डीग (भरतपुर). जिले के डीग में स्थित आदिबद्री क्षेत्र में हो रहे खनन के विरोध में ग्राम पसोपा में प्रशासन और राज्य सरकार की अनदेखी और हटधर्मिता से त्रस्त हो कर साधुसंतो की ओर से अनिश्चतकालीन धरने की शुरुआत की गई. उल्लेखनीय है कि पिछले 10 सालों से स्थानीय जनमानस और ब्रज के साधू संत उपरोक्त पर्वतों पर हो रहे अवैध खनन सहित सम्पूर्ण खनन को रोकने के लिए गुहार लगा रहे हैं. धरने में हिन्दू –मुस्लिम लोग साथ अपने पर्वतों को बचाने के लिए सर्घष करते नजर आए. साथ ही धरना स्थल पर सैंकड़ों साधु संतों ने भजन कीर्तन प्रारम्भ कर दिया है.
धरना स्थल पर संपन्न हुई जनसभा में मानमंदिर के सचिव सुनील सिंह (ब्रजदास) ने कहा कि जिला ब्रज के परम धार्मिक पर्वत आदिबद्री और कन्कांचल पर हो रहे खनन को अभी तक नहीं रोका गया है, अपितु जन भावनाओं की अनदेखी कर खननकर्ताओं के साथ साठ गांठ करते हुए वृहद स्तर पर अनियंत्रित खनन कार्य करवाया जा रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि खनन माफियों ने ना केवल बड़े सरकारी अधिकारियों को प्रभावित कर रखा है वरन सरकार में बैठे राजनैतिक रसुखदारों को अपने गोरखधंधे में शामिल किया हुआ है, जिसकी जड़ें बड़े पदाधिकारियों तक फैली हुई है.
मानमंदिर के अध्यक्ष राधाकांत शाष्त्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि ब्रज क्षेत्र के सभी साधु संत और ग्रामवासी एकजुट हो आदिबद्री पर हो रहे खनन के खिलाफ निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार हो जाए और आज से शुरू हो रहे धरने को एक विशाल जन आदोंलन के रूप में खड़े करने का संकल्प लें.
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उन्होंने कहा कि यहां का प्रशासन और सरकारी तंत्र स्थानीय ग्रामीणों और साधु-संतों की अत्यंत आवश्यक, वैधानिक मांग की अनदेखी कर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रहा है. पसोपा सरपंच ने चेतावनी दी कि आज से जो धरना प्रारम्भ हो रहा इसे अंत्यंत विशाल और उग्र रूप दिए जाने की कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है. उपस्थित सभी ग्रामवासियों और साधु संतों ने आक्रोशित हो कर सर्वसम्मिति से इस आदोलन को अंतिम और निर्णायक लड़ाई बताते हुए अंतिम समय तक संघर्ष में डटे रहने की बात कही और उक्त पर्वतों पर हो रहे खनन लो तुरंत बंद करने के लिए सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और आदिबद्री को खनन मुक्त करवाने का संकल्प लिया.