वस्त्रनगरी भीलवाड़ा चिकित्सा पद्धति में तरक्की का नया आयाम लिख रहा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में अंधविश्वास के गर्त से बाहर नहीं निकल पा रहा है. इस अंधविश्वास के चलते कभी-कभी मासूम और लोगों की जान आफत में आ जाती है.
भीलवाड़ा. जिले में अंधविश्वास के चलते अब तक कई बच्चों की जान जा चुकी है . ताजा मामला आसींद थाना क्षेत्र के मोतीपुर गांव में रहने वाले कालू लाल रेगर के परिवार में सामने आया है. यहां कालू लाल रेगर की कविता निमोनिया से ग्रस्त11 महीने की पुत्री कविता को डावं लगा दिया गया.
कविता के पेट पर डावं लगाया गया, जिसके बाद उसकी हालत खराब हो गई और परिजनों ने उसे महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती करवाया, जहां उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.
मासूम कविता की मां कांता देवी ने कहा कि इसको कुछ दिन से सांस की बीमारी हो गई थी. इसके कारण उनरे ससुर सुखदेव नगर कविता के के पेट पर तीन दिन पहले गर्म सलाख से डावं लगा दिया था. इसी वजह से अब उसकी हालत खराब हो गई.
वहीं शिशु वार्ड इंचार्ज भेरू लाल जाट ने कहा कि बच्ची को सीवेर निमोनिया हो गया है, जिसके कारण उसे सांस लेने में दिक्कत आ रही है. बच्ची के पेट पर डावं लगाने से बच्ची की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.