भरतपुर. राजनीतिक इतिहास में कई रोचक घटनाक्रम हुए. जिले के नगर विधानसभा क्षेत्र में भी एक ऐसा ही रोचक वाकया हुआ था. साल 1990 के विधानसभा चुनाव का दौर था और मैदान में 31 प्रत्याशियों ने ताल ठोक दी. कोई प्रत्याशी नामांकन वापस लेने के लिए तैयार नहीं था. हालत ये हो गए थे कि 31 में से 30 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. इतना ही नहीं चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी संपत सिंह 51 साल के इतिहास में सबसे कम वोट पाने वाले विधायक बने.
17 हिंदू और 14 मेव थे मैदान में : नगर विधानसभा सीट मेव, गुर्जर और जाट मतदाताओं के प्रभाव वाली सीट रही है. साल 1990 के विधानसभा चुनाव में जनता दल से संपत सिंह, कांग्रेस से सुरेश चंद, बसपा से अली हुसैन, दूरदर्शी पार्टी से रामस्वरूप और 27 प्रत्याशी निर्दलीय मैदान में उतरे थे. 31 में से 17 प्रत्याशी हिंदू और 14 प्रत्याशी मुस्लिम-मेव थे. एक महिला प्रत्याशी साकुंतला भी चुनाव लड़ी थीं.
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30 की जब्त हो गई थी जमानत : जब मतगणना हुई तो परिणाम चौंकाने वाले थे. इस चुनाव में कुल 63,785 (63.53%) वोट पड़े थे, जिसमें संपत सिंह को सबसे अधिक 10,945 (17.16%) मत प्राप्त हुए थे. शेष सभी 30 प्रत्याशियों को इतने कम वोट मिले कि सभी की जमानत राशि जब्त कर ली गई. सबसे कम निर्दलीय प्रत्याशी रघुनाथ को 37 (0.06%) मत मिले थे. प्रत्याशी संपत सिंह 319 मतों से विजयी हुए थे.
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सबसे कम मत प्राप्त करने वाले विधायक : भरतपुर जिले में संपत सिंह साल 1972 से अब तक के विधानसभा चुनावों में सबसे कम मत प्राप्त करने वाले विधायक बने. 51 साल के राजनीतिक इतिहास में इतने कम मत किसी भी विधायक को नहीं मिले.