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भरतपुर: डीग में नवरात्री की शुरुआत, घट स्थापित कर लोगों ने की पूजा

नवसंवत्सर की शुरुआत के साथ ही नवरात्री की भी शुरुआत हो गई. इस अवसर पर डीग में लोगों ने घरों में घट स्थापित कर नौ देवियों की पूजा की. साथ ही देश को कोरोना से मुक्ति की भी कामना की.

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घट स्थापित कर लोगों ने की पूजा
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Published : Apr 13, 2021, 6:32 PM IST

डीग (भरतपुर). हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नवसंवत्सर की शुरुआत के साथ ही नवरात्री की भी शुरुआत हो गई. इस अवसर पर मां दुर्गा के 9 दिन चलने वाले नवरात्र व्रत के लिए भक्त और श्रद्धालुओं ने सुबह से ही घरों पर घट स्थापना कर नौ देवियों की विधि- विधान के साथ पूजा-अर्चना की. इस दौरान भक्तों ने घर में सुख-समृद्धि एवं विश्व शांति और मंगल कामना के लिए हवन कुंड में आहुतियां दीं. साथ ही कोरोना महामारी से शीघ्र मुक्ति की कामना भी की.

इस मौके पर पंडित चंद्रभान शर्मा ने बताया कि हिन्दू कैलेंडर अनुसार नवसंवत्सर 2078 का आरंभ होता है. विक्रम संवत 2078 एवं शाके 1943 की शुरुआत से ही हिंदुओं के सभी तिथि पर्व और त्यौहारों का निर्धारण होता है. साथ ही प्रकृति में भी नवसंवत्सर का परिदृश्य दिखाई देता है जहाँ पेड़-पौधों में पतझड़ के बाद पुष्प और फल नव पल्लवित होते हैं.

पढ़ें- Corona effect: नवरात्र में विश्व प्रसिद्ध करणी माता मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश निषेध

साथ ही बताया कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार विक्रम संवत एवं अंग्रेजी वर्ष के बीच 57 वर्ष का अंतर होता है. विक्रम संवत 2078 वर्तमान अंग्रेजी वर्ष 2021 से 57 वर्ष आगे चल रहा है फिर भी लोग अपनी संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य संस्कृति के वर्ष को मनाते आ रहे हैं जो जनवरी में शुरू होता है. जबकि नवसंवत्सर उसके 10 महीने पूर्व ही शुरू हो जाता है.

डीग (भरतपुर). हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नवसंवत्सर की शुरुआत के साथ ही नवरात्री की भी शुरुआत हो गई. इस अवसर पर मां दुर्गा के 9 दिन चलने वाले नवरात्र व्रत के लिए भक्त और श्रद्धालुओं ने सुबह से ही घरों पर घट स्थापना कर नौ देवियों की विधि- विधान के साथ पूजा-अर्चना की. इस दौरान भक्तों ने घर में सुख-समृद्धि एवं विश्व शांति और मंगल कामना के लिए हवन कुंड में आहुतियां दीं. साथ ही कोरोना महामारी से शीघ्र मुक्ति की कामना भी की.

इस मौके पर पंडित चंद्रभान शर्मा ने बताया कि हिन्दू कैलेंडर अनुसार नवसंवत्सर 2078 का आरंभ होता है. विक्रम संवत 2078 एवं शाके 1943 की शुरुआत से ही हिंदुओं के सभी तिथि पर्व और त्यौहारों का निर्धारण होता है. साथ ही प्रकृति में भी नवसंवत्सर का परिदृश्य दिखाई देता है जहाँ पेड़-पौधों में पतझड़ के बाद पुष्प और फल नव पल्लवित होते हैं.

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साथ ही बताया कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार विक्रम संवत एवं अंग्रेजी वर्ष के बीच 57 वर्ष का अंतर होता है. विक्रम संवत 2078 वर्तमान अंग्रेजी वर्ष 2021 से 57 वर्ष आगे चल रहा है फिर भी लोग अपनी संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य संस्कृति के वर्ष को मनाते आ रहे हैं जो जनवरी में शुरू होता है. जबकि नवसंवत्सर उसके 10 महीने पूर्व ही शुरू हो जाता है.

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