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भीलवाड़ा के सरोवर में सवा लाख दीपदान के साथ किया जाएगा कार्तिक पूर्णिमा का समापन

भीलवाड़ा के मांडल में घोड़ास हनुमान मंदिर में स्थित सरोवर में कार्तिक पूर्णिमा की शाम सवा लाख दीपदान किए जाएंगे. वहीं इस मंदिर परिसर में पुरे कार्तिक महिने में कुटिया बनाकर राम नाम का जप, रामायण का पाठ, शिव महापुराण कथा, भक्त माला कथा का आयोजन किया गया. जिसका दीपदान के साथ समापन होगा.

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Published : Nov 12, 2019, 12:56 PM IST

भीलवाड़ा. जिले के मांडल विधानसभा क्षेत्र के प्रसिद्ध घोड़ास हनुमान मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सरोवर की विशेष पूजा-अर्चना कि जाएगी. जिसके बाद सरोवर के चारों तरफ सवा लाख दीपक जलाए जाएंगे. वहीं सरोवर के चारों ओर 31 कुटियाओं में श्रद्धालु पिछले एक महिने से रामायण का पाठ और राम नाम का जप कर रहे हैं. इसके साथ ही शिव महापुराण कथा, भक्त माला कथा और कार्तिक के महत्व की कथा का आयोजन किया गया है. जो मंगलवार के शाम सरोवर की पूजा अर्जना के साथ संपन्न होगी.

भीलवाड़ा के सरोवर में सवा लाख दीपदान से होगा कार्तिक पूर्णिमा का समापन

बता दें कि कार्तिक के महीने में पूरे जिलेभर से श्रद्धालु इस घोड़ास हनुमान मंदिर में आते हैं. यहां पर वे सरोवर की परिक्रमा करते हैं. साथ ही घर, परिवार में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं.

ये पढ़ेंः कुश्ती प्रतियोगिता का हुआ समापन, भीलवाड़ा ने तीसरी बार चैंपियनशिप जीतकर बनाई हैट्रिक

गोविंद सरोवर पहुंचे श्रद्धालु मुरलीधर जोशी ने बताया कि कार्तिक माह की विशेष महिमा है. यहां सरोवर की विशेष पूजा-अर्चना होती है. काफी संख्या में श्रद्धालु कार्तिक माह में आते हैं और सरोवर की परिक्रमा कर घर, परिवार में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं. वहीं यहां मंगलवार शाम को सवा लाख दीपदान किया जाएगा. जिसका मुख्य उद्देश्य है कि पर्यावरण शुद्ध रहे और देश में अमन चैन और सुख शांति रहे.

वहीं घोड़ास हनुमान मंदिर के महंत सरजू दास जी महाराज ने बताया कि हिंदू धर्म के अनुसार कार्तिक माह 12 माह में सबसे बड़ा माह होता है. इस को श्रेष्ठ महीना माना गया है। इस माह में दान पुण्य और राम नाम जपने की विशेष महिमा है. इसमें दीपदान के साथ विशेष पूजा होती है. प्रसिद्ध धाम के गोविंद सरोवर के चारों तरफ कुटिया बनी हुई है. जिसमें सभी जाति के लोग कार्तिक माह में राम नाम जपते हैं. साथ ही बताया कि लोगों में जो जातिवादी वैमनस्यता है वह खत्म करना उनका मुख्य उद्देश्य है.

भीलवाड़ा. जिले के मांडल विधानसभा क्षेत्र के प्रसिद्ध घोड़ास हनुमान मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सरोवर की विशेष पूजा-अर्चना कि जाएगी. जिसके बाद सरोवर के चारों तरफ सवा लाख दीपक जलाए जाएंगे. वहीं सरोवर के चारों ओर 31 कुटियाओं में श्रद्धालु पिछले एक महिने से रामायण का पाठ और राम नाम का जप कर रहे हैं. इसके साथ ही शिव महापुराण कथा, भक्त माला कथा और कार्तिक के महत्व की कथा का आयोजन किया गया है. जो मंगलवार के शाम सरोवर की पूजा अर्जना के साथ संपन्न होगी.

भीलवाड़ा के सरोवर में सवा लाख दीपदान से होगा कार्तिक पूर्णिमा का समापन

बता दें कि कार्तिक के महीने में पूरे जिलेभर से श्रद्धालु इस घोड़ास हनुमान मंदिर में आते हैं. यहां पर वे सरोवर की परिक्रमा करते हैं. साथ ही घर, परिवार में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं.

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गोविंद सरोवर पहुंचे श्रद्धालु मुरलीधर जोशी ने बताया कि कार्तिक माह की विशेष महिमा है. यहां सरोवर की विशेष पूजा-अर्चना होती है. काफी संख्या में श्रद्धालु कार्तिक माह में आते हैं और सरोवर की परिक्रमा कर घर, परिवार में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं. वहीं यहां मंगलवार शाम को सवा लाख दीपदान किया जाएगा. जिसका मुख्य उद्देश्य है कि पर्यावरण शुद्ध रहे और देश में अमन चैन और सुख शांति रहे.

