भरतपुर. शहर के काली बगीची क्षेत्र में 23 फरवरी को गजेंद्र उर्फ लाला पहलवान पर फायरिंग और हमला करने वाले विनोद पथैना और उसकी गैंग के तीन आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया है. विनोद पथैना गैंग ने लाला पहलवान पर यह हमला जमीन विवाद को लेकर किया था. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को 3 दिन में ही गुड़गांव के बादशाह मेडिकल कॉलेज के पास से दबोच लिया, लेकिन जब पुलिस चारों अपराधियों को पकड़कर भरतपुर ला रही थी तो शनिवार मध्य रात्रि को आरोपियों ने लघुशंका के बहाने से भेंसोकरा के पास गाडियां रुकवाई और पुलिस के हथियार छीन कर उनपर ही 4 राउंड फायर कर दिए.
पुलिस की डीएसटी टीम ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 18 राउंड फायर किए जिसमें चारों आरोपियों के पैरों में गोली लगी. आरोपियों को फिर से दबोच कर भरतपुर के आरबीएम जिला अस्पताल और जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती करा दिया गया. आईजी गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि गजेंद्र उर्फ लाला पहलवान और हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर विनोद पथैना के बीच एक जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. इसी के चलते विनोद पथैना ने चंद्रशेखर देशवाल, अलीगढ़ निवासी प्रेमवीर और भीम सिंह के साथ मिलकर 23 फरवरी को उस पर फायरिंग और हमला किया.
ऐसे दबोचे आरोपी
भरतपुर आईजी गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि घटना के बाद 25 फरवरी को आरोपियों की तलाश के लिए अटलबंध थानाधिकारी और डीएसटी की दो टीमों को आगरा और मथुरा की तरफ भेजा गया. मुखबिर से सूचना मिली कि वांछित अपराधी विनोद पथैना, चंदू देशवाल, प्रेमवीर और भीमा काले रंग की स्कार्पियो से हरियाणा के नजफगढ़, मानेसर में छुपते हुए घूम रहे हैं. ऐसे में पुलिस की दोनों टीमें हरियाणा के नजफगढ़ में एक साथ हो गई और तकनीकी आधार पर जुटाई गई सूचना से काले रंग की स्कॉर्पियो को तलाशा गया. टीम को काले रंग की स्कार्पियो गुड़गांव के बादशाह मेडिकल कॉलेज के पास सड़क किनारे खड़ी मिली. पुलिस टीम ने स्कॉर्पियो को घेर कर चेक किया तो उसमें विनोद पथैना, चंदू उर्फ चंद्रशेखर देशवाल, अलीगढ़ निवासी प्रेमवीर और भीम सिंह पाए गए.
आईजी गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस टीमों को स्पष्ट निर्देश थे कि आरोपियों को बिना रुके सीधे भरतपुर लाया जाए. रास्ते में चाहे कुछ भी हो जाए रुकना नहीं है, लेकिन आरोपी बार-बार किसी ना किसी बहाने से गाड़ियों को रुकवाने का प्रयास करते रहे. शनिवार रात करीब 12:05 पर भरतपुर जिले के कुम्हेर क्षेत्र के भेंसोकरा के पास पहुंचे तो आरोपी विनोद और चंद्रशेखर ने लघुशंका की बात कहकर गाडियां रुकवाईं. लघुशंका के बाद जैसे ही आरोपियों को वापस गाड़ियों में बैठाया जाने लगा तो आरोपी प्रेमवीर और भीम सिंह पुलिस टीम से पिस्टल छीनकर भागने लगे. बताया जा रहा है कि मोस्टवांटेड विनोद ने सभी को कहा कि भागो और पुलिस पर गोलियां चलाओ.
पुलिस पर किए फायर
आरोपी प्रेमवीर और भीम सिंह ने पुलिस से छीनी हुई पिस्टल से उन पर ही ताबड़तोड़ चार राउंड फायर कर दिए. पुलिस टीम ने जवाब में 18 राउंड फायर किए. फायरिंग में चारों आरोपियों के पैरों में गोलियां लगी और उन्हें काबू कर पुलिस ने हथियार अपने कब्जे में ले लिए. सभी आरोपियों को वापस गाड़ियों में डाला. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों को भी मामूली चोटें आईं.
