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राजस्थान उपचुनाव की स्थिति...Etv Bharat पर एक्सपर्ट से जानिये सहाड़ा सीट का पूरा गणित - सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव

राजस्थान में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां परवान पर हैं. सहाड़ा, राजसमंद, वल्लभनगर और सुजानगढ़ सीट पर अप्रैल माह में दूसरे सप्ताह के पहले चुनाव हो सकते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत पर राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार श्याम सुन्दर शर्मा ने सहाड़ा सीट की मौजूदा स्थिति को साफ किया. देखिये सहाड़ा विधानसभा सीट का पूरा गणित...

analysis on etv bharat for byelection on sahada seat
सहाड़ा विधानसभा सीट
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Published : Mar 4, 2021, 7:55 AM IST

Updated : Mar 16, 2021, 12:47 PM IST

जयपुर. प्रदेश में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की बात करें तो इनमें तीन सीट सामान्य और एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पूरे चुनाव में दोनों दलों के लिए परिवारवाद सबसे बड़ी चुनौती रहने वाला है. मौजूदा अशोक गहलोत सरकार के लिए रिपोर्ट कार्ड के तौर पर इन सीटों के नतीजे तय करेंगे. वहीं, आंतरिक मतभेदों से जूझ रही बीजेपी के लिए मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की मजबूती इन चुनावों के परिणाम तय करेंगे. तीन सीटों पर पहले कांग्रेस काबिज थी तो एक सीट राजसमंद पर बीजेपी का कब्जा था.

सहाड़ा सीट का पूरा गणित...

सहाड़ा सीट...

इस सीट पर शुरुआत से कांग्रेस का वजूद रहा है. यहां से कांग्रेस के कैलाश त्रिवेदी तीन बार विधायक रहे, जिनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के सांसद रहने के दौरान हमेशा कैलाश त्रिवेदी का साथ मिला.

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सहाड़ा सीट पर उपचुनाव की स्थिति...

यहां कांग्रेस के लिए टिकट का चुनाव विवाद का विषय हो सकता है. हालांकि, इस सीट पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत है, लेकिन परिवारवाद की छाया भी है, क्योंकि त्रिवेदी के पुत्र और भाई भी टिकट की दावेदारी में हैं.

पढ़ें : राजस्थान : चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की स्थिति...Etv Bharat पर एक्सपर्ट से जानिये पूरा गणित

वहीं, कांग्रेस के लिए नए चेहरे पर दांव लगाना चुनौतिपूर्ण हो सकता है. कांग्रेस ने इस सीट पर ज्यादातर ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाया है, जबकि बीजेपी का दांव हमेशा जाट चेहरों पर रहा है. बीजेपी के लिए नकारात्मक पहलू यह है कि डॉ. बाबूलाल चौधरी का टिकट कटा और कमीशनबाजी का आरोप लगा.

जयपुर. प्रदेश में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की बात करें तो इनमें तीन सीट सामान्य और एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पूरे चुनाव में दोनों दलों के लिए परिवारवाद सबसे बड़ी चुनौती रहने वाला है. मौजूदा अशोक गहलोत सरकार के लिए रिपोर्ट कार्ड के तौर पर इन सीटों के नतीजे तय करेंगे. वहीं, आंतरिक मतभेदों से जूझ रही बीजेपी के लिए मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की मजबूती इन चुनावों के परिणाम तय करेंगे. तीन सीटों पर पहले कांग्रेस काबिज थी तो एक सीट राजसमंद पर बीजेपी का कब्जा था.

सहाड़ा सीट का पूरा गणित...

सहाड़ा सीट...

इस सीट पर शुरुआत से कांग्रेस का वजूद रहा है. यहां से कांग्रेस के कैलाश त्रिवेदी तीन बार विधायक रहे, जिनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के सांसद रहने के दौरान हमेशा कैलाश त्रिवेदी का साथ मिला.

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सहाड़ा सीट पर उपचुनाव की स्थिति...

यहां कांग्रेस के लिए टिकट का चुनाव विवाद का विषय हो सकता है. हालांकि, इस सीट पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत है, लेकिन परिवारवाद की छाया भी है, क्योंकि त्रिवेदी के पुत्र और भाई भी टिकट की दावेदारी में हैं.

पढ़ें : राजस्थान : चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की स्थिति...Etv Bharat पर एक्सपर्ट से जानिये पूरा गणित

वहीं, कांग्रेस के लिए नए चेहरे पर दांव लगाना चुनौतिपूर्ण हो सकता है. कांग्रेस ने इस सीट पर ज्यादातर ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाया है, जबकि बीजेपी का दांव हमेशा जाट चेहरों पर रहा है. बीजेपी के लिए नकारात्मक पहलू यह है कि डॉ. बाबूलाल चौधरी का टिकट कटा और कमीशनबाजी का आरोप लगा.

Last Updated : Mar 16, 2021, 12:47 PM IST
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