भरतपुर. भारतीय जनता पार्टी से दो बार की पूर्व विधायक अनीता सिंह गुर्जर ने खुलकर बगावत कर दी है. अनीता सिंह ने कहा है कि भाजपा ने मेरे साथ धोखा किया है. ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है, जो कामां से 50 हजार वोटों से हारा था. अब जनता चाहती है कि मैं चुनाव लडूं, इसलिए मैं भाजपा के बंधन से मुक्त हो गई हूं. जनता की इच्छा का ध्यान रखते हुए मैं चुनाव लडूंगी.
ऐसे धोखा नहीं देना चाहिए था : पूर्व विधायक अनीता सिंह ने बुधवार दोपहर नगर स्थित अपने आवास पर क्षेत्र के लोगों के साथ वार्ता के बाद चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. उन्होंने कहा कि दो माह पूर्व पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी. इस दौरान उनसे पूछा था कि उन्हें (अनीता गुर्जर) चुनाव लड़ाएंगे या नहीं लड़ाएंगे. अगर उन्हें मौका नहीं भी दिया जाता है तो भी वो पार्टी के साथ हैं. इससे न उन्हें और न उनके कार्यकर्ताओं को दुख होगा. इसपर पार्टी की ओर से कहा गया कि जिस पौधे को पेड़ बनाया है, उसे आगे भी बढ़ाएंगे. आपका टिकट नहीं काटेंगे, लेकिन अब ऐसे व्यक्ति (जवाहर सिंह बेढम) को टिकट दे दिया, जो डीग का रहने वाला है. कामां से 50 हजार मतों से हारा था. अब नगर भाग के आए हैं. ऐसे धोखा नहीं देना चाहिए था.
वसुंधरा खेमे के 20 लोगों के टिकट काटे : अनीता सिंह ने कहा कि वो अकेली ऐसी नहीं हैं, जिसका टिकट कटा है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे खेमे के 20 लोगों के टिकट काट दिए गए हैं. अनीता सिंह ने कहा कि कुछ नेताओं ने कहा था कि तुम्हारे टिकट पर संकट है, तुम गलत कैंप में हो. इसपर कहा था कि वसुंधरा भी तो अपनी ही पार्टी की नेता हैं. मैं पार्टी से अलग नहीं हूं, पार्टी के साथ हूं. इसके बाद भी पार्टी ने मेरे साथ धोखा किया है. अब जनता चाहती है कि मैं चुनाव लडूं, इसलिए अब मैं चुनाव लडूंगी. किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी इस सवाल पर अनीता ने कहा कि अभी इसके बारे में कोई विचार नहीं किया है.
मिलने पहुंचे जवाहर सिंह : नगर से भाजपा प्रत्याशी जवाहर सिंह बेढम बुधवार दोपहर पूर्व विधायक अनीता सिंह से मिलने उनके आवास पर पहुंचे, लेकिन अनीता सिंह उस समय समाज के लोगों के साथ वार्ता कर रहीं थीं. ऐसे में दोनों की मुलाकात नहीं हो पाई और अनीता सिंह ने जवाहर सिंह से एक-डेढ़ घंटे बाद मिलने के लिए कह दिया. इसके बाद जवाहर सिंह फिर से अनीता के घर पहुंचे और दोनों के बीच बंद कमरे में वार्ता हुई. बताया जा रहा है कि अनीता सिंह ने जवाहर सिंह से स्पष्ट बोल दिया है कि जनता की इच्छा है कि मैं चुनाव लड़ूं और जनता ही मुझे चुनाव लड़ा रही है. इसके बाद जवाहर सिंह वहां से चले आए.