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भरतपुरः कोरोना संक्रमण के भय से रमेश बाबा की पदयात्रा में कम रही भीड़

कोरोना संक्रमण का डर लोगों की आस्था पर भी हावी है. बरसाना के मान मंदिर से निकलने वाली श्रीराधा रानी ब्रजधाम यात्रा में हर साल हजारों की तादाद में पदयात्री शामिल होते हैं. लेकिन इस बार डेढ़ सौ यात्री ही पदयात्रा में शरीक हुए.

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रमेश बाबा की पदयात्रा में कम रही भीड़
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Published : Nov 22, 2020, 3:39 PM IST

डीग (भरतपुर). बरसाना के मान मंदिर से चलकर श्री राधा रानी ब्रजधाम यात्रा ने राजस्थान सीमा में मंगल प्रवेश किया. वहीं डीग कस्बे सहित ग्रामीण इलाकों में प्रवेश करने पर यात्रा का लोगों ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया. हालांकि कोरोना के चलते यात्रा में हर साल की अपेक्षाकृत इस बार मात्र 150 यात्री ही शामिल हो सके.

रमेश बाबा की पदयात्रा में कम रही भीड़

यात्रा प्रभारी महंत रमाकांत शास्त्री ने बताया कि बरसाना के मान मंदिर से विरक्त संत श्री रमेश बाबा की यह यात्रा यात्रा 1988 से लगातार चली आ रही है. जिसमें प्रतिवर्ष लगभग 15 से 20 हजार यात्री आते हैं. लेकिन कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रशासन द्वारा परंपरा का निर्वहन करते हुए मात्र 150 यात्रियों को ही अनुमति दी गयी है. वहीं डीग में 5 दिन विश्राम के मौके पर उन्होंने बताया कि कोरोना को देखते हुए इस बार यात्रा में 500 श्रद्धालु बृज चौरासी कोसीय यात्रा कर रहे हैं.

पढ़ेंः कोरोना संक्रमण के चलते केशवरायपाटन में कार्तिक मेला रद्द, जानें मंदिर बनने के पीछे का इतिहास और महत्व

यात्रा प्रभारी रमाकांत शास्त्री ने यात्रा का मूल उद्देश्य हरि नाम कीर्तन, गौरक्षा, ब्रज के ताल, सरोवर और पर्यावरण संरक्षण है. उन्होंने कहा कि बिना भक्ति के बृजवासी पशुवत हैं और भगवन भक्ति , बृज की संस्कृति और स्वरूप बृज के लिए ज्योति के समान है. वहीं उन्होंने बताया कि यात्रा उत्तर प्रदेश मथुरा जनपद के विभिन्न गांवों और नगरों से होकर राजस्थान के अनेकों धार्मिक स्थलों से निकलती हुई पुनः बरसाना स्थित मान मंदिर पहुंचती है.

डीग (भरतपुर). बरसाना के मान मंदिर से चलकर श्री राधा रानी ब्रजधाम यात्रा ने राजस्थान सीमा में मंगल प्रवेश किया. वहीं डीग कस्बे सहित ग्रामीण इलाकों में प्रवेश करने पर यात्रा का लोगों ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया. हालांकि कोरोना के चलते यात्रा में हर साल की अपेक्षाकृत इस बार मात्र 150 यात्री ही शामिल हो सके.

रमेश बाबा की पदयात्रा में कम रही भीड़

यात्रा प्रभारी महंत रमाकांत शास्त्री ने बताया कि बरसाना के मान मंदिर से विरक्त संत श्री रमेश बाबा की यह यात्रा यात्रा 1988 से लगातार चली आ रही है. जिसमें प्रतिवर्ष लगभग 15 से 20 हजार यात्री आते हैं. लेकिन कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रशासन द्वारा परंपरा का निर्वहन करते हुए मात्र 150 यात्रियों को ही अनुमति दी गयी है. वहीं डीग में 5 दिन विश्राम के मौके पर उन्होंने बताया कि कोरोना को देखते हुए इस बार यात्रा में 500 श्रद्धालु बृज चौरासी कोसीय यात्रा कर रहे हैं.

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यात्रा प्रभारी रमाकांत शास्त्री ने यात्रा का मूल उद्देश्य हरि नाम कीर्तन, गौरक्षा, ब्रज के ताल, सरोवर और पर्यावरण संरक्षण है. उन्होंने कहा कि बिना भक्ति के बृजवासी पशुवत हैं और भगवन भक्ति , बृज की संस्कृति और स्वरूप बृज के लिए ज्योति के समान है. वहीं उन्होंने बताया कि यात्रा उत्तर प्रदेश मथुरा जनपद के विभिन्न गांवों और नगरों से होकर राजस्थान के अनेकों धार्मिक स्थलों से निकलती हुई पुनः बरसाना स्थित मान मंदिर पहुंचती है.

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