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Rajasthan assembly Election 2023 : भरतपुर विधानसभा जाट बाहुल्य सीट, 46 साल में एक भी जाट प्रत्याशी नहीं बन पाया विधायक, यह है कारण - भरतपुर से जाट प्रत्याशी

Rajasthan Election 2023, भरतपुर की शहर विधानसभा सीट में सबसे अधिक जाट समुदाय के मतदाता हैं. इसके बावजूद पिछले 46 साल में एक भी जाट प्रत्याशी विधायक नहीं बन पाया है. यही हालात महिला प्रत्याशियों को लेकर भी है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Bharatpur City Assembly Seat
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 21, 2023, 7:15 PM IST

भरतपुर. इतिहास में जाट रियासत के रूप में पहचाने जाने वाले भरतपुर की शहर विधानसभा सीट पर राजनीतिक तासीर जाट प्रत्याशियों के पक्ष में नहीं रही. यहां सर्वाधिक मतदाता जाट समुदाय के हैं, फिर भी प्रमुख दो राजनीतिक पार्टियों ने तो बीते 46 साल में किसी जाट को अपना प्रत्याशी तक घोषित नहीं किया. यही वजह है कि बीते 46 साल में कोई जाट समुदाय का व्यक्ति भरतपुर विधानसभा सीट से चुनाव नहीं जीत पाया. हालांकि कुछ अन्य पार्टियों ने प्रत्याशी के रूप में कई जाटों को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. यही हालात महिला प्रत्याशियों को लेकर भी हैं. यहां कभी भी कोई महिला प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर पाई है.

46 साल में भाजपा-कांग्रेस ने नहीं दिया टिकट : भरतपुर विधानसभा सीट पर 1972 में भारतीय जनसंघ ने पूर्व महाराजा बृजेंद्र सिंह को प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा, जो विजयी रहे. इसके बाद वर्ष 2018 तक कांग्रेस और भाजपा में से किसी ने जाट समुदाय के व्यक्ति को टिकट नहीं दिया. वर्ष 1972 के बाद 2018 तक चार बार वैश्य समुदाय का प्रत्याशी, 5 बार ब्राह्मण समुदाय और एक बार अन्य समाज के प्रत्याशी ने यहां से चुनाव जीता.

Bharatpur City Assembly Seat
यहां देखें आंकड़ें

पढ़ें. RAJASTHAN SEAT SCAN: भरतपुर शहर में वैश्य प्रत्याशियों का दबदबा, जाट-वैश्य मतदाताओं का गठजोड़ करता है फैसला

20 साल से लगातार वैश्य विधायक : भरतपुर शहर की विधानसभा सीट पर बीते 20 साल से वैश्य समुदाय का प्रत्याशी चुनाव जीतता आया है. वर्ष 2003 में इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) की टिकट पर विजय बंसल चुनाव जीते. इसके बाद वर्ष 2008 और 2013 में भाजपा टिकट पर लगातार विजय बंसल ही चुनाव जीते. वर्ष 2018 के चुनाव में हवा बदली और कांग्रेस समर्थित रालोद (राष्ट्रीय लोक दल) के टिकट पर डॉ. सुभाष गर्ग चुनाव जीत गए.

सर्वाधिक जाट मतदाता : भरतपुर विधानसभा सीट जाट और वैश्य मतदाता सबसे ज्यादा हैं. विधानसभा सीट के कुल मतदाता 2,77,314 हैं, जिनमें से करीब 70 हजार जाट मतदाता और करीब 35 हजार से अधिक वैश्य मतदाता हैं. ऐसे में भरतपुर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी की जीत- हार, जाट और वैश्य मतदाताओं पर निर्भर करती है. बावजूद इसके यहां से वर्ष 1972 के बाद कांग्रेस या भाजपा जैसी बड़ी पार्टी ने कभी भी जाट समुदाय के व्यक्ति को प्रत्याशी घोषित नहीं किया.

