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Special : यहां साथ रहते हैं सर्वधर्म के 4600 से अधिक प्रभुजन, एक ही छत के नीचे होती है नमाज, प्रार्थना और अरदास

भरतपुर का अपना घर आश्रम मानव सेवा का अनूठा उदाहरण है. यहां एक ही छत के नीचे, होली से लेकर ईद, लोहरी से लेकर क्रिसमस सहित अन्य कई त्योहार मनाए जाते हैं. कई सालों पहले शुरू किए गए इस आश्रम में आज 4600 से अधिक प्रभुजन रह रहे हैं. पढ़िए ये रिपोर्ट..

Apna Ghar Ashram in Bharatpur
यहां साथ रहते हैं सर्वधर्म के 4600 से अधिक प्रभुजन
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Published : May 8, 2023, 6:21 PM IST

यहां साथ रहते हैं सर्वधर्म के 4600 से अधिक प्रभुजन

भरतपुर. आज एक तरफ जहां देश धर्म और जाति में बंटकर रह गया है, वहीं एक जगह ऐसा भी है जहां सभी धर्म के लोग एक ही छत के नीचे रहते हैं. यहां पूजा भी होती है और प्रेयर भी. नमाज भी अदा की जाती है और अरदास भी. ये है भरतपुर का 'अपना घर आश्रम' जहां विभिन्न धर्म, जाति और समुदाय के 4600 से अधिक प्रभुजन एक साथ रहते हैं.

भरतपुर का अपना घर आश्रम मानव सेवा और सांप्रदायिक सौहार्द का अनूठा उदाहरण बना हुआ है. यहां मजबूर, दुखी और जरूरतमंद इंसान की जाति, धर्म जाने बिना पूरे दिल से मदद और सेवा की जाती है. अपना घर आश्रम के परिसर में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन आदि धर्म के 4600 से अधिक प्रभुजन (लोग) निवासरत हैं. इतना ही नहीं यहां एक ही छत के नीचे सभी धर्म के लोग बिना किसी वैमनस्य के अपने अपने पर्व, विशेष दिवस और पूजा, नमाज, अरदास करते हैं.

पढ़ें. अपना घर आश्रम के प्रभु प्रकल्प में होंगी हाईटेक सुविधाएं, नए साल से 2000 निराश्रितों को होगा लाभ

कभी जाति या धर्म नहीं पूछते : आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि आश्रम आने या लाए जाने वाले प्रभुजनों से हम कभी भी जाति, धर्म नहीं पूछते. कभी इसका हिसाब भी नहीं रखते थे, लेकिन कुछ समय पूर्व अजीम जी प्रेम जी ग्रुप की मांग पर हमने पहली बार यह आंकड़ा जुटाया कि आश्रम में किस धर्म के कितने प्रभुजन हैं.

Apna Ghar Ashram
अपना घर आश्रम में रहने वाले विभिन्न धर्मों के प्रभुजन

एक छत के नीचे सर्वधर्म : डॉ. भारद्वाज ने बताया कि हमारा प्रयास रहता है कि प्रभुजन की हर इच्छा का ध्यान रखा जाए. इसी के तहत आश्रम में एक आध्यात्मिक केंद्र का निर्माण कराया गया है. इस केंद्र में एक ही छत के नीचे सभी धर्म के लोग अपनी-अपनी इच्छा से प्रार्थना, नमाज, कीर्तन, अरदास कर सकते हैं. सभी धर्मों के विशेष त्योहार और दिन की एक सूची भी तैयार की गई है. इसके अनुसार आध्यात्मिक केंद्र दिवस विशेष पर कार्यक्रम या आयोजन भी होते हैं, जिसमें सभी धर्म के लोग सामूहिक रूप से भागीदारी निभाते हैं.

पढ़ें. अपना घर आश्रम: 22 साल में 23 हजार बिछड़ों को अपनों से मिलाया, सोशल मीडिया बना बड़ा मददगार

खास है अष्टकोणीय आध्यात्मिक केंद्र : डॉ. भारद्वाज ने बताया कि प्रभु प्रकल्प परिसर में 8 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में आध्यात्मिक केंद्र का निर्माण कराया गया है. इस पिलरलेस भवन में 1000 लोग एक साथ बैठकर आध्यात्मिक कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं. इसके चारों तरफ नवग्रह वाटिका, औषधीय और फलदार पौधे हैं. केंद्र के अंदर आठों दीवारों पर अलग-अलग धर्म के अनुसार चित्रांकन किया गया है. इससे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी एक ही छत के नीचे निश्चित स्थान पर धर्म के अनुरूप नमाज, प्रार्थना आदि कर सकते हैं.

