भरतपुर. नववर्ष के अवसर पर सोमवार को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में जश्न मनाने 1258 पर्यटक पहुंचे. पर्यटकों की संख्या को देखते हुए उद्यान प्रशासन ने शहर से अतिरिक्त करीब 100 ई-रिक्शा लगाए. कड़ाके की सर्दी के बीच सुबह से ही उद्यान की टिकट खिड़की पर पर्यटकों की लंबी कतार लग गई. पर्यटकों ने ई-रिक्शों में सवार होकर नेचर गाइड के साथ पक्षियों को निहारा. साथ ही नौकायन का भी लुत्फ उठाया.
डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि नए साल पर सोमवार को एक ही दिन में केवलादेव नेशनल पार्क में अच्छी संख्या में पर्यटक पहुंचे. सोमवार को कुल 1258 पर्यटक उद्यान पहुंचे, जिनमें 8 विदेशी पर्यटक, 817 देसी पर्यटक और 433 विद्यार्थी शामिल थे. पर्यटकों को उद्यान घूमने में किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए करीब 100 अतिरिक्त ई रिक्शा की भी व्यवस्था की गई. साथ ही पर्यटकों ने साइकिल से भी उद्यान भ्रमण कर पक्षियों की अठखेलियां देखीं.
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3 माह में 34 हजार से अधिक पर्यटक : उद्यान में बीते तीन माह में कुल 34 हजार 554 देश विदेशी पर्यटक घूमने पहुंचे. यहां देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही विदेशों से भी पर्यटक पहुंचे. उद्यान से मिली जानकारी के अनुसार अक्टूबर 2023 में 7556, नवंबर में 9023, दिसंबर माह में 16,717 देसी-विदेशी पर्यटक पहुंचे. दिल्ली से आए पर्यटक पृथ्वी ने बताया कि वो नववर्ष मनाने भरतपुर आए हैं. यहां उन्होंने संग्रहालय और लोहागढ़ किला देखा. उसके बाद केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान घूमा. पृथ्वी ने बताया कि अभी तक जिन पक्षियों के बारे में किताब या इंटरनेट पर पढ़ा था उन पक्षियों को उद्यान में खुली आंखों से देखना बहुत अच्छा लगा.
दिल्ली पर्यटक आकांक्षी ने बताया कि हम अपने परिवार के साथ दिल्ली से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में नव वर्ष मनाने के लिए आए हैं. यहां तरह-तरह के पक्षी देखे, जो बहुत ही सुंदर थे. इन्हें देखकर हमें अच्छा लगा. गौरतलब है कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सर्दियों के मौसम में करीब 350 से अधिक देसी विदेशी प्रजाति के हजारों पक्षी प्रवास पर आते हैं. उद्यान को इसीलिए दुनिया भर में पक्षियों के स्वर्ग के रूप में पहचाना जाता है. किसी जमाने में उद्यान की पहचान यहां आने वाले साइबेरियन क्रेन की वजह से हुआ करती थी, लेकिन अब साइबेरियन क्रेन बीते दो दशक से आना बंद हो गए हैं. हालांकि, यहां पर कॉमन क्रेन, स्पूनबिल, पेंटेड स्टार्क, विभिन्न प्रजाति की डक समेत तमाम प्रजाति के पक्षी आते हैं.