भरतपुर. जमीनी विवाद के चलते बयाना क्षेत्र के दो लोगों ने अपने छोटे भाई के बेटे (भतीजे) का अपहरण कर लिया और उसे 10 दिन तक जंगल में एक खंडहर मकान में रखा. गुरुवार को अपहरणकर्ता उस बच्चे को बयाना पुलिस थाने के पास छोड़कर भाग गए. खुद 10 वर्षीय बालक ने पुलिस थाने पहुंच कर आपबीती बताई. वहीं, परिजनों ने करीब 10 दिन पहले अलवर जिले के कठूमर थाने में बालक की गुमशुदगी दर्ज करा रखी थी और लगातार बच्चे की तलाश कर रहे थे.
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बच्चे ने पुलिस को बताया कि वह जनूथरिया मोहल्ला अलवर में उसकी ननसार में रह रहा था और वहां रहकर पढ़ाई कर रहा है. बच्चे का आरोप है कि करीब 10 दिन पहले उसके ताऊ बल्ला और निरंजन ननसार कठूमर पहुंचे और यह कहते हुए साथ ले आए कि उसे मम्मी-पापा बुला रहे हैं. बच्चे को वो लोग एक सफेद गाड़ी में बैठाकर जंगल में ले गए औ वहां एक खण्डहरनुमा मकान में 10 दिन तक रखा. गुरुवार को ताऊ निरंजन वापस उसे बयाना के पास छोड़ गए. साथ ही बच्चे को धमकी दी कि यदि उसने अपहरण की बात किसी को बता दी तो उसके हाथ पैर तोड़ देंगे.
बच्चे ने थाने पहुंच कर पूरी घटना की जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस ने गांव परौआ सरंपच और कठूमर पुलिस से सम्पर्क किया. सरपंच ने बताया कि दो दिन पहले कठूमर पुलिस गांव आई थी और बल्ला को हिरासत में ले कर गई. पुलिस ने बताया कि बयाना कस्बे में भीतरबाडी में एक मकान को लेकर बच्चे के पिता और उसके चाचाओं के बीच विवाद चल रहा है. पुलिस ने मामले में कठूमर पुलिस को सूचना दी है. जिस पर दोपहर बाद कठूमर थाने से हेड कांस्टेबल के साथ बालक के मां-बाप बयाना थाने पहुंचे और बालक उनकी सुपुर्दगी में दे दिया.