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पढ़ें. Rajasthan assembly Election 2023 : इस विधानसभा सीट पर आधी आबादी तय करती है हार-जीत, यह है कारण

कोई महिला विधायक नहीं : भरतपुर विधानसभा सीट से 1972 से वर्ष 2018 तक कुल चार महिला प्रत्याशी अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से चुनावी मैदान में उतरीं, लेकिन किसी महिला प्रत्याशी को कांग्रेस और भाजपा ने अपने सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ाया. यही वजह है कि भरतपुर विधानसभा सीट पर आज तक कोई महिला विधायक नहीं बन पाई है.

भरतपुर. इतिहास में जाट रियासत के रूप में पहचाने जाने वाले भरतपुर की शहर विधानसभा सीट पर राजनीतिक तासीर जाट प्रत्याशियों के पक्ष में नहीं रही. यहां सर्वाधिक मतदाता जाट समुदाय के हैं, फिर भी प्रमुख दो राजनीतिक पार्टियों ने तो बीते 46 साल में किसी जाट को अपना प्रत्याशी तक घोषित नहीं किया. यही वजह है कि बीते 46 साल में कोई जाट समुदाय का व्यक्ति भरतपुर विधानसभा सीट से चुनाव नहीं जीत पाया. हालांकि कुछ अन्य पार्टियों ने प्रत्याशी के रूप में कई जाटों को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. यही हालात महिला प्रत्याशियों को लेकर भी हैं. यहां कभी भी कोई महिला प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर पाई है.

46 साल में भाजपा-कांग्रेस ने नहीं दिया टिकट : भरतपुर विधानसभा सीट पर 1972 में भारतीय जनसंघ ने पूर्व महाराजा बृजेंद्र सिंह को प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा, जो विजयी रहे. इसके बाद वर्ष 2018 तक कांग्रेस और भाजपा में से किसी ने जाट समुदाय के व्यक्ति को टिकट नहीं दिया. वर्ष 1972 के बाद 2018 तक चार बार वैश्य समुदाय का प्रत्याशी, 5 बार ब्राह्मण समुदाय और एक बार अन्य समाज के प्रत्याशी ने यहां से चुनाव जीता.

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20 साल से लगातार वैश्य विधायक : भरतपुर शहर की विधानसभा सीट पर बीते 20 साल से वैश्य समुदाय का प्रत्याशी चुनाव जीतता आया है. वर्ष 2003 में इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) की टिकट पर विजय बंसल चुनाव जीते. इसके बाद वर्ष 2008 और 2013 में भाजपा टिकट पर लगातार विजय बंसल ही चुनाव जीते. वर्ष 2018 के चुनाव में हवा बदली और कांग्रेस समर्थित रालोद (राष्ट्रीय लोक दल) के टिकट पर डॉ. सुभाष गर्ग चुनाव जीत गए.

सर्वाधिक जाट मतदाता : भरतपुर विधानसभा सीट जाट और वैश्य मतदाता सबसे ज्यादा हैं. विधानसभा सीट के कुल मतदाता 2,77,314 हैं, जिनमें से करीब 70 हजार जाट मतदाता और करीब 35 हजार से अधिक वैश्य मतदाता हैं. ऐसे में भरतपुर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी की जीत- हार, जाट और वैश्य मतदाताओं पर निर्भर करती है. बावजूद इसके यहां से वर्ष 1972 के बाद कांग्रेस या भाजपा जैसी बड़ी पार्टी ने कभी भी जाट समुदाय के व्यक्ति को प्रत्याशी घोषित नहीं किया.

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कोई महिला विधायक नहीं : भरतपुर विधानसभा सीट से 1972 से वर्ष 2018 तक कुल चार महिला प्रत्याशी अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से चुनावी मैदान में उतरीं, लेकिन किसी महिला प्रत्याशी को कांग्रेस और भाजपा ने अपने सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ाया. यही वजह है कि भरतपुर विधानसभा सीट पर आज तक कोई महिला विधायक नहीं बन पाई है.

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