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Last rites of commando: कमांडो की राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि, लोगों का उमड़ा सैलाब

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Published : Mar 22, 2023, 9:33 PM IST

भरतपुर के कामां क्षेत्र के रहने वाले भीम सिंह की ड्यूटी के दौरान बीमारी के चलते मौत हो गई. रेलवे सुरक्षा विशेष बल में कमांडो भीम सिंह की अंत्येष्टि में लोगों का सैलाब उमड़ा.

Last rites of commando Bhim Singh in Bharatpur
Last rites of commando: कमांडो की राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि, लोगों का उमड़ा सैलाब

कामां (भरतपुर). कामां क्षेत्र के मोरोली गांव निवासी युवक की ड्यूटी के दौरान बीमारी के चलते मौत हो जाने के बाद मृतक युवक के पार्थिक शरीर को कस्बा के भगत सिंह तिराहे से लेकर गांव तक शव यात्रा निकालकर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई. एसडीएम एवं तहसीलदार व अन्य कोई भी नुमाइंदा प्रशासन की तरफ से मौजूद नहीं होने पर लोगों ने नाराजगी व्यक्त की. मंत्री जाहिदा खान की तरफ से सरपंच प्रतिनिधि लखी ने पुष्प चक्र अर्पित किया. जिला पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह की तरफ से कामां थानाधिकारी रामकिशन यादव ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

मृतक भीम सिंह के पिता रामधन किसान हैं. जिनके दो पुत्र एवं तीन पुत्रियां हैं. दोनों ही पुत्र देश सेवा के लिए चुने गए. छोटा भाई रणवीर सेना में कमांडो है. शहीद आरक्षी भीम सिंह कोरेस कमांडो रेलवे सुरक्षा विशेष बल में वर्ष 2014 में तैनात हुआ था. वह जगाधरी वर्कशॉप, यमुनानगर, हरियाणा में पदस्थापित था. मृतक भीम सिंह के दो पुत्र हैं. बड़ा पुत्र दीपक 9 वर्षीय जो कक्षा तीन में अध्ययनरत है. छोटा पुत्र यश 6 वर्ष का है और एलकेजी में अध्यनरत है.

पढ़ें: शहीद नायब सूबेदार देवकरण की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि, बेटों ने दी मुखाग्नि

आरपीएसएफ निरीक्षक अशोक कुमार यादव ने बताया कि भीम सिंह अपनी ड्यूटी के प्रति बहुत ही निष्ठावान था. होली पर छुट्टी लेकर आया था. 12 मार्च को छुट्टी के बाद ड्यूटी जॉइन कर ली. 13 मार्च को बुखार हुआ. रेलवे के अस्पताल में उपचार कराने पर भी कोई सुधार नहीं हुआ. इस पर उसे निजी अस्पताल में भी भर्ती कराया गया. मंगलवार शाम को ताल अस्पताल में भीम सिंह ने अंतिम सांस ली. पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ गांव लाकर आरपीएसएफ की टुकड़ी ने सलामी देते हुए पुष्प चक्र अर्पित किया. बड़े पुत्र दीपक ने मुखाग्नि दी. अंत्येष्टि के दौरान हजारों की तादात में क्षेत्र के लोग मौजूद थे.

पढ़ें: पंचतत्व में विलीन हुए सीआरपीएफ जवान कृष्ण कुमार, अंत्येष्टि में उमड़ा जनसैलाब

स्थानीय प्रशासन का नहीं पहुंचा नुमाइंदा: भीम सिंह का पार्थिव शरीर गांव लाया गया. क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, आमजन, पुलिस के अधिकारी अंत्येष्टि में शामिल हुए और पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित की. लेकिन स्थानीय प्रशासन की तरफ से कामां एसडीएम सहित अन्य कोई भी नुमाइंदा नहीं पहुंचने को लेकर ग्रामीणों ने खासी नाराजगी व्यक्त की.

कामां (भरतपुर). कामां क्षेत्र के मोरोली गांव निवासी युवक की ड्यूटी के दौरान बीमारी के चलते मौत हो जाने के बाद मृतक युवक के पार्थिक शरीर को कस्बा के भगत सिंह तिराहे से लेकर गांव तक शव यात्रा निकालकर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई. एसडीएम एवं तहसीलदार व अन्य कोई भी नुमाइंदा प्रशासन की तरफ से मौजूद नहीं होने पर लोगों ने नाराजगी व्यक्त की. मंत्री जाहिदा खान की तरफ से सरपंच प्रतिनिधि लखी ने पुष्प चक्र अर्पित किया. जिला पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह की तरफ से कामां थानाधिकारी रामकिशन यादव ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

मृतक भीम सिंह के पिता रामधन किसान हैं. जिनके दो पुत्र एवं तीन पुत्रियां हैं. दोनों ही पुत्र देश सेवा के लिए चुने गए. छोटा भाई रणवीर सेना में कमांडो है. शहीद आरक्षी भीम सिंह कोरेस कमांडो रेलवे सुरक्षा विशेष बल में वर्ष 2014 में तैनात हुआ था. वह जगाधरी वर्कशॉप, यमुनानगर, हरियाणा में पदस्थापित था. मृतक भीम सिंह के दो पुत्र हैं. बड़ा पुत्र दीपक 9 वर्षीय जो कक्षा तीन में अध्ययनरत है. छोटा पुत्र यश 6 वर्ष का है और एलकेजी में अध्यनरत है.

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आरपीएसएफ निरीक्षक अशोक कुमार यादव ने बताया कि भीम सिंह अपनी ड्यूटी के प्रति बहुत ही निष्ठावान था. होली पर छुट्टी लेकर आया था. 12 मार्च को छुट्टी के बाद ड्यूटी जॉइन कर ली. 13 मार्च को बुखार हुआ. रेलवे के अस्पताल में उपचार कराने पर भी कोई सुधार नहीं हुआ. इस पर उसे निजी अस्पताल में भी भर्ती कराया गया. मंगलवार शाम को ताल अस्पताल में भीम सिंह ने अंतिम सांस ली. पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ गांव लाकर आरपीएसएफ की टुकड़ी ने सलामी देते हुए पुष्प चक्र अर्पित किया. बड़े पुत्र दीपक ने मुखाग्नि दी. अंत्येष्टि के दौरान हजारों की तादात में क्षेत्र के लोग मौजूद थे.

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स्थानीय प्रशासन का नहीं पहुंचा नुमाइंदा: भीम सिंह का पार्थिव शरीर गांव लाया गया. क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, आमजन, पुलिस के अधिकारी अंत्येष्टि में शामिल हुए और पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित की. लेकिन स्थानीय प्रशासन की तरफ से कामां एसडीएम सहित अन्य कोई भी नुमाइंदा नहीं पहुंचने को लेकर ग्रामीणों ने खासी नाराजगी व्यक्त की.

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