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बीकानेर: भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल का 256वां बलिदान दिवस मनाया गया

बीकानेर में बुधवार को संस्थापक महाराजा सूरजमल का 256वां बलिदान दिवस मनाया गया. साथ ही इस मौके पर स्थानीय किसान छात्रावास में महाराजा सूरजमल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके योगदान को याद किया गया.

बीकानेर की खबर, Founder Maharaja Surajma
महाराजा सूरजमल का 256वां बलिदान दिवस मनाया गया
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Published : Dec 25, 2019, 9:03 PM IST

Updated : Dec 25, 2019, 11:29 PM IST

बीकानेर. जिले के संस्थापक महाराजा सूरजमल का 256वां बलिदान दिवस मनाया गया. इस मौके पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ. स्थानीय किसान छात्रावास में महाराजा सूरजमल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके योगदान को याद किया गया. वहीं, इस मौके पर जाट समाज के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. इस अवसर पर किसान छात्रावास के अध्यक्ष चेतराम ने कहा कि सूरजमल का बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा.

महाराजा सूरजमल का 256वां बलिदान दिवस मनाया गया

भरतपुर के महाराजा सूरजमल ने उस समय दिल्ली को हराया था जब ज्यादातर राजा उनके अधीनता स्वीकार कर चुके थे. सूरजमल सही मायनों में असली हिंदू सम्राट राजा थे.

पढ़ें- बलिदान दिवस: ब्राह्मण कन्या की इज्जत बचाने के लिए महाराजा सूरजमल ने कर दिया था खुद का बलिदान!

इस मौके पर उपस्थित अन्य वक्ताओं ने महाराजा सूरजमल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने जात पात से ऊपर उठकर मानवता की सेवा की वह सभी धर्मों का आदर करते थे जिसके कारण उन्हें धर्म रक्षक भी कहा गया. महाराजा सूरजमल ने राजस्थान की ओर से होने वाले आक्रमणों को हमेशा साहस के साथ रोके रखा. इस मौके पर किसान छात्रावास के रखरखाव नए भवन को लेकर मंथन किया गया.

बीकानेर. जिले के संस्थापक महाराजा सूरजमल का 256वां बलिदान दिवस मनाया गया. इस मौके पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ. स्थानीय किसान छात्रावास में महाराजा सूरजमल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके योगदान को याद किया गया. वहीं, इस मौके पर जाट समाज के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. इस अवसर पर किसान छात्रावास के अध्यक्ष चेतराम ने कहा कि सूरजमल का बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा.

महाराजा सूरजमल का 256वां बलिदान दिवस मनाया गया

भरतपुर के महाराजा सूरजमल ने उस समय दिल्ली को हराया था जब ज्यादातर राजा उनके अधीनता स्वीकार कर चुके थे. सूरजमल सही मायनों में असली हिंदू सम्राट राजा थे.

पढ़ें- बलिदान दिवस: ब्राह्मण कन्या की इज्जत बचाने के लिए महाराजा सूरजमल ने कर दिया था खुद का बलिदान!

इस मौके पर उपस्थित अन्य वक्ताओं ने महाराजा सूरजमल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने जात पात से ऊपर उठकर मानवता की सेवा की वह सभी धर्मों का आदर करते थे जिसके कारण उन्हें धर्म रक्षक भी कहा गया. महाराजा सूरजमल ने राजस्थान की ओर से होने वाले आक्रमणों को हमेशा साहस के साथ रोके रखा. इस मौके पर किसान छात्रावास के रखरखाव नए भवन को लेकर मंथन किया गया.

Intro:भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल का 256 वहां बलिदान दिवस मनाया गया। इस मौके पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ स्थानीय किसान छात्रावास में महाराजा सूरजमल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके योगदान को याद किया गया। इस मौके पर जाट समाज के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे ।इस अवसर पर किसान छात्रावास के अध्यक्ष चेतराम ने कहा कि सूरजमल का बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा ।Body: सूरजमल ने दिल्ली के युद्ध में अहमद शाह अब्दाली को हराया था लेकिन एवं अहमद शाह अब्दाली ने उन्हें धोखे से शहीद कर दिया।भरतपुर के महाराजा सूरजमल ने उस समय दिल्ली को हराया था जब ज्यादातर राजा उनके अधीनता स्वीकार कर चुके थे सूरजमल सही मायनों में असली हिंदू सम्राट राजा थे।Conclusion:इस मौके पर उपस्थित अन्य वक्ताओं ने महाराजा सूरत सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने जात पात से ऊपर उठकर मानवता की सेवा की वह सभी धर्मों का आदर करते थे जिसके कारण उन्हें धर्म रक्षक भी कहा गया महाराजा सूरजमल ने राजस्थान की ओर से होने वाले आक्रमणों को हमेशा साहस के साथ रोके रखा। इस मौके पर किसान छात्रावास के रखरखाव नए भवन को लेकर मंथन किया गया
Last Updated : Dec 25, 2019, 11:29 PM IST
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