वहीं घोड़ास हनुमान मंदिर के महंत सरजू दास जी महाराज ने बताया कि हिंदू धर्म के अनुसार कार्तिक माह 12 माह में सबसे बड़ा माह होता है. इस को श्रेष्ठ महीना माना गया है। इस माह में दान पुण्य और राम नाम जपने की विशेष महिमा है. इसमें दीपदान के साथ विशेष पूजा होती है. प्रसिद्ध धाम के गोविंद सरोवर के चारों तरफ कुटिया बनी हुई है. जिसमें सभी जाति के लोग कार्तिक माह में राम नाम जपते हैं. साथ ही बताया कि लोगों में जो जातिवादी वैमनस्यता है वह खत्म करना उनका मुख्य उद्देश्य है.

Intro:नोट- यह स्पेशल स्टोरी है वॉइस ओवर वहीं से करने का कष्ट करें।

भीलवाड़ा- भीलवाड़ा जिले के मांडल क्षेत्र के घोड़ास हनुमान मंदिर के महंत पूरे भारत में जातीय वैमनस्यता खत्म करने की अनूठी पहल कर रहे हैं। जहां घोड़ास हनुमान मंदिर परिसर में कार्तिक माह में सभी जाति के लोग राम नाम का जप करते हैं जिससे लोगों में जातिवाद की खाई मिट सके। वही यह तीर्थ स्थल मेवाड़ के अयोध्या नगरी के नाम से प्रसिद्ध है।


Body:भीलवाड़ा जिले के मांडल विधानसभा क्षेत्र के प्रसिद्ध घोड़ास हनुमान मंदिर पूरे मेवाड़ की अयोध्या नगरी के नाम से प्रसिद्ध है। जहां के महंत सरजू दास ने पूरे भारत में जातीय वैमनस्यता खत्म करने की अनूठी पहल कर रहे हैं । जिसके तहत प्रसिद्ध हनुमान मंदिर परिसर में स्थित गोविंद सरोवर के पास सभी जातियों के लोग पूरे कार्तिक माह मे राम नाम का जप करते दिख रहे हैं। यह धाम मेवाड़ की अयोध्या नगरी के नाम से प्रसिद्ध है।

यहां कार्तिक पूर्णिमा पर सरोवर की विशेष पूजा-अर्चना होती है। जहां सरोवर के चारों तरफ सवा लाख दीपक जलाए जाएंगे। सरोवर के चारों ओर 31 कुटिया ओं मे श्रद्धालु पिछले एक महा से रामायण व राम नाम का जप कर रहे हैं । इसके साथ ही शिव महापुराण कथा, भक्त माला कथा और कार्तिक के महत्व की कथा होती है जो आज संध्याकाल को सरोवर की पूजा अर्जना के साथ संपन्न होगी।

गोविंद सरोवर पहुंचे मुरलीधर जोशी ने कहा कि कार्तिक माह की विशेष महिमा है । यहां सरोवर की विशेष पूजा-अर्चना होती है जहां काफी संख्या में श्रद्धालु कार्तिक माह में आते हैं और सरोवर की परिक्रमा कर घर ,परिवार में सुख ,शांति व समृद्धि की कामना करते हैं । वही यहां आज शाम सवा लाख दीपदान किया जाएगा। जिसका मुख्य उद्देश्य है कि पर्यावरण शुद्ध रहे और देश में अमन चैन व सुख शांति रहे।

बाइट -मुरलीधर जोशी,श्रद्धालु

वही घोडास हनुमान मंदिर के महंत सरजू दास जी महाराज ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हिंदू धर्म के अनुसार कार्तिक माह 12 माह में सबसे बड़ा महा होता है। इस को श्रेष्ठ महीना माना गया है। इस महा में दान पुण्य और राम नाम जपने की विशेष महिमा है । इसमें दीपदान के साथ विशेष पूजा होती है । राम नाम जपने से जनता में सीधा जुड़ाव के साथ सद्भावना जागृत होती है। इस प्रसिद्ध धाम के गोविंद सरोवर के चारों तरफ कुटिया बनी हुई है । जिसमें सभी जाति के लोग कार्तिक माह में राम नाम जपते हैं । लोगों में जातिवादी वैमनस्यता है वह खत्म करना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है । पूरे भारत में कुंभ के अलावा ऐसा आयोजन और कहीं नहीं होता है। देश जातिवादी व पंथवादी में बट गया है । जिसको हमारे को एकजुट करना है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि धर्म को बचाते हुए समाज को संगठित करना ।

बाइट -सरजू दास ,
महंत थोड़ा सा हनुमान धाम ।

अब देखना यह होगा कि जिस तरह घोड़ास हनुमान मंदिर के महंत देश में जातिवादी वैमनस्यता खत्म करने के लिए अनूठी पहल कर रहे हैं उसी प्रकार अन्य महंत भी इस तरह कदम उठाते हैं जिससे देश में जातिवाद की खाई मिट सके और देश एक बार फिर विकसित देश की श्रेणी में आ सके।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

पीटीसी -सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा


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