भरतपुर. राजकीय बालिका गृह से एक बार फिर दो बालिका पलायन कर गईं. घटना के समय बालिका गृह में चार सुरक्षा गार्ड मौजूद थे, लेकिन सभी सोते रहे और बालिकाएं बालिका गृह से पलायन कर गईं. संभावना जताई जा रही है कि बालिका गृह परिसर में ही स्थित पालना गृह के झरोखे से बालिकाओं ने पलायन किया है. रविवार अलसुबह करीब 3.35 बजे जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष को घटना की जानकारी मिली. घटना के तुरंत बाद सेवर थाना पुलिस को लिखित शिकायत दी गई. हालांकि, बाद उन्हें शहर के जनाना अस्पताल परिसर से दस्तयाब कर लिया गया.
जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजाराम खतौली ने बताया कि रविवार अल सुबह 3.35 बजे मुझे सुरक्षा गार्ड ने फोन कर दो बालिकाओं के पलायन करने की जानकारी दी. सूचना मिलते ही बाल कल्याण समिति के सभी सदस्य बालिका गृह पहुंचे. जिसके बाद तुरंत सेवर थाना पुलिस को दी घटना की जानकारी दी गई. घटना के समय बालिका गृह में चार सुरक्षा गार्ड मौजूद थे.
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना के समय बालिका गृह के सभी सुरक्षा गार्ड गहरी नींद में सोए हुए थे. मौका पाकर दोनों बालिकाएं बालिका गृह परिसर से जुड़े हुए पालना गृह के छोटे झरोखे में होकर आसानी से बाहर निकल गईं. यह झरोखा पालना गृह में लावारिस बालकों को छोड़ने वालों के लिए बनाया हुआ है. पुलिस और बाल कल्याण समिति दोनों बालिकाओं की तलाश में जुटी हुई थीं.
3 दिन में ही पलायन : जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजाराम भूतोली ने बताया कि दोनों बालिकाएं 23 मार्च को ही बालिका गृह में लाई गई थीं. इनमें से एक बालिका सवाई माधोपुर जिले की थी, जबकि दूसरी भरतपुर जिले की ही थी. दोनों बालिकाओं की उम्र 16 साल थी. गौरतलब है कि राजकीय बालिका गृह से अप्रैल 2020 में भी 5 बालिकाएं खिड़की तोड़कर पलायन कर गई थीं. हालांकि, घटना के बाद पुलिस और बाल कल्याण समिति सदस्यों ने सभी बालिकाओं को दस्तयाब कर लिया था.