कामां (भरतपुर). जिले में शेर के देखे जाने के बाद ग्रामीणों में दहशत फैल गई. शनिवार दोपहर को सहेड़ा गांव में एक व्यक्ति ने शेर देखने की बात ग्रामीणों को बताई. जिसके बाद ग्रामीणों ने प्रशासन और पुलिस विभाग को इसके बारे में सूचना दी. लेकिन यह केवल अफवाह निकली. वन विभाग ने मौके से मिले पैरों के निशान जरख के बताए.
क्या है पूरा मामला?
क्षेत्रीय वन अधिकारी विक्रम मीणा ने बताया कि शनिवार दोपहर को सूचना मिली कि कामां क्षेत्र के सहेड़ा गांव के जंगलों में शेर देखा गया है. जिसके बाद वन विभाग की टीम एहतियातन मौके पर पहुंंची और घटना स्थल का मुआयना शुरू किया. जिसके बाद वन विभाग ने बताया कि पैरों के निशान शेर के नहीं बल्कि जरख के हैं. वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को समझाया कि जरख पानी पीने के लिए जंगल में आया होगा. जरख किसी इंसान पर हमला नहीं करता है इसलिए डरने की जरूरत नहीं है सावधनी से अपना काम करें.
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स्थानीय ग्रामीण गौरी लाल प्रजापत ने शेर देखे जाने की बात बताई थी. जिसके बाद गांव में डर का माहौल हो गया. खेतों में काम करने वाले लोग भी अपने घरों को लौट आए. सहेड़ा गांव के आस-पास जंगल ही जंगल हैं. बरसात के चलते जंगल में कई जगह पानी भरा हुआ है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि पानी पीने के लिए जरख जंगल में आ गया होगा. प्रदेश में लगातार जंगली जानवरों के रिहायशी इलाकों में आने के कई मामले सामने आ चुके हैं.