी. अब जनता भाजपा को मत देकर अपने आपको ठगा महसूस कर रही है. अगर भीलवाड़ा जिले को मंत्री पद मिलता तो प्रशासन दबाव में रहता और अच्छे विकास के काम होते. किसान विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्र में युवा, बुजुर्ग, किसान व महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाजपा के पक्ष में मतदान किया था. फिर भी एक भी मंत्री नहीं बनाया गया लेकिन आगे उम्मीद करते हैं.
प्रशासन पर होती अच्छी पकड़ : युवा सुजित मेवाड़ा ने कहा कि इस बार हम जैसे युवाओं ने भी भाजपा को बढ़चढ़कर मत दिया था. किसी भी विभाग से भीलवाड़ा का मंत्री पद होता तो प्रशासन पर लोगों की अच्छी पकड़ रहती और भीलवाड़ा जिले का कोई मुद्दा होता तो यहीं निस्तारण हो जाता, लेकिन अब लोगों को दूर जयपुर तक जाना पड़ेगा.