भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में प्रवासी पक्षियों की संख्या बढ़ने लगी है. पर्यटकों का भी आना शुरू हो गया है. नए पर्यटन सीजन को देखते हुए उद्यान प्रशासन ने पर्यटकों के लिए कई नई सुविधा शुरू की है. इसके साथ ही कई नए नियम भी लागू किए हैं. इस बार उद्यान में आने वाले पर्यटक ई रिक्शा से सिर्फ 2 घंटे में ही उद्यान घूम सकेंगे. इसके लिए शुल्क भी निर्धारित कर दिया गया है. साथ ही नए नियम के तहत प्रत्येक ई रिक्शा के साथ एक नेचर गाइड लेना अनिवार्य होगा. ताकि पर्यटक उद्यान और यहां आने वाले पक्षियों के बारे में अच्छे से जानकारी हासिल कर सकें.
घना डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि नए पर्यटन सीजन के लिए उद्यान में ई रिक्शा शुरू किए गए हैं. अभी तक ई रिक्शा का न्यूनतम 3 घंटे का शुल्क लिया जाता था. लेकिन अब कम समय में उद्यान घूमने वाले पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कम से कम 2 घंटे की ट्रिप भी शुरू कर दी है. ई-रिक्शा में अधिकतम चार पर्यटक बैठ सकेंगे और 2 घंटे के लिए उन्हें 800 रुपए का शुल्क देना होगा. जबकि पहले 3 घंटे की ट्रिप के लिए पर्यटकों को 1200 रुपए का शुल्क अदा करना होता था.
डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि नए नियम के तहत अब पर्यटकों को प्रत्येक ई रिक्शा के साथ एक नेचर गाइड लेना अनिवार्य होगा. 2 घंटे की ट्रिप में नेचर गार्ड का शुल्क भी 800 रुपए रखा गया है. हालांकि जो पर्यटक साइकिल या तांगे से घना घूमेंगे उन पर यह नियम लागू नहीं होगा। साथ ही एक साथ बड़े ग्रुप में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक नेचर गाइड लेने की छूट होगी। उन्हें अलग-अलग ई-रिक्शा के लिए अलग-अलग नेचर गाइड नहीं लेना पड़ेगा.
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सस्ते में नौकायन : डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि इस बार घना में सैलानियों के लिए नौकायन का शुल्क भी कम कर दिया गया है. गत वर्ष नौकायन का शुल्क 430 रुपए था जो कम कर के 370 रुपए कर दिया गया है. इससे सैलानियों के जेब पर कम भार पड़ेगा. गौरतला विकी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सर्दियों के मौसम में 350 से अधिक प्रजाति के पक्षी प्रवास करते हैं. जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक यहां पहुंचते हैं. उद्यान में पेंटेड स्टॉर्क, ओपन बिल स्टार्क, आईबिस, स्पून बिल, कार्मोनेंट आदि पक्षियों की संख्या बढ़ने लगी है. घोंसलों में पक्षियों के बच्चे भी दिखने लगे हैं. धीरे धीरे उद्यान में पक्षी और पर्यटकों से रौनक बढ़ने लगी है.