भीलवाड़ा. भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है. इस लाइलाज बीमारी ने अब तक लाखों लोगों की जिंदगी निगल ली. दुनिया के बड़े वैज्ञानिक कोरोना की दवा खोजने में जुटे हुए हैं, वहीं धार्मिक स्थलों पर लोग इस बीमारी से मुक्ति की कामना कर रहे हैं. इसी कड़ी में कोरोना वायरस के खात्मे के लिए मंगलवार को एक संत ने मेवाड़ की छोटी अयोध्या कही जाने वाली घोड़ास स्थित मंदिर में 7 लाख 51 हजार दीपों का दान किया है. इस दीपदान कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए लोगों और संतों ने हिस्सा लिया. जिले की मांडल तहसील के घोड़ास गांव स्थित डांग के हनुमानजी में दीपदान यज्ञ हुआ. देव दिवाली के पावन पर्व कार्तिक पूर्णिमा को घोड़ास डांग के हनुमानजी मंदिर पर 7 लाख 51 हजार दीपों का दीपदान किया गया.
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पवित्र कार्तिक माह में 1 महीने तक चले विभिन्न अनुष्ठान में पूजन की भी दीपदान यज्ञ के साथ ही पूर्णाहुति हो गई. देश के अलग-अलग स्थानों से आए धर्म गुरुओं के साथ-साथ महंत, संतो ने भी इस दीपदान यज्ञ में अपनी आहुतियां दी. महेंद्र सरजू दास जी महाराज के सानिध्य में 1 महीने से चले आ रहे कार्तिक महोत्सव के अंतिम दिन छप्पन भोग और महा आरती जैसे प्रमुख आयोजन हुए. समाज के संकीर्तन कुटिया गोविंद सागर सरोवर के किनारे लगाई गई. हनुमान मंदिर के महंत सरजू दास महाराज का कहना है कि पूरे विश्व में कोरोना जैसी बीमारी को खत्म करने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है. कार्तिक पूर्णिमा महोत्सव के तहत दीपदान को छप्पन भोग के कार्यक्रम को लगातार 16 वर्ष भी देव दिवाली कार्तिक महोत्सव के रूप में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है.
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कार्यक्रम में संतों ने घोड़ास में गोविंद सरोवर की धरती को पवित्र कर नई अयोध्या के रूप में पावन धाम बनाया है, यहां आज 7 लाख 51 हजार दीपदान किया गया है. गोविंद सरोवर के किनारे पर बनी 31 कोठियों में आस-पास के गांव में आए भक्तों द्वारा कार्तिक मास की शुरुआत के साथ से ही अखंड राम नाम ध्वनि का जाप किया है. ब्रह्मलीन महंत गोविंद दास महाराज की समाधि स्थल पर भी अखंड रामायण पाठ का आयोजन हुआ. वृंदावन से आए संत हिमांशु ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते हम असली अयोध्या तो नहीं जा पाए, मगर हमने सुना था राजस्थान के मेवाड़ में एक छोटी अयोध्या भी है. यहां पर आकर हमें बहुत ही अच्छा लगा.