कामां (भरतपुर). कोरोना वायरस संक्रमण के समय अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चिकित्साकर्मी, जिनकी पूरी देश की जनता के साथ-साथ बड़े पदों पर विराजमान राजनेताओं ने भी जमकर प्रशंसा की. लेकिन कामां क्षेत्र में एक चिकित्साकर्मी के साथ रोडवेज बस चालक द्वारा मारपीट करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इसे लेकर कामां कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्साकर्मियों ने बैठक कर घटना को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए आरोपी चालक के गिरफ्तार न होने पर आंदोलन की रणनीति बनाई.
कामां कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात चंद्रभान चाहर ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते चिकित्साकर्मियों को करीब तीन माह से कोई छुट्टी नहीं दी गई थी. सभी चिकित्साकर्मी कामां कस्बा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ कार्य कर रहे थे. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रेडियोग्राफर के पद पर तैनात जितेंद्र कुमार शर्मा अपने गांव गए थे, जिसके बाद वह गांव से अपनी ड्यूटी पर बुधवार को आ रहे थे.
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ऐसे में रोडवेज बस चालक से जब उन्होंने अस्पताल के पास रोकने को कहा तो बस चालक ने बस रोकने से मना कर दिया और अभद्र व्यवहार करने लगा. उसके बाद उसने चिकित्साकर्मी के सिर पर सरिए से हमला कर दिया, जिससे वह लहूलुहान हो गया. तुरंत उसने अस्पताल कार्मिकों को फोन किया. ऐसे में अस्पताल के अन्य कार्मिक घायल अवस्था में चिकित्साकर्मी को अस्पताल लेकर आए, जहां उसका उपचार किया गया. फिलहाल, चिकित्साकर्मी ने इस मामले को लेकर कामां थाने पर रिपोर्ट दी है.
वहीं शुक्रवार को घटना को लेकर चिकित्सक कर्मियों ने अस्पताल परिसर में एक बैठक आयोजित की, जिसमें चिकित्साकर्मियों के साथ की गई मारपीट की निंदा करते हुए आरोपी चालक की गिरफ्तारी की मांग किए. उन लोगों ने कहा कि अगर आरोपी चालक की गिरफ्तारी नहीं की जाती है तो चिकित्साकर्मी कार्य बहिष्कार करने का निर्णय ले सकते हैं.