भरतपुर. ऐसे में एक बार तो लगा कि भेड़-बकरियों का यह झुण्ड अचानक ही गलती से आ गया है. लेकिन बाद में पता चला की ये अचानक नहीं हुआ, बल्कि वहां के ग्रामीणों का यह अनोखा विरोध-प्रदर्शन है. क्योंकि उप तहसील कार्यालय में काफी समय से तहसीलदार का पद रिक्त चल रहा है, जिससे वहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इससे गुस्साए लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने का यह अनोखा तरीका अपनाया.
उप तहसील कार्यालय पर करीब सात माह से नायब तहसीलदार का पद रिक्त होने और स्थाई रजिस्ट्री बाबू नहीं होने के चलते हो रही समस्या पर लोगों ने प्रशासन की आंख खोलने के लिए विरोध करने का अलग तरीका निकाला. विरोध के दौरान ग्रामीण भेड़ बकरी एकत्रित कर उप तहसील कार्यालय में ले गए. इस दौरान ग्रामीणों ने राजस्व कार्य नहीं होने पर उप तहसील भवन को बेकार बताते हुए भेड़ बकरियों के ठहरने का स्थान घोषित कर दिया.
गौरतलब हो कि ग्रामीणों ने करीब डेढ़ माह पहले धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन किया था. वहीं एसडीएम विनोद मीणा ने स्थाई रजिस्ट्री बाबू नियुक्त कर्मी और दो दिवस में तहसीलदार का कैम्प कराने का आश्वासन दिया था. लेकिन ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो सका. ऐसे में ग्रामीण और विद्यार्थियों को दस्तावेज के लिए करीब 15 किलोमीटर दूर नदबई कस्बा स्थिति तहसील मुख्यालय तक भटकना पड़ रहा है.