पूरी घटना की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम और पुलिस अधीक्षक को दी गई. पुलिस टीम सभी चारों घायलों को शनिवार रात करीब 1:30 बजे आरबीएम जिला अस्पताल लेकर पहुंची. घटना में विनोद पद्यना और चंद्रशेखर देशवाल की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया. जबकि प्रेमवीर और भीम सिंह का आरबीएम जिला अस्पताल के जेल वार्ड में उपचार चल रहा है.
जेल से छूटने के बाद कई वारदात
आईजी गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर विनोद पथैना एक इनामी अपराधी है, जिस पर महानिदेशक पुलिस, राजस्थान ने 25 हजार का इनाम भी घोषित किया हुआ था. विनोद 15 अक्टूबर 2022 को आगरा जेल से जमानत पर रिहा हुआ था. उसके बाद भी आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय था. विनोद पथैना ने 4 दिसंबर 2022 को जयपुर के एक व्यापारी के वाहन को टक्कर मारकर जान से मारने का प्रयास किया और 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी.
व्यापारी से मांगी थी फिरौती
इसके बाद हिस्ट्रीशीटर विनोद ने 14 दिसंबर 2022 को भरतपुर में एक व्यापारी के सिर पर हथियार लगाकर 5 लाख की फिरौती मांग कर धमकी दी गई. हिस्ट्रीशीटर के डर से व्यापारी ने पुलिस में कोई शिकायत नहीं दी, जिसके बाद पुलिस ने इस संबंध में खुद सेवर थाने में मामला दर्ज किया. इस मामले में विनोद पर गिरफ्तारी के लिए 5000 का अलग से इनाम घोषित किया गया. जबकि पहले राजस्थान डीजीपी ने 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था.
राजपासा में पकड़ने वाली थी पुलिस
आईजी ने बताया कि आगरा जेल से छूटने के बाद विनोद पथैना की आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए पुलिस ने हार्डकोर अपराधी को पकड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी. इसके लिए पहले तो हिस्ट्रीशीटर विनोद पथैना के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया और उसके बाद जिला कलेक्टर को इस्तगासा पेश कर राजपासा एक्ट 2006 में इसकी निरुद्धी के आदेश जारी करवाए गए. पुलिस राजपासा में कोई कार्रवाई करती उससे पहले ही विनोद पथैना ने 23 फरवरी को गजेंद्र उर्फ लाला पहलवान पर जानलेवा हमला करवा दिया.
पुलिस टीम में अटलबंध थाना अधिकारी विजय सिंह छोकर, मथुरा गेट एसआई रामचंद्र, डीएसटी हेड कांस्टेबल ताराचंद, अजब सिंह, सत्यवीर सिंह, जगदीश और गिरधारीलाल शामिल थे. आईजी ने कहा कि अपराधियों को पकड़ने में जज्बा दिखाने वाली टीम को सम्मानित किया जाएगा. साथ ही इनकी पदोन्नति के लिए भी उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा.
आईजी गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि घटना के बाद एफएसएल टीम के महेश शुक्ला ने घटनास्थल पर जाकर मौके का निरीक्षण किया है. उन्होंने बताया कि इलाज के बाद अपराधियों को कस्टडी में लेंगे. हिस्ट्रीशीटर विनोद पथैना और चंदू देशवाल से कई आपराधिक घटनाओं के खुलासा होने की संभावना है. प्रयास करेंगे कि इन अपराधियों से और किन-किन बदमाशों की सांठगांठ है, इनके छुपने के ठिकाने क्या हैं, अवैध हथियार के क्या स्रोत हैं, किन किन लोगों को शिकार बनाया है, कौन कौन अपराधी इनको सहयोग करते हैं और किनके साथ रंजिश है. साथ ही कौन-कौन सफेदपोश हैं.