भरतपुर. आईजी ऑफिस के बाहर एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार ने आत्मदाह करने की कोशिश की. जैसे ही अधिकारियों को पता चला वे आनन फानन में पीड़ित परिवार के पास पहुंचे और उनको आईजी प्रसन्न कुमार से मिलवाने ले गए.
कामां थाना इलाके की दुष्कर्म पीड़िता न्याय के लिए 11 महीने से भटकी रही है. पीड़िता ने 18 जून को आईजी ऑफिस के सामने धरना-प्रदर्शन किया था लेकिन आईजी से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई. मंगलवार को दोबारा पीड़िता और उसके परिजन आईजी ऑफिस गुहार लगाने पहुंचे लेकिन वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त थे. जिसके बाद निराश परिजनों ने अपने ऊपर केरोसिन डाल लिया. जैसे ही पुलिस कर्मियों को इसकी सूचना मिली, वे उन्हें प्रसन्न कुमार से मिलवाने ले गए.
क्या है मामला
पीड़िता के अनुसार 18 जुलाई 2020 को नाबालिग लड़की का चार लड़कों ने अपहरण कर लिया. जिसके बाद वे उसे चंडीगढ़ ले गए और उसके साथ कई दिनों तक गैंग रेप किया. आरोपियों में एक उसका रिश्तेदार भी शामिल था.
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पीड़ित नाबालिग ने कामां थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया लेकिन पुलिस ने 1 आरोपी को ही गिरफ्तार किया. बाकी के तीन आरोपी अभी फरार हैं. साथ ही परिवार का कहना है कि इसके अलावा कामां के सीओ प्रदीप यादव में पीड़ित परिवार से अभी तक चार किश्तों में 2 लाख रूपये ले लिए. जिन्हें वापस दिलाया जाए.