भरतपुर. कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोमवार सुबह सर्किट हाउस में जनसुनवाई की. जन सुनवाई के दौरान चंबल परियोजना और पेयजल से संबंधित सर्वाधिक शिकायतें सामने आई. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि चंबल परियोजना के अधिकारी मौके पर जाते नहीं हैं और न ही लोगों के फोन उठाते हैं. उन्होंने कहा कि चंबल परियोजना के अधिकारी सचेत हो जाएं नहीं तो उनपर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. जन सुनवाई के दौरान डीग क्षेत्र के गांव बहज के कुछ लोग कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह से मिले और लिखित में गांव में चंबल का पानी सप्लाई नहीं होने की शिकायत की. इस पर मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भड़ककर चंबल परियोजना के अधिकारियों को लताड़ लगा दी. उन्होंने 7 दिन के अंदर लोगों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश भी (Vishvendra Singh listened to problem of public) दिए हैं
मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि जन सुनवाई के दौरान सर्वाधिक शिकायतें चंबल परियोजना की सामने आ रही हैं. चंबल परियोजना के अधिकारी मौके पर नहीं जाते, और ना ही लोगों के फोन उठाते हैं, जनसुनवाई में आकर सिर्फ कागज लेने से क्या फायदा, यदि समस्या का समाधान ही नहीं किया जाए. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने चंबल परियोजना की अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाओ. उन्होंने कहा कि पहले भी मैंने आप लोगों को आगाह किया है, सभी अधिकारी सचेत हो जाओ नहीं तो विभागीय (minister Vishvendra Singh public hearing) कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री विश्वेंद्र सिंह की जनसुनवाई में मंत्री की संवेदनशीलता भी देखने को मिली. इस दौरान एक दिव्यांग मंत्री विश्वेंद्र सिंह के सामने पहुंचा और फर्श पर ही बैठ गया. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने एक कुर्सी मंगा कर दिव्यांग को कुर्सी पर बैठाया और उसकी समस्या सुनी और उसे समस्या के समाधान का आश्वासन दिया. जन सुनवाई के दौरान क्षेत्र के लोग बिजली, पानी, सड़क और तमाम समस्याओं को लेकर मंत्री विश्वेंद्र सिंह के पास पहुंचे. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने जनसुनवाई में मौजूद सभी विभागीय अधिकारियों को जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेने और उनका जल्द समाधान (minister Vishvendra Singh public hearing) करने के निर्देश दिए.