Apna Ghar Ashram
स्पिरिचुअल पार्क की दीवारों पर धर्म के अनुसार चित्रांकन किया गया है

डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि हम प्रभुजनों के मन में धार्मिक के साथ ही आध्यात्मिक जागृति करना चाहते हैं, जिससे सभी मानव सेवा की ओर अग्रसित हो सकें. कोई किसी का बुरा न करे. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. इसीलिए हमने पूरे साल सभी धर्म के पर्व और विशेष दिन की सूची तैयार की है. इसके तहत करीब 48 पर्व मनाए जाएंगे. इन धार्मिक आयोजनों में सभी धर्म के प्रभुजन भाग लेते हैं और आनंदित होते हैं.

यहां साथ रहते हैं सर्वधर्म के 4600 से अधिक प्रभुजन

भरतपुर. आज एक तरफ जहां देश धर्म और जाति में बंटकर रह गया है, वहीं एक जगह ऐसा भी है जहां सभी धर्म के लोग एक ही छत के नीचे रहते हैं. यहां पूजा भी होती है और प्रेयर भी. नमाज भी अदा की जाती है और अरदास भी. ये है भरतपुर का 'अपना घर आश्रम' जहां विभिन्न धर्म, जाति और समुदाय के 4600 से अधिक प्रभुजन एक साथ रहते हैं.

भरतपुर का अपना घर आश्रम मानव सेवा और सांप्रदायिक सौहार्द का अनूठा उदाहरण बना हुआ है. यहां मजबूर, दुखी और जरूरतमंद इंसान की जाति, धर्म जाने बिना पूरे दिल से मदद और सेवा की जाती है. अपना घर आश्रम के परिसर में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन आदि धर्म के 4600 से अधिक प्रभुजन (लोग) निवासरत हैं. इतना ही नहीं यहां एक ही छत के नीचे सभी धर्म के लोग बिना किसी वैमनस्य के अपने अपने पर्व, विशेष दिवस और पूजा, नमाज, अरदास करते हैं.

पढ़ें. अपना घर आश्रम के प्रभु प्रकल्प में होंगी हाईटेक सुविधाएं, नए साल से 2000 निराश्रितों को होगा लाभ

कभी जाति या धर्म नहीं पूछते : आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि आश्रम आने या लाए जाने वाले प्रभुजनों से हम कभी भी जाति, धर्म नहीं पूछते. कभी इसका हिसाब भी नहीं रखते थे, लेकिन कुछ समय पूर्व अजीम जी प्रेम जी ग्रुप की मांग पर हमने पहली बार यह आंकड़ा जुटाया कि आश्रम में किस धर्म के कितने प्रभुजन हैं.

Apna Ghar Ashram
अपना घर आश्रम में रहने वाले विभिन्न धर्मों के प्रभुजन

एक छत के नीचे सर्वधर्म : डॉ. भारद्वाज ने बताया कि हमारा प्रयास रहता है कि प्रभुजन की हर इच्छा का ध्यान रखा जाए. इसी के तहत आश्रम में एक आध्यात्मिक केंद्र का निर्माण कराया गया है. इस केंद्र में एक ही छत के नीचे सभी धर्म के लोग अपनी-अपनी इच्छा से प्रार्थना, नमाज, कीर्तन, अरदास कर सकते हैं. सभी धर्मों के विशेष त्योहार और दिन की एक सूची भी तैयार की गई है. इसके अनुसार आध्यात्मिक केंद्र दिवस विशेष पर कार्यक्रम या आयोजन भी होते हैं, जिसमें सभी धर्म के लोग सामूहिक रूप से भागीदारी निभाते हैं.

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खास है अष्टकोणीय आध्यात्मिक केंद्र : डॉ. भारद्वाज ने बताया कि प्रभु प्रकल्प परिसर में 8 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में आध्यात्मिक केंद्र का निर्माण कराया गया है. इस पिलरलेस भवन में 1000 लोग एक साथ बैठकर आध्यात्मिक कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं. इसके चारों तरफ नवग्रह वाटिका, औषधीय और फलदार पौधे हैं. केंद्र के अंदर आठों दीवारों पर अलग-अलग धर्म के अनुसार चित्रांकन किया गया है. इससे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी एक ही छत के नीचे निश्चित स्थान पर धर्म के अनुरूप नमाज, प्रार्थना आदि कर सकते हैं.

Apna Ghar Ashram
स्पिरिचुअल पार्क की दीवारों पर धर्म के अनुसार चित्रांकन किया गया है

डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि हम प्रभुजनों के मन में धार्मिक के साथ ही आध्यात्मिक जागृति करना चाहते हैं, जिससे सभी मानव सेवा की ओर अग्रसित हो सकें. कोई किसी का बुरा न करे. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. इसीलिए हमने पूरे साल सभी धर्म के पर्व और विशेष दिन की सूची तैयार की है. इसके तहत करीब 48 पर्व मनाए जाएंगे. इन धार्मिक आयोजनों में सभी धर्म के प्रभुजन भाग लेते हैं और आनंदित होते हैं.

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