कामां (भरतपुर). कस्बे के ब्रज क्षेत्र को भगवान श्री कृष्ण की कीड़ा स्थलीय माना जाता है. इस क्षेत्र में अवैध खनन का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है. जिसका यहां के साधु-संत विरोध कर रहे हैं.
बाबा हरि बोल दास ने आरोप लगाते हुए बताया कि ब्रज क्षेत्र में अवैध खनन बंद कराने को लेकर काफी लंबे समय से साधु-संत लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन पूर्व में तो खनन पर अंकुश था. वर्तमान में भरतपुर माइनिंग इंजीनियर ब्रज क्षेत्र में काफी मात्रा में अवैध खनन करवा रहे हैं. जिले के गाधानेर पहाड़ में चारागाह भूमि पर अवैध खनन किया जा रहा है. अवैध खनन कर्ता पोकलेन मशीन चला कर और ब्लास्टिंग कर जमकर अवैध खनन का काम कर रहे हैं.
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भरतपुर जिला कलेक्टर नथमल डिटेल ने बताया कि अवैध खनन रोकने के लिए करीब एक महीने पहले माइनिंग इंजीनियर एसएमई की टीम बनाकर उनका मुख्यालय ब्रज क्षेत्र में किया गया था. जिसके चलते अभी कुछ दिन पहले क्षेत्र में एक बहुत बड़ी कार्रवाई की गई थी. जिसमें भारी मात्रा में विस्फोटक सामान बरामद किया गया. इसके अलावा पुलिस और आरएसी की बटालियन के सात कोआर्डिनेशन करके आने वाले दिनों में और छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई करेंगे, जिससे अवैध खनन पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके.
चारागाह पहाड़ में भी अवैध खनन
गाधानेर के चारागाह पहाड़ में भी धड़ल्ले से अवैध खनन संचालित है. जिसके चलते चारागाह पहाड़ की हरियाली तो बर्बाद हो ही रही है. साथ ही सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है. जोन में गाधानेर का पहाड़ का पत्थर महंगा मिलता है. जिससे क्रेशर प्लांट मालिक आसानी से महंगा खरीद लेते हैं और चारा का पहाड़ की हरियाली को बर्बाद करने पर उतारू हो रहे हैं.
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खनन से पहाड़ों से निकला पानी
खनन माफियाओं ने अवैध खनन कर सरकारी संपत्ति को बर्बाद कर दिया है. नियमों की धज्जियां उड़ाकर पहाड़ों में गहरे-गहरे गड्ढे खोदकर उनमें पानी निकाल दिया है.
साधु संतों ने समय-समय पर किया आंदोलन
कामां ब्रज क्षेत्र जो भगवान श्री कृष्ण की क्रीड़ा स्थलीय माना जाता है. यहां के पर्वतों पर हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए साधु संतों और आमजन ने समय-समय पर आंदोलन किया है. जब-जब साधु संत और आम जनता आंदोलन करती है, तब-तब प्रशासन कार्रवाई करती है. इसके बाद कोई इस इस ओर ध्यान नहीं देता है.