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विरोध का अनोखा तरीका...ग्रामीणों ने भेड़-बकरियों को सरकारी कार्यालय में घुसाया

भरतपुर में नदबई उपखण्ड के लखनपुर गांव के ग्रामीणों ने विरोध का एक अनोखा तरीका अपनाया. ग्रामीणों ने यहां की उप तहसील कार्यालय में सैकड़ों भेड़-बकरियों को घुसा दिया. इनके चिल्लाने की आवाज सुनकर सभी भौचक्के रह गए.

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Published : Jul 18, 2019, 9:50 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 10:31 PM IST

ग्रामीणों ने सरकारी कार्यालय में भेड़ बकरियों को घुसाया

भरतपुर. ऐसे में एक बार तो लगा कि भेड़-बकरियों का यह झुण्ड अचानक ही गलती से आ गया है. लेकिन बाद में पता चला की ये अचानक नहीं हुआ, बल्कि वहां के ग्रामीणों का यह अनोखा विरोध-प्रदर्शन है. क्योंकि उप तहसील कार्यालय में काफी समय से तहसीलदार का पद रिक्त चल रहा है, जिससे वहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इससे गुस्साए लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने का यह अनोखा तरीका अपनाया.

ग्रामीणों ने सरकारी कार्यालय में भेड़ बकरियों को घुसाया

उप तहसील कार्यालय पर करीब सात माह से नायब तहसीलदार का पद रिक्त होने और स्थाई रजिस्ट्री बाबू नहीं होने के चलते हो रही समस्या पर लोगों ने प्रशासन की आंख खोलने के लिए विरोध करने का अलग तरीका निकाला. विरोध के दौरान ग्रामीण भेड़ बकरी एकत्रित कर उप तहसील कार्यालय में ले गए. इस दौरान ग्रामीणों ने राजस्व कार्य नहीं होने पर उप तहसील भवन को बेकार बताते हुए भेड़ बकरियों के ठहरने का स्थान घोषित कर दिया.

गौरतलब हो कि ग्रामीणों ने करीब डेढ़ माह पहले धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन किया था. वहीं एसडीएम विनोद मीणा ने स्थाई रजिस्ट्री बाबू नियुक्त कर्मी और दो दिवस में तहसीलदार का कैम्प कराने का आश्वासन दिया था. लेकिन ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो सका. ऐसे में ग्रामीण और विद्यार्थियों को दस्तावेज के लिए करीब 15 किलोमीटर दूर नदबई कस्बा स्थिति तहसील मुख्यालय तक भटकना पड़ रहा है.

भरतपुर. ऐसे में एक बार तो लगा कि भेड़-बकरियों का यह झुण्ड अचानक ही गलती से आ गया है. लेकिन बाद में पता चला की ये अचानक नहीं हुआ, बल्कि वहां के ग्रामीणों का यह अनोखा विरोध-प्रदर्शन है. क्योंकि उप तहसील कार्यालय में काफी समय से तहसीलदार का पद रिक्त चल रहा है, जिससे वहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इससे गुस्साए लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने का यह अनोखा तरीका अपनाया.

ग्रामीणों ने सरकारी कार्यालय में भेड़ बकरियों को घुसाया

उप तहसील कार्यालय पर करीब सात माह से नायब तहसीलदार का पद रिक्त होने और स्थाई रजिस्ट्री बाबू नहीं होने के चलते हो रही समस्या पर लोगों ने प्रशासन की आंख खोलने के लिए विरोध करने का अलग तरीका निकाला. विरोध के दौरान ग्रामीण भेड़ बकरी एकत्रित कर उप तहसील कार्यालय में ले गए. इस दौरान ग्रामीणों ने राजस्व कार्य नहीं होने पर उप तहसील भवन को बेकार बताते हुए भेड़ बकरियों के ठहरने का स्थान घोषित कर दिया.

गौरतलब हो कि ग्रामीणों ने करीब डेढ़ माह पहले धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन किया था. वहीं एसडीएम विनोद मीणा ने स्थाई रजिस्ट्री बाबू नियुक्त कर्मी और दो दिवस में तहसीलदार का कैम्प कराने का आश्वासन दिया था. लेकिन ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो सका. ऐसे में ग्रामीण और विद्यार्थियों को दस्तावेज के लिए करीब 15 किलोमीटर दूर नदबई कस्बा स्थिति तहसील मुख्यालय तक भटकना पड़ रहा है.

Intro:भरतपुर

Summery- भरतपुर में आज विरोध और प्रदर्शन करने का एक नया तरीका देखने को मिला जहाँ उप तहसील कार्यालय में सैकड़ों भेड़ बकरियों को घुसा दिया गया और वहां भेड़ बकरियों के चिल्लाने की आवाज देख सभी भौचक्के रह गए

एंकर- भरतपुर में आज विरोध और प्रदर्शन करने का एक नया तरीका देखने को मिला जहाँ उप तहसील कार्यालय में सैकड़ों भेड़ बकरियों को घुसा दिया गया और वहां भेड़ बकरियों के चिल्लाने की आवाज देख सभी भौचक्के रह गए क्योंकि एक बार तो लगा की भेड़ बकरियों का यह झुण्ड अचानक ही गलती से आ गया है लेकिन बाद में पता लगा की अकस्मात् नहीं हुआ वल्कि वहां के स्थानीय लोगों का यह अनोखा विरोध प्रदर्शन है क्योंकि उप तहसील कार्यालय में काफी समय से तहसीलदार का पद रिक्त चल रहा है जिससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिसको लेकर लोगों ने अपना विरोध प्रदर्शन करने का यह अनोखा तरीका अपनाया है |
मामला जिले में नदबई उपखण्ड के गांव लखनपुर का है जहाँ उप तहसील कार्यालय पर करीब 7 माह से नायब तहसीलदार का पद रिक्त होने एवं स्थाई रजिस्ट्री बाबू नहीं होने के चलते हो रही समस्या पर लोगों द्वारा प्रशासन की आंख खोलने के लिए विरोध करने का अलग तरीका निकाला गया ।
विरोध के दौरान ग्रामीण भेड़ बकरी एकत्रित कर उप तहसील कार्यालय में ले गए। इस दौरान ग्रामीणों ने राजस्व कार्य नहीं होने पर उप तहसील भवन को बेकार बताते हुए भेड़ बकरियों के ठहरने का स्थान घोषित कर दिया । प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने करीब डेढ़ माह पहले धरना प्रदर्शन व आमरण अनशन किया बाद में एसडीएम विनोद मीणा ने स्थाई रजिस्ट्री बाबू नियुक्त कर्मी एवं दो दिवस में तहसीलदार का कैम्प कराने का आश्वासन दिया था लेकिन ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो सका । ऐसे में ग्रामीण एवं विद्यार्थियों को दस्तावेज के लिए करीब 15 किलोमीटर दूर नदबई कस्बा स्थिति तहसील मुख्यालय तक भटकना पड़ रहा है ।
बाइट- महेश लखनपुर, एनएसयूआई प्रदेश संयोजकBody:विरोध का अनोखा तरीका,सरकारी कार्यालय में सैकड़ों भेड़ बकरियों को घुसाया Conclusion:
Last Updated : Jul 18, 2019, 10:31 PM IST
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