भरतपुर. शहर की सुजान गंगा नहर में दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई. दोनों बच्चे शुक्रवार शाम को घर से खेलने निकले थे, लेकिन रात भर वापस नहीं लौटे. परिजनों ने कई जगह तलाश किया, लेकिन बच्चों का कहीं पता नहीं लगा. शनिवार सुबह दोनों बच्चों के शव सुजान गंगा नहर में मिले. सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों बच्चों के शव आरबीएम जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिए हैं.
मामा विक्की ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब 7 बजे 7-8 वर्षीय हनी पुत्र मोनू और बबलू पुत्र कर्नल सिंह घर से खेलने के लिए निकले. दो-तीन घंटे बाद भी जब दोनों बच्चे घर नहीं लौटे तो परिजनों ने बच्चों की हर जगह तलाश की. परिजनों ने बच्चों की कोतवाली थाने में गुमशुदगी की लिखित शिकायत भी दी, लेकिन देर रात तक बच्चों का कहीं कोई पता नहीं चला. उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह फिर से कोतवाली थाना गए तो पुलिस ने वकील से शिकायत लिखवा कर लाने के लिए कहा.
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इसी दौरान परिजनों को सूचना मिली कि मनसा देवी मंदिर के पास सुजान गंगा नहर में दो बच्चों के शव मिले हैं. मौके पर जाकर देखा तो हनी और बबलू के शव नहर थे. परिजन तुरंत दोनों को निकालकर निजी अस्पताल लेकर गए, जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कोतवाली थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि सूचना पर दोनों बच्चों के शव आरबीएम जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिए गए हैं. मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे.
मौत की नहर बनी सुजान गंगा : असल में लोहागढ़ किले के चारों तरफ फैली सुजान गंगा नहर में आए दिन किसी ना किसी की मौत की घटना सामने आती रहती है. कई बार लोग इस नहर में कूदकर आत्महत्या कर लेते हैं तो कई बार डूबने से मौत हो जाती है.