भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में ई-रिक्शा के साथ नेचर गाइड की अनिवार्यता का नियम पर्यटकों के लिए गलफांस बन गया है. इस नियम से जहां पर्यटकों के जेब पर शुल्क का कई गुना अतिरिक्त भार बढ़ गया है, वहीं और भी कई पेचीदगियों का सामना करना पड़ रहा है. हालत यह है कि उद्यान पहुंचने वाले पर्यटक इस नियम और फीस से खासे परेशान हैं. यहां तक कि अब पर्यटक इस नियम को लेकर उद्यान प्रशासन को शिकायत भी दर्ज कर चुके हैं और कई पर्यटक तो उद्यान घूमे बिना वापस भी लौट रहे हैं. नए नियम की वजह से बढ़ी परेशानियों को लेकर उद्यान प्रशासन का कहना है कि अब इस नियम पर समीक्षा नई सरकार बनने के बाद ही संभव है.
ये है नया नियम : असल में 5 अक्टूबर 2023 को उद्यान में ई रिक्शा के साथ नेचर गाइड की अनिवार्यता का नियम लागू किया गया. इसके तहत जो पर्यटक ई रिक्शा में उद्यान घूमना चाहेंगे, उसके साथ एक नेचर गाइड अनिवार्य रहेगा. दो घंटे की ट्रिप में एक ई रिक्शा में अधिकतर 4 पर्यटक बैठ सकेंगे. दो घंटे के लिए ई रिक्शा का शुल्क 800 रुपए और नेचर गाइड का भी शुल्क 800 रुपए रहेगा. तीन घंटे की ट्रिप में यह शुल्क 1200-1200 रुपए रहेगा. यदि पर्यटक इससे भी ज्यादा समय घूमना चाहता है तो प्रति घंटे 300-300 रुपए अतिरिक्त शुल्क लगेगा. यानी यदि चार पर्यटक ई रिक्शा से तीन घंटे घूमना चाहते हैं तो 2944 रुपए शुल्क लगेगा.
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घना घूमना हुआ महंगा : ई रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष पीतम ने बताया कि नए नियम की वजह से पर्यटकों को काफी दिक्कत हो रही है. कई पर्यटक तो शुल्क पूछकर ही वापस लौट जाते हैं. ई रिक्शा से पहले जब घना में पैडल रिक्शा संचालित थे, तो दो पर्यटक एक रिक्शा में बैठकर घूम सकते थे. एक रिक्शा का शुल्क तीन घंटे का 600 रखा गया था. लेकिन 10 पर्यटकों के साथ ही नेचर गाइड लेना अनिवार्य था. ऐसे में पर्यटकों के जेब पर कम भार पड़ता था. लेकिन अब करीब दो गुना अधिक तक महंगा पड़ रहा है.
हमने घना आकर गलती कर दी : बंगाल से आए पर्यटक परमेश्वर साथना ने बताया कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में परिवार के साथ पक्षियों को निहारने के लिए आए हैं, लेकिन जब काउंटर पर मालूम हुआ कि ई रिक्शा और गाइड लेना अनिवार्य है, तो हमने अपने परिवार के साथ विचार किया कि हमने यहां आकर गलती कर दी. ईरिक्शा और गाइड का शुल्क बहुत ज्यादा है. पर्यटक इतने पैसे वहन नहीं कर सकता है. शुल्क पता करने के बाद हमने वापस जाने का फैसला कर लिया था, लेकिन इतनी दूर आए तो पैसा खर्च कर मजबूरी में घूमना पड़ा है.
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घना जाने वाले इन बातों का रखें ध्यान
- भारतीय नागरिक का घना का प्रवेश शुल्क 136 रुपए
- विदेशी पर्यटक का शुल्क 851 रुपए
- दो घंटे के लिए ई रिक्शा व गाइड का शुल्क 800-800 रुपए
- तीन घंटे के लिए ईरिक्शा व गाइड का शुल्क 1200-1200 रुपए
- तीन घंटे के बाद प्रति घंटे 300-300 रुपए अतिरिक्त
सरकार बनने के बाद होगी समीक्षा : केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक मानस सिंह ने बताया कि उनके पास भी नए नियम को लेकर के रिक्शा चालकों की शिकायतें पहुंची हैं. यह भी सही है कि कुछ पर्यटक बिना घूमे वापस लौट रहे हैं. चूंकि यह नियम राज्य सरकार ने लागू किया है. इसलिए नई सरकार बनने के बाद हम फिर से इस नियम की समीक्षा करेंगे और इसके फायदे व नुकसान से उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे.