भरतपुर. जिले के बयाना क्षेत्र की 13 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को आखिर करीब चार साल के इंतजार के बाद शुक्रवार को न्याय मिल गया. पॉक्सो कोर्ट ने शुक्रवार को नाबालिग से बलात्कार के आरोपी को 20 साल के कारावास और 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया (Rape convict sentenced to 20 years of jail) है.
विशिष्ट लोक अभियोजक पॉक्सो कोर्ट संख्या एक तरुण जैन ने बताया कि 25 मार्च, 2019 को बयाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 13 वर्षीय नाबालिग शाम करीब 7.30 बजे अपने घर से सरकारी बोर पर पानी भरने गई थी. वापस लौटते समय रास्ते में आरोपी राहुल, नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपने कमरे में ले गया. आरोपी ने जोर जबरदस्ती कर नाबालिग के मुंह में कपड़ा ठूंसकर उसके साथ बलात्कार किया.
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नाबालिग जब देर तक घर नहीं पहुंची, तो पीड़िता की मां अपनी बेटी को ढूंढते हुए वहां पहुंंच गई. नाबालिग के साथ आरोपी को आपत्तिजनक हालत में देखा. पीड़िता के मां ने दौड़कर उसे छुड़ाया. शोर गुल सुनकर अन्य लोग भी मौके पर पहुंच गए और आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की. पुलिस ने इस मामले में न्यायालय में चार्जशीट पेश की. इस प्रकरण में 14 दस्तावेज पेश किए गए और 13 गवाहों के बयान हुए. पॉक्सो कोर्ट नंबर एक की विशिष्ट न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने शुक्रवार को नाबालिग से बलात्कार के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी राहुल को 20 साल के कारावास एवं 50 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है.
कोटा में न्यायालय ने 12 साल की बालिका को बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के मामले में एक आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 55 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. आरोपी 1 साल पहले नाबालिग बालिका को टोंक जिले के देवली तहसील के टिकड़ गांव में ले गया था. जहां पर एक किराए के कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया था. विशिष्ट लोक अभियोजक धीरेंद्र चौधरी ने बताया कि 1 फरवरी, 2021 को नाबालिग बालिका को विनोद मीणा गुमानपुरा थाना इलाके से बहला फुसलाकर ले गया था. जिसके बाद उसे 8 फरवरी को उसकी मां ने गुमानपुरा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था.
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पुलिस ने बालिका को टोंक जिले से दस्तयाब किया और आरोपी विनोद मीणा को भी गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में पुलिस ने अनुसंधान के बाद न्यायालय में चालान पेश किया. जिसमें दोषी को अलग-अलग धाराओं में 20 साल की सजा सुनाई गई. इस मामले में 11 गवाह और 28 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए गए. जिनके बिना पर पॉक्सो न्यायालय क्रम संख्या 1 ने आज आरोपी को दोषी मानते हुए दंडित किया है.